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दही खाने के फायदे | Benefits of Curd in Hindi
लगभग हर भारतीय और विदेशी घर में दही मिल ही जाती है। बच्चे, बूढ़े, जवान हर किसी का एक अपना ही कारण होता है जिसकी वजह से उन्हें दही बहुत पसंद होता है। खाने में सुखदायक ,पौष्टिक, हल्का और ताजा मलाईदार दही सबसे आराम से पचने वाले और पौष्टिक खाद्य पदार्थों में से एक है। यह ऐसा डेयरी उत्पाद है जो अपनी खूबियों के कारण हर प्रकार के व्यंजन को और भी ज्यादा लाजवाब बनाता है।
चाहे वह फल हो या स्मूदी या नाश्ते में परंतु सभी के साथ दही लगभग हर व्यंजन का स्वाद बढ़ा देता है। रसोईघरों में दही एक सबसे अहम भूमिका निभाता है। भारतीय महिलाएं इसका उपयोग सब्जी की ग्रेवी को गाढ़ा करने के लिए तथा मलाईदार बनाने के लिए करती है। इसका इस्तेमाल मीट और कबाब बनाने में भी किया जाता है।
यह अपने बेहतरीन स्वाद की वजह से हमारे रोज के भोजन के साथ एक ख़ास हिस्सा बनता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर हम रोजाना दही खाते हैं तो इससे हमें बहुत से स्वास्थ्य लाभ भी मिल सकते हैं। तो चलिए इस स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ के बारे में और ज्यादा गहराई से जानते हैं।
दही दूध का ही एक उत्पाद है जो कि दूध में फर्मेंटेशन होने से बनता है । दूध में मौजूद लेक्टोज का फर्मेंटेशन लैक्टिक एसिड बनाता है जो दूध में मौजूद प्रोटीन से रिएक्शन करके इसे दही में बदल देता है। साथ ही इसमें एक बनावट और खट्टा स्वाद भी देता है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन ,विटामिन बी6 और विटामिन B12 पाए जाते हैं जिसकी वजह से यह स्वास्थ्य से संबंधित बहुत से रोगों का निदान करने में भी कारगर सिद्ध हुआ है।
इसको बनाने के लिए दूध को पहले 72 से 75 डिग्री सेल्सियस तापमान तक गर्म किया जाता है। फिर उसे 21 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान पर ठंडा कर उसमें 1 से 2% दही मिलाकर 8 से 10 घंटे के लिए रख दिया जाता है। ऐसे में 8 से 10 घंटे बाद जो उत्पाद बनता है वह दही कहलाता है।
दही में प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है। यदि कोई व्यक्ति 200 ग्राम दही लेता है तो उसे उसमें 12 ग्राम प्रोटीन मिल जाता है। प्रोटीन पूरे दिन की काम करने की ऊर्जा को बढ़ाता है। प्रोटीन भूख को भी नियंत्रित करने में काफी मदद करता है। इसी वजह से प्रोटीन का सेवन कर व्यक्ति मोटापे से निजात पा सकता है।
दही खाने के फायदे
मोटापा भगाए दूर
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि दूध, घी, मक्खन आदि पदार्थ खाने से शरीर में चर्बी जमा होती है। पर दूध से ही बना ये उत्पाद मोटापा कम करने में मदद करता है। क्योंकि यह हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने से रोकता है। जिसकी वजह से रक्त प्रभाव में फायदा होता है तथा शरीर का मेटाबॉलिज्म सुधरता है। मेटाबॉलिज्म में बदलाव होने की वजह से शरीर में फालतू चर्बी जमा नहीं होती तथा मोटापा नहीं बढ़ता।
पेट की गर्मी का करें इलाज
कुछ आयुर्वेदिक विशेषज्ञों ने दही को अमृत तुल्य माना है। इसकी तासीर ठंडी होती है। यह पेट में बनी गर्मी या जलन को काफी हद तक कम कर ठंडक पहुंचाता है। दही से बनी लस्सी पीने से सीने में होने वाली जलन में काफी आराम मिलता है। यदि किसी को गर्मी की वजह से दस्त हो तो उसे चावल में दही मिलाकर देने से दस्त में काफी आराम होता है।
मूत्राशय संबंधित रोगों के लिए रामबाण
आयुर्वेदिक तथ्यों के अनुसार यदि सुबह उठकर सबसे पहले खाली पेट दही खाया जाए तो पूरा दिन शरीर में एनर्जी बनी रहती है। अगर खाना खाने के बाद दही में चीनी को मिलाकर खाया जाए तो यह पाचन क्रिया को बढ़ाता है। यदि किसी व्यक्ति को यूरिनरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन हो या मूत्राशय संबंधित कोई बीमारी हो तो दही में चीनी मिलाकर खाने से यह परेशानी काफी हद तक कम होती है। दही की तासीर ठंडी होने की वजह से यह शरीर के मूत्र बनाने वाले अंग मूत्राशय में भी ठंडक पहुंचाता है।
महिलाओं के रोगों के इलाज में कारगर
यदि कोई व्यक्ति गुड़ और दही को एक साथ खाता है तो शरीर में आई खून की कमी दूर हो जाती है। इससे महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द से भी निजात मिलता है और यह वजन कम करने में काफी मददगार होता है क्योंकि यह शरीर के पाचन तंत्र को बेहतर कर शरीर से कीटाणु बाहर निकालता है तथा पेट को खाना पचाने के लिए मजबूत बनाता है।
सौंदर्य वर्धक है दही
बहुत से आयुर्वेदिक नुस्खों में बताया गया है कि दही त्वचा के लिए एक बहुत ही अच्छा मॉइस्चराइजर है। यह त्वचा में चमक लाने का काम करता है। इसमें मौजूद फास्फोरस, जिंक और विटामिन ए त्वचा को चमकाने का काम करते हैं। इसमें थोड़ा बेसन मिलाकर 10 मिनट तक चेहरे पर लगाकर यदि रखा जाए तो इससे चेहरे की रंगत और चमक बढ़ती है। यदि किसी व्यक्ति को तैलीय त्वचा की परेशानी है, जिसकी वजह से उसे बार-बार मुंहासे आदि हो रहे हैं तो दही में शहद मिलाकर लगाने से इस दिक्कत से छुटकारा पाया जा सकता है।
बालों के लिए लाभकारी
दही को प्राकृतिक कंडीशनर का नाम भी दिया गया है। बहुत से लोग इसका उपयोग बालों में आई डैंड्रफ या रुसी को हटाने के लिए करते हैं। यदि दही में मुल्तानी मिट्टी को पीसकर लगाया जाए तो यह बहुत अच्छा हेयर पैक बन जाता है। तथा धोने के बाद बाल मुलायम हो जाते हैं। यह बालों को झड़ने से भी रोकने में काफी मदद करता है। जब शैंपू आदि का चलन ज्यादा नहीं था तब लोग ज्यादातर दही से बनी लस्सी से बाल धोते थे।
दही खाने का सही समय
वैसे तो दही को खाने के कुछ ज्यादा नुकसान नहीं है और इसे लोग किसी भी समय खा लेते हैं। पर आयुर्वेदिक मत के अनुसार दही को रात के समय बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए क्योंकि दही में कफ बढ़ाने के गुण पाए जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार रात्रि का समय वात प्रधान होता है। यदि ऐसे में दही खाया जाए तो शरीर में इंफेक्शन, बलगम, मोटापा और स्किन संबंधित रोग बढ़ने की आशंका ज्यादा रहती है। इसलिए रात के समय दही नहीं खाना चाहिए। आयुर्वेदिक विशेषज्ञ इसे बसंत और सर्दियों के मौसम में भी खाने से मना करते हैं क्योंकि इस मौसम में शरीर में कफ की और पित्त की वृद्धि करता है।
इम्यूनिटी बढ़ा कर रखे आपको मजबूत
दही खाने से इम्यूनिटी बढ़ाने में काफी मदद मिलती है। क्योंकि इसमें कुछ खास तरीके के प्रोबायोटिक पाए जाते हैं। रोजाना दही का सेवन करने से शरीर की रोगों से लड़ने की ताकत मजबूत होती है। जिससे व्यक्ति के बार-बार बीमार होने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है। दही खाने से वायरल संक्रमण को भी रोका जा सकता है। क्योंकि प्रोबायोटिक दवाएं ज्यादातर सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसलिए यह वायरल और बैक्टीरिया से होने वाले इन्फेक्शन को कम करते हैं। कुछ रिसर्च ने यह भी बताया है कि प्रोबायोटिक नॉर्मल खांसी,सर्दी, जुकाम आदि को ठीक करने में काफी हद तक मदद करते हैं। दही में मौजूद मैग्नीशियम, सेलेनियम और जिंक शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक होता है।
पाचन तंत्र में करे सुधार
दही में कुछ तरीके के लाइव बैक्टीरिया या प्रोबियोटिक्स पाए जाते हैं जिनका सेवन पाचन तंत्र के लिए काफी लाभकारी सिद्ध हुआ है। बाजार में कुछ तरीके के पाश्चराइज्ड दही भी पाए जाते हैं। पाश्चराइजेशन की प्रतिक्रिया के दौरान इसमें से फायदेमंद बैक्टीरिया खत्म हो जाने का डर रहता है। इसमें पाए जाने वाले कुछ मुख्य बैक्टीरिया है- बीफिडोबैक्टीरिया और लैक्टोबेसिलस बैक्टीरिया। यह बैक्टीरिया इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के लक्षणों को कम करने के लिए दिए जाते हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस में सहायक
ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति की हड्डियां अंदर से खोखली होने लगती हैं। यह खोखलापन शरीर में कैल्शियम, फास्फोरस और प्रोटीन की कमी की वजह से होता है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए महिलाओं को यह का सलाह दी जाती है कि वह दही का सेवन जरूर करें क्योंकि दही में कैल्शियम, फास्फोरस, जिंक और विटामिन बी 6 भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। जिसकी वजह से दही शरीर में कैल्शियम की कमी को भरने में काफी हद तक मदद करते हैं तथा हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।
तो यह थे दही खाने के कुछ फायदे और नुकसान। यदि फिर भी आप को दही खाने पर शरीर में कुछ अलग तरीके की एलर्जी या प्रतिक्रिया महसूस हो तो अपने डॉक्टर से एक बार परामर्श जरूर लें।
Author:
Geeta Verma Malhotra
M.Pharmacy(Ayurved)
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