डिएगो माराडोना

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डिएगो माराडोना की जीवनी | Biography of Diego Maradona

फुटबॉल की दुनिया के जाने माने खिलाड़ी डिएगो माराडोना को पूरे विश्व में एक महान और अच्छे खिलाड़ी के रूप मे जाना जाता है। उन्हें फुटबॉल के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में गिना जाता है। डिएगो माराडोना विश्व भर में अपने उपनाम माराडोना से प्रसिद्ध हुए।

दुर्भाग्यवश अर्जेंटीना के इस महान फुटबॉल खिलाड़ी का 25 नवंबर 2020 को निधन हो गया। दिल का दौरा पड़ने की वजह से 60 वर्ष की आयु में उन्होंने अपनी अंतिम सांसे ली।

पूरा नाम: डिएगो अर्मानडो माराडोना
जन्म तिथि: 30 अक्टूबर 1960
जन्म स्थान: लानोस ब्यूनस आयर्स
कद: 5 फूट 5 इंच
राष्ट्रीय टीम: अर्जेंटीना
मृत्यु तिथि: 25 नवंबर, 2020

डिएगो माराडोना का प्रारंभिक जीवन

डिएगो माराडोना का जन्म 30 अक्टूबर 1960 को लानुस की एक गरीब परिवार में हुआ था। उनका पालन पोषण विला फिओरिटो जो ब्यूनस आयर्स के दक्षिणी विभाग में बसी एक झोपड़ी वाले इलाका मे हुआ। माराडोना की तीन बहनें व दो भाई हैं, दोनों भाई भी पेशे से फुटबॉल खिलाड़ी थे।

बचपन में फुटबॉल खेलने के लिए यदि इनके पास न तो किट होती थी न फुटबॉल, ये टिन के डब्बे या बेकार के कपड़ों को गेंद(फुटबॉल) बनाकर उस से खेला करते थे।

माराडोना ने 7 नवंबर 1989 को ब्यूनस आयर्स(Buenos Aires) में अपनी मंगेतर (Diego Maradona wife) क्लाउडिया विलाफाने से विवाह कर लिया था। उनकी दो पुत्रियां डालमा नीरा(Dalma Nerea) और गियानिना डिनोरा (Gianinna Dinorah) है। माराडोना और क्लाउडिया ने 2004 में तलाक ले लिया था।

Diego Maradona Children/Diego Maradona son/Diego Maradona daughter

SonDiego Sinagra
DaughterGiannina Maradona
DaughterDalma Maradona
SonDiego Fernando Maradona Ojeda (Veronica Ojeda’s son)

उनकी पुत्रियों के अनुसार तलाक के बाद में वह दोनों मित्रवत बने रहे। तलाक की कार्रवाई के दौरान माराडोना ने यह स्वीकार किया की उनका एक और पुत्र डिएग्रो भी हैं। डिएग्रो जूनियर इटली में एक फुटबॉलर खिलाड़ी है।

माराडोना कोकीन नशे के आदी हो गए थे। नशे की लत लगने के कारण उनके फुटबॉल कैरियर पर भी बुरा प्रभाव पड़ने लगा था। खेल से संन्यास लेने के बाद भी कई वर्षों तक उनका स्वास्थ्य खराब रहा। वर्ष 2000 में उरुग्वे में छुट्टियों के दौरान माराडोना को आपातकालीन स्थिति में एक अस्पताल ले जाना पड़ा। जहां उनके खून में कोकेन की मात्रा पाई गई। जिसके बाद उन्होंने अर्जेंटीना छोड़कर ड्रग्स पुनर्वास का पालन करने के लिए क्यूबा चले गए।

18 अप्रैल 2004 में कोकीन और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करने के कारण डॉक्टर ने बताया कि वह Cardiac muscle का शिकार हो गए हैं, और उन्हें ब्यूनस आयर्स के एक अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। वर्ष 2005 में माराडोना ने बढ़ते वजन की समस्या के कारण अपनी गैस्ट्रिक बायपास सर्जरी करवाई थी जिसके बाद वह काफी हद तक दुबले हो चुके थे। 29 मार्च 2007 को माराडोना को ब्यूनस आयर्स के एक अस्पताल में दोबारा से भर्ती करवाया गया था। हेपेटाइटिस और मद्यपान के कारण उनको यह समस्या हुई थी।

8 मई 2007 को माराडोना ने अर्जेंटीना के एक टीवी शो में बताया कि उन्होंने मद्यपान का सेवन करना पूरी तरह छोड़ दिया है।

डिएगो माराडोना का फुटबॉल कॅरिअर और उपलब्धियां

माराडोना ने 1976 में अपने करियर की शुरुआत अर्जेंटीनियन जूनियर से की थी। अपने करियर की पूर्णता शुरुआत उन्होंने 1977 में हंगरी के खिलाफ खेल कर की थी ।

Diego Maradona Number: 10, वे 10 नंबर की जर्सी पहन कर अपनी टीम की तरफ से खेलते थे।

1979 मे डियागो माराडोना ने फीफा वर्ल्ड कप यूथ चैंपियनशिप को जीतने में अर्जेंटीना की ओर से बहुत ही अहम भूमिका निभाई थी। यह माराडोना की सबसे पहली बड़ी कामयाबी थी जिसके लिए उन्हें गोल्डन बॉल अवार्ड से सम्मानित किया गया।

इसके बाद माराडोना ने अपने देश के लिए 4 वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा बने- वर्ष 1982, 1986, 1990 और 1994।

वर्ष 1986 में अपनी टीम को विजयी बनाया था। 1994 के मैच को पूरा नहीं कर सके थे क्योंकि उन्हें एफेड्रिन ड्रग पॉजिटिव होने के कारण सस्पेंड कर दिया गया था।

माराडोना ने बहुत सारे क्लब के लिए भी फुटबॉल खेला है जिनमें- अर्जेंटीनोस जूनियर, बोका जूनियर्स, बार्सिलोना, नेवल ओल्ड बॉयज, नापोली आदि है।

1986 के क्वार्टर फाइनल, अर्जेंटीना बनाम इंग्लैंड मे पहले ही गोल मैडोना के हाथ से लग कर गोल पोस्ट में चली गई और रेफ्री को लगा कि बॉल उनके सर से टकराकर गई है। जिसके कारण उस गोल को द हैंड ऑफ गॉड के नाम से जाना जाता है।

नापोली में माराडोना ने प्रसिद्धि हासिल की उनके कारण ही उनकी टीम सफल हो गई थी। माराडोना के नेतृत्व में रहकर नापोली ने सीरी ए (Serie A) इटालियन चैंपियनशिप 1986-87 और 1889-1890 जीता और इसके साथ ही दो बार लीग में दूसरे स्थान पर आए थे। माराडोना के कारण नापोली को बहुत से सम्मान मिले जिनमें 1987 में कोपा इटालिया (Coppa Italia), 1989 मे UEFA कप का और 1990 इटालियन सुपर कप है।

माराडोना ने इंटरनेशनल करियर में 91 मैच खेले और 34 गोल किए, साथ ही 4 फीफा वर्ल्ड कप टूर्नामेंट खेले। इसमें शामिल 1986 वर्ल्ड कप के बाद कप्तान भी रहे थे।

डिएगो माराडोना की खास उपलब्धियां

फीफा विश्व कप 1986 विश्व कप में गोल्डन बॉल से सम्मानित होने वाले पहले खिलाड़ी थे।

2002 में फीफा ने माराडोना को सदी का सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर घोषित किया था।

1986 में मेक्सिको के विश्व कप में यह कप्तान रहे और अर्जेंटीना को इन्होंने फीफा चैंपियन बनाया था।

1979 में उन्हें दक्षिण अमेरिका का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया था।

माराडोना ने अपने फुटबॉल के करियर में कुल 312 गोल किए है।

2002 के फीफा पोल के द्वारा 1986 में उनके द्वारा किए गए दूसरे गोल को बेस्ट गोल एवं स्कोर इन वर्ल्ड कप यानी वर्ल्ड कप के इतिहास में सबसे बेहतरीन गोल बताया गया था।

2010 में टाइम्स ने माराडोना को वर्ल्ड कप के 10 बेहतरीन खिलाड़ियों में गिना था।

माराडोना ने 2000 में लिखी अपनी आत्मकथा यू you soy El Diego यानी ‘आई एम दी डिएगो’ लिखी जो उनके देश में सबसे अधिक बिकने वाली किताब बन गई थी। 2 वर्ष के बाद माराडोना ने इस पुस्तक को क्यूबन रॉयल्टी ‘दी क्यूबन पीपल एंड फीदेल’ को दान कर दी थी।

उपसंहार

डिएगो माराडोना विश्व के सबसे प्रसिद्ध फुटबॉल खिलाड़ियों में से एक हैं। उनकी मृत्यु पर हर कोई शोक मना रहा है। उनकी मृत्यु पर भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान व बीसीसीआई अध्यक्ष और सौरव गांगुली ने ट्वीट करके कहा ‘मेरे हीरो नहीं रहे। मैंने आपके लिए फुटबॉल देखा’।

माराडोना भले ही आज हमारे बीच नहीं रहे लेकिन विश्व फुटबॉल में उनके द्वारा किये गए योगदान को इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।

Author:

आयशा जाफ़री, प्रयागराज