HINDI KAVITA: जब घर में बंद हुआ इंसान

Last updated on: November 6th, 2020

जब घर में बंद हुआ इंसान

जब घर मेँ बंद हुआ इंसान हुई उत्पन्न समस्याएं निशदिन,
मिले न कोई समाधान जब घर मेँ बंद हुआ इंसान,

1- आस पास के गली मोहल्ले लगें जैसे शमशान,
सन्नाटा सा पसरा हुआ है दिखें ही न इंसान,
रात्रि भर करते थे शोर जो दुबके हैं सब स्वान,
लगती थी चौपाल सभी की रोज़ ढलते ही शाम,
सिमट गए सब घरों मेँ अपने क्योंकि प्यारे सबको प्रान,

एक ही शहर अजनबी हैं सारे न रहा कोई किसी को पहचान,
क्या होगा परिणाम स्थिति का क्या होगा अंजाम,
ऐसी फैली महामारी प्रकृति मेँ देश हुआ गुमनाम,
विकट समस्या हुई उतपन्न जो दिखे न कोई निदान,
जब घर मेँ बंद हुआ इंसान।

2- किसके आगे दुखड़ा रोये किससे मांगे भीख,
झुका नहीं जो किसी के आगे लिए स्वाभिमान की सीख,
सब हमदर्द छोड़ चले गये हैं जो थे कभी नजदीक,
मध्यम वर्गीय की जरूरतों की दब गईं दिल मेँ चीख,
उबार दे जो परिस्थितियों से नहीं रहा कोई दीख,
बाकी हैं बच्चों की स्कूल फीस का भुगतान कैसे चुकायेगा,
बिजली बिल ऋण रहता है जिस मकान,
बिन ग्राहक आवागमन के चलती नहीं दुकान,

ऋण देने को नहीं कोई राजी कहां से आये राशन का सामान,
न मिलने पर रोटी जिसने मारदी अपनी भूख,
काट लीं दुःख की काली रातें अबतो आंसू भी गये सूख,
फिर मी मिलता सभी से लेकर चेहरे पर झूठी मुस्कान,
मर गई है इंसानियत भी शायद मर गया है इंसान,
सता रही चिंता है रात दिन कैसे जुटाये रोटी कपड़ा और मकान,
इतना सब कुछ पर भी चुप है क्यूँ भगवान,
शायद इसी को हैं कहते हैं कहावत के ये तो है विधि का विधान,
कुछ इस तरह है हालात हमारे जब घर मेँ बंद हुआ इंसान।

3- पूंछो जरा हालत उनकी जो घर से मीलों दूर पड़े,
चलदिए पैदल नंगे पाओं मेँ कितने छाले ही पड़े,
दे न सका कोई रोटी पानी बस शब्दों के किये आघात कड़े,
तपती धूप और बारिश मेँ भी खुले आकाश के नीचे धरती पड़े,
पथरीले काँटों सी जमीन जो देह मेँ उसके तारों सी गड़े,
टूट गईं कितनों की सांसे कितनों ने त्याग दिए प्रान,
भला है फिर भी जीता जगता जब घर मेँ बंद हुआ इंसान।

अगर आप की कोई कृति है जो हमसे साझा करना चाहते हो तो कृपया नीचे कमेंट सेक्शन पर जा कर बताये अथवा contact@helphindime.in पर मेल करें.

1 Star2 Stars3 Stars4 Stars5 Stars (2 votes, average: 5.00 out of 5)
Loading...

Author:

सोनल उमाकांत बादल , कुछ इस तरह अभिसंचित करो अपने व्यक्तित्व की अदा, सुनकर तुम्हारी कविताएं कोई भी हो जाये तुमपर फ़िदा 🙏🏻💐😊