कमाल
सत्य अहिंसा के पथ चलकर
तूने ऐसा किया कमाल,
अंग्रेजों के छक्के छूटे
हो गये बेचारे बेहाल ।
सूझा नहीं रास्ता कोई
सोच सोचकर हो गये लाल,
सिर पर रखकर पैर भगे
अंग्रेजों के सारे लाल।
कर न सके गोला बारूद जो
तूने चल दिया ऐसा चाल,
साबरमती के संत तूने
कर दिया कमाल।
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About Author:
✍सुधीर श्रीवास्तव
शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल
बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002