HINDI KAVITA: उजियारा

उजियारा

चहुंओर फैले उजियारा
हो प्रकाश का विश्वास
धरा पर हो खुशियों का प्रकाश
जन जन में हो आपस में प्यार
फैले आपसी एकता भाईचारा।

पढ़े बेटियां, बढ़े बेटियां
सुरक्षित हों बेटियां
खुशहाल रहे बेटियां
भय ,असुरक्षा से मुक्त रहे बेटियां।

साम्प्रदायिक सदभाव हो
हर,व्यक्ति, धर्म, सम्प्रदाय में
आपसी सद्भाव हो,
समाज में खुशहाली हो,
बेरोजगारी दूर हो,
अन्न भरपूर हो,
कोई भूखा न रहे
सुख सुविधा भरपूर हो।

प्रेमभाव,सद्भाव फैले
राष्ट्र का विकास हो,
दुश्मन मुँह की खाये
सबका विश्वास हो
उजियारा जग में फैले
हर चेहरे पर खुशियों का नूर हो।

Read Also:
हिंदी कविता: मुक्त ही करो
हिंदी कविता: स्वदेशी

अगर आप की कोई कृति है जो हमसे साझा करना चाहते हो तो कृपया नीचे कमेंट सेक्शन पर जा कर बताये अथवा contact@helphindime.in पर मेल करें.

यह कविता आपको कैसी लगी ? नीचे 👇 रेटिंग देकर हमें बताइये।

1 Star2 Stars3 Stars4 Stars5 Stars (1 votes, average: 5.00 out of 5)
Loading...

कृपया फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और whatsApp पर शेयर करना न भूले 🙏 शेयर बटन नीचे दिए गए हैं । इस कविता से सम्बंधित अपने सवाल और सुझाव आप नीचे कमेंट में लिख कर हमे बता सकते हैं।

About Author:

सुधीर श्रीवास्तव
शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल
बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002