Hindi Story Ye Kaisa Shraddhabhaav

Last updated on: September 22nd, 2021

Hindi Story Ye Kaisa Shraddhabhaav
Hindi Story Ye Kaisa Shraddhabhaav | संस्मरण-ये कैसा श्रद्धाभाव?

Hindi Story Ye Kaisa Shraddhabhaav | संस्मरण-ये कैसा श्रद्धाभाव?

इस समय पितृ पक्ष चल रहा है।हर ओर तर्पण श्राद्ध की गूँज है। अचानक मेरे मन में एक सत्य घटना घूम गई।
रमन(काल्पनिक नाम) ने कुछ समय पहले मुझसे एक सत्य घटना का जिक्र किया था। रमन के घर से थोड़ी ही दूर एक मध्यम वर्गीय परिवार रहता था। बाप रिटायर हो चुका था। दो बेटे एक ही मकान के अलग अलग हिस्सों में अपने परिवार के साथ रहते थे। पिता छोटे बेटे के साथ रहते थे क्योंकि बड़ा बेटा शराबी था। देखने में सब कुछ सामान्य दिखता था। दोनों भाईयों में बोलचाल तक बंद थी।

अचानक एक दिन पिताजी मोहल्ले में अपने पड़ोसी से अपनी करूण कहानी कहने लगे।
हुआ यूँ कि दोनों बेटों ने उनके जीवित रहते हुए ही उनका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर एक दूसरा मकान, जो पिताजी ने नौकरी के दौरान लिया था, उसे अपने नाम कराने की साजिश लेखपाल से मिलकर रच डाली।

संयोग ही था कि पिता को पता चल गया और उनकी साजिश नाकाम हो गई।
धीरे धीर बात पूरे मोहल्ले में फैल गई लोग आश्चर्य से एक दूसरे से यही कह रहे थे कि आखिर इन दोनों को ऐसा करने कि जरूरत क्या थी?

आखिर सच भी खुल ही गया कि वे दोनों ही उस मकान को बेंचना चाहते थे। लेकिन समझ में ये नहीं आ रहा था कि आखिरकार पिता की सारी सम्पति के वारिस तो ये दोनों ही थे।

विश्वास करना कठिन लगता है,परंतु सच इसलिए करना होगा कि सब कुछ रमन स्वयं देख चुका था। यही नहीं जब इनके पिताजी नहीं रहे तो मृत्यु वाले दिन रात भर उनकी लाश बाहर लावारिस की तरह पड़ी थी, जिसकी रखवाली खुद रमन ने अपने एक मित्र के साथ भोर तक की, क्योंकि सुपुत्र महोदय सपरिवार सोने के लिए अंदर हो गए और चैनल भी बंद कर लिया। भोर में जब लोग आने लगे तब रमन और उनका मित्र अपने घर गये।

शायद इसीलिए कहा जाता है कि विनाश काले विपरीत बुद्धि।
कहानी सुनाने कहने का मेरा मतलब सिर्फ इतना भर है कि विचार कीजिए कि ऐसी औलादों के द्वारा किया गया श्राद्ध तर्पण तीर्थ आदि पुरखों को कितना भाता होगा?

LoudspeakerAll HINDI KAVITA

Loudspeakerलौटकर नहीं आओगी

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Author:

Sudhir Shrivastava
Sudhir Shrivastava

सुधीर श्रीवास्तव
शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल
बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002