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कर्नाटक का इतिहास और रोचक तथ्य | Karnataka History and Interesting Facts in Hindi
कर्नाटक दक्षिण भारत में स्थित एक प्रदेश हैं जिसका गठन 1 November 1956 को हुआ था। पहले इसे मैसूर के नाम से जाना जाता था। लेकिन वर्ष 1973 में इसका नामकरण किया गया और यह कर्नाटक कहलाया। कर्नाटक अपनी विशिष्ट संस्कृति, रीति रिवाज और अपने भव्य मंदिरों व सुंदर शहरों के लिए प्रसिद्ध है। यह लोगों के लिए न सिर्फ आकर्षक पर्यटन स्थल है बल्कि यहां का खानपान में विश्व भर में प्रसिद्ध है। आइए जानते हैं कर्नाटक से जुड़ी कुछ जानकारियां:-
कर्नाटक का इतिहास (History of Karnataka in Hindi)
भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 1953 में मैसूर राज्य का गठन किया गया था। इस राज्य में 1956 में कन्नड़ बहूल क्षेत्रों को शामिल किया गया। तब जाकर यह कर्नाटक राज्य बना। 1973 से पहले इस राज्य को मैसूर के नाम से जाना जाता था।
साल 1973 में जाकर इसे कर्नाटक का नाम दिया गया। इसकी राजधानी का नाम बेंगलुरू है। जनसंख्या की दृष्टि से कर्नाटक भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक है। इस राज्य की सीमाएं महाराष्ट्र, गोवा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से मिलती है। इसके दक्षिण में केरल तथा दक्षिण पूर्व में तमिलनाडु है। कर्नाटक अपने चारों तरफ से अरब सागर और लक्षद्वीप समूह से घिरा हुआ है।
कर्नाटक के जिले
कर्नाटक में कुल 30 जिले हैं। जब भारत को आजादी मिली तब राज्यों का पुनर्गठन होना शुरू हुआ था। उस दौरान मैसूर राज्य में से कुछ जिलों को निकालकर कर्नाटक का गठन किया गया। कर्नाटक के इन 30 जिलों को चार भागों में विभाजित किया गया है। यह भाग है बेंगलुरु, बेलागावी, मैसूर और कालाबुरागी।
बेंगलुरु में 9 जिले बेलागावी में 7, मैसूर में 8 तथा कालाबुरागी में 6 जिले शामिल है। इन जिलों में 270 शहर और 29406 गांव शामिल है। वहीं जिलों का संचालन जिला अधिकारी और भागों को विभागीय कमिश्नर द्वारा संचालित किया जाता है। साक्षरता की दृष्टि से दक्षिण कन्नड़ सबसे अधिक साक्षरता वाले जिले में से एक है। वही बेंगलुरू कर्नाटक का सबसे अधिक जनसंख्या वाला जिला है। वहीं क्षेत्रफल की दृष्टि से बेलगांव सबसे बड़ा जिला है।
कर्नाटक की जलवायु
कर्नाटक में सर्दी, गर्मी, वर्षा और मानसून यह चार मौसम आते है। जनवरी और फरवरी के महीने में यहां पर ठंड होती है और मार्च से मई तक यहां गर्मी का मौसम होता है। जून से सितंबर के बीच यहां वर्षा ऋतु और अक्टूबर से दिसंबर के बीच यहां मानसून होता है।
कर्नाटक की भाषा
कर्नाटक की आधिकारिक भाषा कन्नड़ है। इस भाषा का प्रयोग राज्य में सबसे ज्यादा किया जाता है। इसे एक शास्त्रीय भाषा भी माना जाता है। कर्नाटक की स्थापना के पीछे भी कन्नड़ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यहां की मूल भाषाएं कोंकणी, तुल्लू कोडवा आदि है। कर्नाटक में तूल्लू भाषा यहां के तटीय जिलों व उडीपी के कुछ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों द्वारा बोली जाती है। यहां के मुस्लिम समुदाय के लोग उर्दू भाषा का प्रयोग करते हैं।
कर्नाटक की जनसंख्या
साल 2011 में हुई जनगणना के अनुसार कर्नाटक की जनसंख्या 61,095,297 है। जिसमें पुरुषों की संख्या 30,966,657 और महिलाओं की संख्या 30,128,640 है। यहां की जनसंख्या का घनत्व 319 प्रति वर्ग किलोमीटर है।
यहां की साक्षरता दर 75.36% है जिनमें पुरुषों की साक्षरता दर 82.47% और महिलाओं की साक्षरता दर 68.0 8% है। राज्य में हिंदू धर्म की आबादी 83 फ़ीसदी है इसके अलावा यहां पर मुस्लिम, इसाई जैसे अनेक धर्मों के लोग रहते हैं।
कर्नाटक की संस्कृति
कर्नाटक बहुभाषी राज्य है तथा यहां पर कई जाति समुदाय से संबंधित लोग निवास करते हैं। यहां पर पाई जाने वाली जातियों में तुलुग, कोंकणी, कोडव, सोलिग, टोडा और सिद्धि जातियां शामिल है। यहां की परंपरागत लोक कलाओं में घुमक्कड़, कथावाचक, नृत्य, नाटक और संगीत आदि शामिल है। नाटक के यहां दो मुख्य प्रकार यक्षण और तटीय है।
कर्नाटक के खान पान
साउथ इंडियन फूड सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व भर में प्रसिद्ध है। कर्नाटक के खाने का स्वाद लाजवाब होता है। यहां आपको शाकाहारी से लेकर मांसाहारी खाने की अलग-अलग श्रृंखला देखने को मिलेगी। यहां पर अलग-अलग तरह के व्यंजन पाए जाते हैं जिनमें उडुपी, मालनाडु और मंगलोरी भोजन प्रसिद्ध है। दक्षिण भारत के खाने में आपको मुख्यतः चावल दिखाई देगा।
यहां जो लोग तटीय क्षेत्रों के करीब निवास करते हैं वह मछली करी खाना पसंद करते हैं। इसके अलावा यहां अधिकतर लोग अपने खाने में दही का इस्तेमाल करते हैं। प्राचीन परंपरा के मुताबिक कर्नाटक में पहले केले के पत्ते पर भोजन खाया जाता था। कर्नाटक के टॉप फूड्स में नीर डोसा, कोर्री गस्सी, कंडापूरा कोली सारु, मैसूर मसाला डोसा, आलूगेड्डा, मैसूर पाक, हालबाई, आदि शामिल है।
कर्नाटक के मुख्य त्यौहार
कर्नाटक में पूरे साल कला संस्कृति से संबंधित अलग-अलग त्योहार आयोजित किए जाते हैं। यहां के त्योहारों में कर्नाटक के परंपरा की झलक नजर आती है। आइए जानते हैं कर्नाटक के कुछ प्रमुख त्योहारों के बारे में:-
1. हम्पीफेस्टिवल
यह कर्नाटक का प्रसिद्ध त्यौहार है जिसे कवि पुरंदर दास के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। दरअसल कवि पुरंदर दास ने कर्नाटक के सांस्कृतिक गौरव को ऊंचाइयों तक पहुंचाया था। वे हम्पी शहर में ही रहते थे इसीलिए यह त्यौहार हम्पी फेस्टिवल के नाम से जाना जाता है। विश्व भर के लोग इस त्यौहार की ओर आकर्षित होते हैं इस त्यौहार में कला, नृत्य, शो, कठपुतली और आतिशबाजी किए जाते हैं।
2. होयसला महोत्सव
इस त्यौहार को मार्च महीने में मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में नृत्य आयोजित किया जाता है जहां मूलनिवासी अपनी संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं। इसका प्रमुख आकर्षण है, भव्यता से सजे हुए यहां के सुंदर मंदिर।
3. उगादी
इस त्यौहार को गुड़ी पड़वा के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल ये त्यौहार नए साल की शुरुआत का एक प्रतीक है। प्राचीन किवदंतियों के मुताबिक यह त्यौहार इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन ब्रह्मा ने ब्रह्मांड का निर्माण करना शुरू किया था। इस त्योहार के दिन घरों और मंदिरों को सुसज्जित किया जाता है तथा तरह-तरह के खानपान की व्यवस्था की जाती है। इस दिन को काफी शुभ माना जाता है।
कर्नाटक के पर्यटन स्थल
- बैंगलोर
बैंगलोर कर्नाटक का प्रमुख पर्यटन स्थल है। इस शहर में आपको अलग-अलग संस्कृतियों का मेल दिखाई देगा। यहां घूमने की सबसे अच्छी जगह बैनरघट्टा, जैविक पार्क, टीपू सुल्तान के पैलेस के तितली पार्क, बैंगलोर पैलेस आदि शामिल है। इसके अलावा बैंगलोर का कब्बन पार्क काफी प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। इस पार्क में सड़क के किनारों में मॉल तथा बाजार भी लगे हैं जहां से पर्यटक अपने लिए खरीदारी कर सकते हैं। यहां पर आपको रेस्टोरेंट्स, स्ट्रीट फूड, कॉर्नर कैफे जैसी सारी सुविधाएं मिलेंगी।
- हम्पी
कर्नाटक के हंपी शहर के खंडहर काफी प्रसिद्ध है। इस जगह को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया है। यह कर्नाटक के टॉप पर्यटन स्थलों में से एक है। यह शहर पहाड़ियों और घाटियों की गहराई पर स्थित है। इसे एक ऐतिहासिक स्थल माना जाता है। दरअसल यहां विजयनगर साम्राज्य के 5000 प्राचीन स्मारक, स्ट्रीट मार्केट ,गढ़ सुंदर मंदिर स्थित है।
- बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान
यह राष्ट्रीय उद्यान एक समय में मैसूर के महाराजा के शिकारगाह की जगह थी। साल 1974 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत इसे एक रिज़र्व में स्थापित किया गया। इस राष्ट्रीय उद्यान में आपको तरह-तरह के वन्यजीव और जंगल दिखाई देंगे। यदि आप भी बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान जाना चाहते हैं तो यह मैसूर, ऊटी से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लेकिन आप जब भी जाएं इस बात का ध्यान जरूर रखें कि यहां 9:00 बजे से सुबह के 6:00 बजे तक यातायात पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि तेज रफ्तार से ड्राइविंग की वजह से यहां पर कई सारे जानवर मारे जा चुके हैं।
कर्नाटक से जुड़े कुछ रोचक तथ्य (Interesting facts about Karnataka in Hindi)
- कर्नाटक का नाम कुरुनाडू के नाम पर रखा गया है जिसका अर्थ होता है भव्य उच्च भूमि।
- कर्नाटक की राजधानी बंगलुरु है जिसे सिलिकॉन वैली के नाम से जाना जाता है।
- कर्नाटक के सबसे बड़े शहरों में हुबली, मंगलौर, मैसूर, हसन और बंगलुरु शामिल है।
- कुछ विद्वानों शोधकर्ताओं का मानना है कि सिंधु घाटी सभ्यता व प्राचीन कर्नाटक के मध्य कुछ जुड़ाव जरूर था।
- भारत की स्वतंत्रता के बाद जयचमराजेंद्र वोडेयार ने मैसूर को भारत में विलय की अनुमति दी थी जिसके बाद साल 1950 में यह भारत का हिस्सा बना था।
- भारत में तिलहन के उत्पादन में कर्नाटक का स्थान पांचवा है।
- कर्नाटक वह पहला राज्य है जहां विश्व में पहला परिवार नियोजन क्लिनिक खोला गया था।
- कर्नाटक की प्रमुख नदियों में कावेरी, कृष्णा, तुंगभद्रा, शरावती शामिल है।
- कर्नाटक के हम्पी गांव के बारे में रामायण में लिखा गया है कि इसी जगह भगवान राम और उनके भाई लक्ष्मण, सीता की तलाश में आए थे।
- कनार्टक के हंपी के खंडहर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर में शामिल किया गया है।
कर्नाटक से जुड़े हुए कुछ सवाल-जवाब
Ques: कर्नाटक में कितने बाघ हैं? (How many Tigers in Karnataka?)
Ans: बाघों की वर्तमान आबादी के मामले में कर्नाटक को देश का नंबर 1 राज्य घोषित किया गया है। वर्तमान(2021) में कर्नाटक में बाघों की संख्या लगभग 300 के आसपास है।
Ques: कर्नाटक की कुल आबादी कितनी है? (How much population in Karnataka?)
Ans: 2011 की जनगणना के अनुसार कर्नाटक की कुल आबादी 6.11 Crores (61,095,297) है।
Ques: कर्नाटक में कौन सी भाषा बोली जाती है? (Which language is spoken in Karnataka?)
Ans: कन्नड़ भाषा दक्षिण भारत की द्रविड़ भाषाओं में से एक है और कर्नाटक की बहुतायत में बोली जाने वाली भाषा है।
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना कर्नाटक का इतिहास और रोचक तथ्य (Karnataka History and Interesting Facts in Hindi), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
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Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।