History of Odisha in Hindi

History of Odisha in Hindi
Pic: Shree Jagannath Temple Puri, Odisha
History of Odisha & Interesting Facts in Hindi | ओडिशा का इतिहास और रोचक तथ्य

History of Odisha & Interesting Facts in Hindi | ओडिशा का इतिहास और रोचक तथ्य

ओडिशा भारत के खूबसूरत प्रदेशों में से एक है। यह प्रदेश अपने अंदर कई सांस्कृतिक पहलुओं को समाए हुए हैं। यहां की कला, संस्कृति, तीज-त्योहार और ऐतिहासिक स्मारक आपका मन मोह लेंगे। तो आइए भारत के इस राज्य से जुड़ी कुछ बातों को जाने:-

नामउड़ीसा
राजधानीभुवनेश्वर
भाषाउड़िया
जनसंख्या (2011)4,19,74,218
क्षेत्रफल155,707 वर्ग किलोमीटर
जिले30
स्थापना1 अप्रैल 1936
साक्षरता दर72.9%
ओडिशा में आने वाली प्रमुख नदियांमहानदी
सिलेरू नदी
ब्राह्मणी नदी
वैतरणी नदी
सुवर्णलेखा नदी
History of Odisha & Interesting Facts in Hindi | ओडिशा का इतिहास और रोचक तथ्य

ओडिशा का इतिहास (History of Odisha)

ओडिशा का नाम भागीरथ वंश के राजा ओड के नाम पर रखा गया था। राजा ओड ने अपने नाम पर दो राज्यों की स्थापना की थी। एक राज्य का नाम था नवीन ओड-वंश। वही दूसरे राज्य का नाम था ओड्र राज्य, यह ओड्र ही ओडिशा का प्राचीन नाम है।

प्राचीन काल में उड़ीसा को और भी कई अन्य नामों से जाना जाता था जिनमें कलिंग, उत्कल, उत्करात, ओड्र, दक्षिण कोशल, कंगोद, ओद्र और मत्स आदि प्रमुख है। मध्यकाल में ओडिशा को ‘उड़ीसा’ के नाम से जाना जाता था। लेकिन 4 नवंबर 2011 को इसके नाम को अधिकारिक रूप से बदलकर ओडिशा रख दिया गया।

ओडिशा के इतिहास पर नज़र फरमाए तो पहले ओड़िशा को कलिंग के नाम से जाना जाता था। यही पर सम्राट अशोक ने चढ़ाई कर विजय प्राप्त की थी। लेकिन उनका मन परिवर्तन हुआ। उन्होंने कर्मकांड में क्षुब्ध होकर युद्ध का त्याग कर दिया और बुद्ध के अनुयाई बन गए। इस राज्य पर समय-समय पर कई लोगों ने राज किया है। यहां पर अंग्रेजों ने भी अपना अधिकार जमाया था।

1 अप्रैल 1936 में जाकर ओडिशा राज्य की स्थापना की गई। यही वजह है कि 1 अप्रैल को उत्कल दिवस यानी कि ओडिशा दिवस के रूप में मनाया जाता है। दरअसल ओड़िशा को उत्कल के नाम से भी जाना जाता है। हमारे राष्ट्रगान में भी उत्कल का नाम लिया जाता है।

ओडिशा की भौगोलिक स्थिति (Geographical Location of Odisha)

ओडिशा राज्य भारत के पूर्वी तट पर स्थित है। इसकी राजधानी भुवनेश्वर है। राज्य का क्षेत्रफल 1,55,707 वर्ग किलोमीटर है। तथा इस राज्य की सीमाएं झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल तथा आंध्र प्रदेश से जाकर मिलती है। ओडिशा के पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। इसके उत्तर में छोटा नागपुर का पठार है तथा दक्षिण में महानदी, सालंदी और बैतरणी नदियों का एक उपजाऊ मैदान है। क्षेत्रफल की दृष्टि से ओडिशा भारत का 9वां प्रदेश है जबकि जनसंख्या की दृष्टि से यह भारत का 11वां सबसे बड़ा राज्य है।

ओडिशा की भाषा (Official Language of Odisha)

ओड़िया भाषा, ओडिशा में बोली जाती है। इसे ओड़िआ या उड़िया के नाम से भी जाना जाता है। ओड़िया भाषा यहां की राजभाषा भी है। ओड़िया, आर्य परिवार से संबंधित भाषा है और यह भाषा नेपाली, बंगला, मैथिली और असमिया भाषा से काफी मिलती-जुलती है। ओड़िया भाषा की लिपि का विकास ब्राह्मी लिपि से हुआ है। ओडिशा के भाषाई सर्वेक्षण के अनुसार राज्य के 93.33% लोग ओड़िया भाषा बोलते हैं।

ओडिशा के जिले (Districts of Odisha)

ओडिशा में जिलों की कुल संख्या 30 है। यहां सबसे ज्यादा साक्षरता वाला जिला खोरधा है इसकी साक्षरता दर 86.88% है। ओडिशा के सबसे ज्यादा आबादी वाले जिले का नाम गंजाम है। वर्ष 2011 में की गई जनगणना के मुताबिक इसकी जनसंख्या 35,29031 है। क्षेत्रफल की दृष्टि से ओडिशा का सबसे बड़ा जिला मयूरभंज है। इसका क्षेत्रफल 10,418 किलोमीटर है। इसके अलावा यदि ओडिशा के गांव की बात करें तो यहां कुल गांव की संख्या 51,583 है। ओडिशा के 30 जिले इस प्रकार हैं:-

  1. अंगुल
  2. बलांगीर
  3. बालासोर
  4. बौद्ध
  5. भद्रक
  6. बरगढ़
  7. कटक
  8. देवगढ़
  9. गजपति
  10. ढेंकनाल
  11. गंजम
  12. जाजपुर
  13. जगतसिंहपुर
  14. कालाहांडी
  15. झारसुगुडा
  16. कंधमाल
  17. खोरधा
  18. केंद्रपाड़ा
  19. केंदुझार
  20. कोरापुट
  21. मयूरभंज
  22. मलकान गिरी
  23. नबरंगपुर
  24. नयागढ़
  25. नुआपाड़ा
  26. पुरी
  27. संबलपुर
  28. रायगड़ा
  29. सुंदरगढ़
  30. सुबर्णपुर

ओडीशा के चर्चित लोग (Some Famous People of Odisha)

  1. नन्दिता दास (अभिनेत्री)
  2. मीरा नायर (फ़िल्म निर्माता)
  3. वी.वी. गिरी (चौथे राष्ट्रपति)
  4. सुदर्शन पट्टनायक (सैंड आर्टिस्ट)

ओडिशा के प्रमुख पर्यटन स्थल (Major Tourist Places of Odisha)

  • भितरकनिका राष्ट्रीय पार्क

ओडिशा का भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान यहां के केंद्रपाड़ा जिले में स्थित है। जो कि 145 वर्ग किलोमीटर के व्यापक क्षेत्र में फैला हुआ है। इस राष्ट्रीय उद्यान की खास बात यह है कि यह तीन नदियों ब्राह्मणी, बैतरनी और घामरा के मुहाने पर स्थित है। इस राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रजातियों के जीव-जंतु पाए जाते हैं। यहां के खारे पानी में सफेद मगरमच्छ पाया जाता है जो कि काफी दुर्लभ है। यही कारण है कि इस पार्क को सफेद मगरमच्छ पार्क (White Crocodile Park) के नाम से भी आम लोगों के बीच जाना जाता है।

  • हीराकुंड बांध

ओडिशा के हीराकुंड बांध को बसे बड़ा मानव निर्मित बांध कहा जाता है। यह ओडिशा के संबलपुर जिले में है। 1956 में बनाए गए इस बांध की लंबाई 56 किलोमीटर है। इस बांध में कई वन्यजीव भी आपको देखने को मिलेंगे। जब इस बांध का निर्माण किया जा रहा था तब कुछ पुराने मंदिर भी निर्माण के दौरान पाए गए थे। जो पर्यटक हीराकुंड बांध को देखने आते हैं वह हीराकुंड जलाशय से होते हुए इन मंदिरों को भी देखने ज़रूर जाते हैं।

  • ट्राईबल म्यूजियम

ओडिशा के भुवनेश्वर में एक ट्राईबल म्यूजियम हैं। इस म्यूजियम की स्थापना साल 1953 में हुई थी। आज यह म्यूजियम पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है क्योंकि यहां पर आप आदिवासी लोगों के जीवन के बारे में जानकारी हासिल कर पाएंगे। यहां पर आदिवासी समूह द्वारा बनाई गई कलाकृतियां संरक्षित की गई हैं।

यदि ओडिशा के पर्यटन स्थलों की यात्रा के बाद यदि आप यहां थोड़ा समय बिताना चाहते हैं तो इसके लिए आपको यहां आसानी से होटल मिल सकते हैं। वहीं यहां तक पहुंचने के लिए आप ट्रेन बस या फ्लाइट किसी भी साधन का इस्तेमाल कर सकें।

ओडिशा के त्योहार (Festivals of Odisha)

समस्त भारत की तरह ओडिशा में भी सभी त्योहार मनाए जाते हैं। लेकिन इस राज्य के लोगों द्वारा कुछ विशिष्ट त्योहार भी मनाए जाते हैं जिनमें शामिल है कलिंग महोत्सव दुर्गा पूजा, चंदन यात्रा,कोणार्क नृत्य महोत्सव, जगन्नाथ यात्रा।

इसके अलावा यहां पर मनाया जाने वाला त्योहार बोइता बंदना भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस त्योहार में सभी नावों की पूजा होती है। इसे अक्टूबर से नवंबर माह में मनाया जाता है। यह त्योहार 5 दिनों तक धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान लोग नदी किनारे इकट्ठा होकर अपने पूर्वजों की याद में छोटी सी नाव बनाकर पानी में बहा देते।

उड़ीसा का नृत्य और संगीत (Traditional Dance and Music of Odisha)

ओडिशा का प्रमुख नृत्य ओडिशी है। यह नृत्य भारत के प्राचीन शास्त्रीय नृत्य का एक रूप है। यह नृत्य दरअसल भगवान श्री कृष्ण और राधा के प्रेम को प्रदर्शित करता है। इसके अलावा यहां और भी कई लोक नृत्य लोकप्रिय हैं। इनमें घमुरा नृत्य, पाया, डस्कथिया, दलखाई,छाऊ, कर्म,बाघा, कीसाबादी, ढप नृत्य और गोटी पुआ शामिल है।

ओडिशा का खानपान (Traditional Food of Odisha)

ओडिशा के पकवान भी काफी प्रसिद्ध है। जो यहां पर आने वाले पर्यटकों को भी काफी स्वादिष्ट लगते हैं। यहां के स्वादिष्ट व्यंजनों में दही बड़ा, आलू दम काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां का मुख्य पकवान सेल पूड़ी, चुंगडी मलाई, मचा घांत,दाल्मा, पखला भाटा, गुप्चप, छेना पोडा, कनिका, पुलाफ़, सनतुला, चातु राय और रसगुल्ला है।

ओडिशा के लोगों की वेशभूषा (Traditional Attire of Odisha)

ओडिशा के लोगों की परंपरा और संस्कृति का परिचायक यहां का परिधान है। उड़ीसा की महिलाएं मुख्यतः कटकी और संबलपुरी साड़ी पहनती है। इन साड़ियों को यहां की महिलाएं रोजमर्रा के जीवन में या फिर शादी व त्योहारों के मौके पर पहनती हैं।

ओडिशा के पुरुषों की पारंपरिक वेशभूषा धोती कुर्ता है जो कि वे शादी-समारोह के साथ आम दिनों में भी पहनते हैं। धोती कुर्ते के साथ वे अपने कंधे पर गमछा भी लेते हैं। लेकिन धीरे-धीरे जैसे समय बदल रहा है वैसे ही ओडिशा के लोगों के पहनावे में भी परिवर्तन आ रहा है। आज यहां के ज्यादातर लोग अपने पारंपरिक वेशभूषा के बजाय पश्चिमी परिधान पहनते हैं।

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तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना ओडिशा का इतिहास और रोचक तथ्य (Odisha History and Interesting Facts in Hindi), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।

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Author:

Bharti
Bharti

भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।