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History of Rajasthan & Interesting Facts in Hindi | राजस्थान का इतिहास और रोचक तथ्य
जब भी हमारे सामने राजस्थान का जिक्र होता हैं, तब दिमाग में बड़ी-बड़ी हवेलियों, दूर-दूर तक फैले रेगिस्तान और इस रेगिस्तान पर घूमते ऊँटों की छवि आ जाती है। ऐसे में हर कोई राजस्थान के लोगों की वेशभूषा, उनका खानपान, संस्कृति और राजस्थान के गौरवशाली इतिहास के बारे में जानना चाहता है।
इसीलिए आज इस पोस्ट में हम आपको वे सारी जानकारियां देंगे जो आप राजस्थान के बारे में जानना चाहते हैं। तो आइए जानते हैं राजस्थान से जुड़ी सारी कुछ बातें:-
राज्य का नाम | राजस्थान |
राजधानी | जयपुर |
सबसे बड़ा शहर | जयपुर |
क्षेत्रफल | 3,42,239,74 वर्ग किमी |
जनसंख्या | 6,85,48,437 |
जिला | 33 |
स्थापना वर्ष | 30 March 1949 |
राज्य की मुख्य भाषाएं | राजस्थानी, पंजाबी, गुजराती, मारवाड़ी, सिंधी, हिंदी, उर्दू, अंग्रेज़ी |
क्षेत्रफल के आधार पर देश में स्थान | प्रथम |
जनसंख्या के आधार पर देश में स्थान | सातवां |
राजस्थान की साक्षरता दर | 66.11% (2011) |
राजस्थान का इतिहास (History of Rajasthan)
राजस्थान का मतलब होता है, ‘राजाओं की भूमि’। राजस्थान को इस नाम से इसलिए पुकारा जाता है क्योंकि राजस्थान में कई राजाओं जैसे अहीर, गुज्जर आदि ने राज किया था। राजस्थान की राजधानी का नाम जयपुर है जिसे भारत का पेरिस भी कहा जाता है। वहीं राजस्थान के इतिहास पर गौर डाले तो यहां अलग-अलग काल में अलग-अलग लोग आए जिन्होंने राजस्थान पर अपना शासन स्थापित किया।
अंग्रेजों से स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद राजस्थान के एकीकरण करने की मांग उठने लगी। 30 मार्च 1949 में यह भारत का एक प्रांत बना जिसमें से राजपूताना ताकतें विलीन हो चुकी थी। राजस्थान को एकीकृत करने में कुल 8 वर्ष 7 महीने और 14 दिन लगे हैं।
राजस्थान की भौगोलिक स्थिति (Geographical Location of Rajasthan)
राजस्थान की जनसंख्या 6,85,484,37 है। क्षेत्रफल के लिहाज से यह भारत का सबसे बड़ा प्रदेश है। इसका सबसे बड़ा शहर जयपुर है। इस राज्य के पड़ोसी राज्य में गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा स्थित है।
एक के पश्चिम में थार मरुस्थल और अगर नदी का अंतिम छोर स्थित है। यहां के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान एकमात्र ऐसा अभ्यारण है जिसे विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया। इसे यह दर्जा 1885 में दिया गया।
राजस्थान के जिले (Districts of Rajasthan)
राजस्थान में जिलों की कुल संख्या 33 है। यह सभी जिले एक समय में रियासतें हुआ करती थी और सभी रियासतों में एक राजा शासक और जमींदार का हुक्म चलता था। लेकिन जब वर्ष 1947 में भारत स्वतंत्र हुआ तब 21 साल बाद प्रजा मंडल की स्थापना की गई और रियासतों के राजाओं को इसका सदस्य बनाया गया। इसी तरह धीरे-धीरे इन सभी राजाओं को भारतीय गणराज्य में शामिल होने के लिए मनाया गया। धीरे-धीरे कई रियासतें भारत में आकर मिल गई। मौजूदा समय में राजस्थान में इन जिलों के साथ गांव की कुल संख्या 44,981 है।
राजस्थान का सबसे अधिक साक्षरता वाला जिला कोटा है, इसकी साक्षरता 76.56% है। जनसंख्या के आधार पर राजस्थान के सबसे बड़े जिले का नाम जयपुर है। 2011 में जनगणना की गई थी उनसे प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक जयपुर की जनसंख्या से 66,26178 है। क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान का सबसे बड़ा जिला जैसलमेर है। इसका क्षेत्रफल 38,401 वर्ग किलोमीटर है। जबकि क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान का सबसे छोटा जिला धोलपुर है। राजस्थान का वह जिला जो तीव्र गति से विकास कर रहा है उसका नाम बीकानेर है इसकी विकास दर 41.19% है।
राजस्थान की भाषाएं और बोलियां (Languages and Dialects of Rajasthan)
आपको तो यह पता ही होगा कि राजस्थान की प्रमुख भाषा राजस्थानी है। मौजूदा समय में इस भाषा को बोलने वाले लोगों की संख्या करीब 6 करोड़ से ज्यादा है। भाषा के बोलने के आधार पर भारत में राजस्थानी का सातवां स्थान है जबकि विश्व में 16वां स्थान है।
ऐसा कहा जाता है कि राजस्थानी भाषा की 72 बोलियां है। इन बोलियों में मारवाड़ी मेवाड़ी, वागड़ी, ढूंढाड़ी, तोरावटी, मेवाती, अहीरवाटी, मालवी, निमाड़ी, खैराड़ी,रांगड़ी, शेखावटी, गौड़वाड़ी, देवड़वाटी आदि। इनके अलावा कई उपबोलियां भी हैं जिनमें मारवाड़ी की उपबोलियों में गोड़बाड़ी, देवड़ावाटी आदि शामिल है।
राजस्थान का खानपान (Traditional Food of Rajasthan)
राजस्थानी ज्यादा तीखा खाना पसंद करते हैं। इसके साथ ही यहां पर कई मिठाइयां भी तैयार की जाती है यह मिठाईयां पूरे देश भर में प्रसिद्ध है। आज जितने भी बड़े मिठाइयों के ब्रांड है वह सब राजस्थान से संबंधित है ऐसे में राजस्थान में खाए जाने वाले कुछ प्रमुख व्यंजनों का जिक्र करना जरूरी है तो आइए जानते हैंराजस्थान के कुछ प्रसिद्ध व्यंजन निम्नलिखित है:-
- दाल बाटी चूरमा
दाल बाटी चूरमा राजस्थान में अत्यधिक पसंद की जाती है। इस डिश को आटा, सूजी, नमक, दूध और घी मिलाकर पहले तैयार किया जाता है। इसके बाद इसे फ्राई करके बाटी को मसालेदार दाल और मीठे चूरमे के साथ मिलाकर बनाया जाता है।
- काँज्या
राजस्थान में खाए जाने वाले व्यंजनों में काँज्या भी शामिल है। इस स्वादिष्ट व्यंजन को गाजर से बनाया जाता है। इसमें गाजर को छोटे-छोटे टुकड़ों में पहले काटा जाता है और इसे उबालने के बाद नमक, मिर्च, डालकर तैयार किया जाता है।
- नुक्ति
यह एक तरह की मिठाई है जिसे बेसन से बनाया जाता है। पहले बेसन को पानी में घोला जाता है और उसे एक बड़े से ज़ार में रख लिया जाता है।यह छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित हो जाता है। इन्हीं दानों को चासनी पर मिलाया जाता है। और यह मिठाई तैयार की जाती है।
राजस्थान की वेशभूषा (Traditional Attire of Rajasthani)
राजस्थान की पारंपरिक वेशभूषा में यहां की संस्कृति झलकती है। वहीं इनके द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों को एक विशेष मटेरियल से बनाया जाता था। इन कपड़ों को यहां की जलवायु के हिसाब से बनाया जाता है। वैसे तो राजस्थान के ज्यादातर लोग ग्रामीण क्षेत्रों में ही रहते हैं। इन क्षेत्रों में रहने वाले पुरुष धोती, कुर्ता और पेंट पहनते हैं जबकि यहां रहने वाली महिलाएं घाघरा और कुर्ती पहनती है।
राजस्थान की वेशभूषा के बारे में एक बात का जिक्र किया जाना जरूरी है। दरअसल इस राज्य में वेशभूषा भी जातियों के अनुसार अलग-अलग होती है। अलग-अलग जाति की औरत या पुरुष अलग तरह के कपड़े पहनते हैं। राजस्थान में रहने वाली बीश्नोई समाज की महिलाएं सब से हटकर कपड़े पहनती हैं। इसके अलावा यहां के पुरुषों की वेशभूषा में आपको अंगरखा चुगा, आत्मसुख, जामा, पटका आदि शामिल है। यहां की स्त्रियां मुख्यतः घाघरा, साड़ी व ओढ़नी आदि पहनती।
राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थल (Major Tourist Places of Rajasthan)
- जयपुर
राजस्थान की राजधानी जयपुर पिंक सिटी (गुलाबी शहर) के नाम से आम जनमानस के बीच प्रसिद्ध है। जयपुर की एक और खासियत यह है कि साल 2019 में यूनेस्को ने इसे वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा दिया था। जयपुर में कई पर्यटन स्थल है जिनमें हवा महल, जंतर मंतर, चोखी धानी, अल्बर्ट हॉल म्यूजियम, सिटी पैलेस और बिरला मंदिर शामिल है। जयपुर का बापू बाजार काफी प्रसिद्ध बाजार है क्योंकि इस बाजार में आपको राजस्थान की पारंपरिक वस्तुएं दिखाई देंगी।
- जैसलमेर
जहां जयपुर राजस्थान की पिंक सिटी कहलाती है वहीं जैसलमेर को गोल्डन सिटी के नाम से आम लोगों के बीच जाना जाता है। जैसलमेर को गोल्डन सिटी बोलने के पीछे का तथ्य यह है कि यहां पर आपको दूर-दूर तक थार मरुस्थल के सुनहरे पीले बालू के टिब्बे नजर आएंगे। राजस्थान का यह शहर पाकिस्तान की सीमा के काफी करीब है। इसके साथ ही इस शहर में आपको कई ऐतिहासिक स्थल नजर आएंगे। जैसलमेर ज्यादातर सुनहरे पीले रंग के बालू पत्थरों से बनाया गया है। जैसलमेर में भी कई प्रमुख पर्यटन स्थल है जिनमें जैन मंदिर, गदीसर झील, बड़ा बाग, जैन मंदिर और राष्ट्रीय उद्यान आदि शामिल हैं।
- जोधपुर
राजस्थान के इस शहर को‘गेटवे टूथार’कहा जाता है। जोधपुर का प्रमुख आकर्षण है यहां का मेहरनगढ़ किला। इस किले की वास्तुकला को देखकर आप हैरान हो जाएंगे क्योंकि काफी महीन शिल्पकारी से इस महल के कोने-कोने को तराशा गया है। इस किले के प्रवेश द्वार में आपको राजस्थानी लोकगीत पढ़ने को मिलेगा। इस किले के अंदर दो मंदिर और एक संग्रहालय का भी निर्माण किया गया है। यहां की दीवारें नीली है और नीले आसमान को देखते हुए इसका नाम ब्लू सिटी रखा गया है।
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना राजस्थान का इतिहास और रोचक तथ्य (Rajasthan History and Interesting Facts in Hindi), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
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Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।