दोस्ती
माँ-बेटी
दोस्ती की एक मिसाल हैं,
रिश्तों की मर्यादा का
पूरा ख्याल है।
माँ बेटी में
अपना बचपन सहेजती है,
बेटी माँ में अपने सपनों का
संसार गूंथती है।
माँ बेटी अपने रिश्तों से उलट
एक दूजे में संसार ढूंढ़ती हैं,
एक दूजे का प्यार पूजती हैं।
रिश्तों में दोस्ती का
आयाम सजाती हैं,
दोस्त के रूप में
खुशियों का संसार बसाती हैं।
दोनों खोलकर रख देती हैं
मन के भावों को,
सुख दुःख ,खुशी या गम
बेपर्दा करती सदा,
शायद इसीलिए माँ बेटी
रिश्तों से ज्यादा दोस्ती को
मान देती हैं।
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About Author:
✍सुधीर श्रीवास्तव
शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल
बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002