बीपीओ और कॉल सेंटर में अंतर

Difference Between BPO and Call Centre in Hindi
बीपीओ और कॉल सेंटर में अंतर | What is difference between Call Centre and BPO in Hindi

What is difference between Call Centre and BPO in Hindi

भारत जैसे देश में कई युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। लेकिन इस दौर में युवाओं को नौकरी देने में बीपीओ और कॉल सेंटर ने कोई कसर नहीं छोड़ी। कई लोग ऐसे होते हैं जो बहुत अच्छे कोर्सेज और पढ़ाई करने के बावजूद अच्छी नौकरी हासिल नहीं कर पाते। वहीं कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें 10वीं या 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद ही कॉल सेंटर या बीपीओ में जॉब मिल जाती है।

अपनी इसी खासियत की वजह से आज यह सेक्टर लगातार युवाओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है क्योंकि अन्य नौकरियों के मुकाबले इस सेक्टर में आपको ज्यादा पढ़ाई में विद्वान होना जरूरी नहीं होता। भारत में बीपीओ व कॉल सेंटर में जॉब की भरमार है। इसके पीछे की वजह यह है कि लगातार यह सेक्टर देश में विकास करता जा रहा है। इसके अलावा भारत में कॉल सेंटर और बीपीओ की सर्विसेज सस्ती होती है जिस वजह से अमेरिका-ब्रिटेन जैसे कई देश इस सेक्टर के लिए लोगों को भारत से ही हायर करते हैं।

कई लोग कॉल सेंटर तथा बीपीओ में नौकरी करने के इच्छुक होते हैं। लेकिन उन्हें इन दोनों के बीच का अंतर नहीं पता होता। जिस वजह से उन्हें नौकरी हासिल करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

ऐसे में हम आपको बताएंगे कि बीपीओ और कॉल सेंटर क्या होता है और कॉल सेंटर व बीपीओ के बीच क्या अंतर (Call centre & BPO difference in Hindi) है। जिसकी मदद से आप यह तय कर सकते हैं कि आप दोनों में से किस जगह नौकरी करने में ज्यादा कंफर्टेबल है।

तो आइए जानते हैं कॉल सेंटर और बीपीओ के बीच अंतर:-

बीपीओ (BPO) क्या है? (What is BPO in Hindi?)

बीपीओ का फुल फॉर्म(BPO full form) होता है, “बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग” अंग्रेजी में इसे Business Process outsourcing कहते है। इसके तहत कई कंपनियां अपने मूल व्यवसाय के अलावा अतिरिक्त कार्य किसी दूसरी कंपनी (Third party) से करवाती है, इन्हीं कंपनियों को बीपीओ कहा जाता है।

आसान शब्दों में समझे तो ऐसी कई बड़ी कंपनियां होती है जो प्रत्येक काम खुद नहीं कर सकती। जैसे- कस्टमर स्पोर्ट (Customer Support), सेल्स एंड मार्केटिंग (sales and marketing), डाटा एंट्री (Data Entry) आदि। इन सब कार्यों को करने के लिए वह किसी दूसरी कंपनी को हायर करती है। हायर की गई कंपनी को ‘बीपीओ कंपनी’(BPO Company) कहा जाता है और यह कंपनी जो काम करती है उसे ‘बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग’ के नाम से जाना जाता है।

इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है, अमेज़न (Amazon) एक ई-कॉमर्स कंपनी है जैसे कि आप जानते हैं अमेज़न का उपभोक्ता वर्ग काफी बड़ा है जो उनसे प्रोडक्ट्स को खरीदता है। इन्हें खरीदने वाले उपभोक्ता को प्रोडक्ट से संबंधित कई जानकारियां पाने की इच्छा होती है। कई बार खरीदे गए प्रोडक्ट को लेकर उन्हें कोई शिकायत दर्ज करवानी होती है।

लेकिन यह सारे काम अमेज़न नहीं कर सकती क्योंकि ऐसा करने के लिए अमेज़न में कोई अलग से डिपार्टमेंट नहीं बना रखा। इसके साथ ही अमेज़न यदि अपने उपभोक्ताओं पर ज्यादा ध्यान देगी तो इसका प्रभाव उसके मूल काम पर पड़ेगा। इससे वह अपने मूल कार्य पर फोकस नहीं कर पाएगी। इस समस्या से निपटने के लिए अमेज़न किसी दूसरी कंपनी को हायर करती है जो ग्राहकों के इन सवालों को हल करते हैं। इसी कंपनी को बीपीओ कंपनी कहा जाता है।

कई लोगों के मन में अब यह सवाल उठ रहा होगा कि अमेज़न स्वयं इतनी बड़ी कंपनी होते हुए आखिर बीपीओ कंपनी से ही अपने काम क्यों करवाती है। आखिर वह खुद एक अलग डिपार्टमेंट क्यों नहीं बना लेती?

दरअसल, यदि अमेज़न अपने मूल व्यवसाय के अलावा अलग से कस्टमर सपोर्ट को लेकर एक डिपार्टमेंट बनाती है तो उसे कर्मचारियों की नियुक्ति, उन्हें ट्रेनिंग देना तथा उनकी सैलरी देना जैसे काम करने पड़ेंगे। जिससे अमेज़न को घाटा होगा। इसीलिए अमेज़न कंपनी बीपीओ कंपनी को निश्चित राशि देकर अतिरिक्त खर्चे से बच जाती है।

कॉल सेंटर किसे कहते हैं? (What is Call Centre in Hindi?)

अब सवाल आता है कि कॉल सेंटर क्या होता है? दरअसल, कॉल सेंटर बीपीओ का ही हिस्सा होता है। बीपीओ कंपनियां अलग-अलग तरह के काम प्रोवाइड करते हैं जिनमें से एक कॉल सेंटर भी होता है। कॉल सेंटर के जरिए कोई व्यक्ति कॉल करता है या कॉल को रिसीव करता है जिसमें लोगों की समस्याएं, उनकी परेशानी तथा जिज्ञासाओं को हल किया जाता है।

आपने भी अपने मोबाइल के नेटवर्क को लेकर कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव से बात की होगी। दरअसल जितनी भी बड़ी कंपनियां होती है जैसे एयरटेल, अमेज़न, वीआई आदि यह सभी अपने मूल कार्य के अलावा जो अतिरिक्त कार्य होते हैं उसके लिए बीपीओ कंपनी को हायर करती है। बीपीओ कंपनी कॉल सेंटर के कार्य भी प्रोवाइड करती है। बीपीओ कंपनियां इन सभी काम के ब्यौरे को उक्त कंपनी तक पहुंचाती हैं। आपने भी कई बार अपने सिम में नेटवर्क की प्रॉब्लम को लेकर किसी कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव से बात जरूर की होगी।

मान लीजिए आपने एयरटेल का सिम ले रखा है तथा इसके लिए आपने कस्टमर केयर को फोन किया। आपको लग रहा होगा कि आप सीधे एयरटेल कंपनी के कर्मचारी से बात कर रहें है। लेकिन दरअसल आप एयरटेल कंपनी के कर्मचारियों से नहीं बल्कि किसी बीपीओ कंपनी के कर्मचारियों से बात कर रहे होते हैं।

कॉल सेंटर दो तरह के होते हैं (Types of Call Centre) जो कि निम्नलिखित हैं:-

1. इन बॉउंड कॉल सेंटर (In Bound Call Centre)

जब ग्राहक खुद अपनी समस्या या किसी जानकारी को हासिल करने के लिए कॉल करते हैं तो इसे इन बॉउंड कॉल सेंटर कहा जाता है।

2. आउट बॉउंड कॉल सेंटर(Out Bound Call Centre)

कई बार कॉल सेंटर अपने प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए स्वयं ग्राहकों को कॉल करते हैं जिसे आउट बॉउंड कॉल सेंटर के नाम से जाना जाता है।

कॉल सेंटर और बीपीओ के बीच के अंतर (Difference Between BPO and Call Centre in Hindi)

कॉल सेंटर और बीपीओ यह दोनों पूरी तरह से एक नहीं होते बल्कि इनके काम करने के तरीके में भिन्नता होती है। जो कि निम्नलिखित है:-

  • बीपीओ कई तरह के काम प्रोवाइड करता है जिनमें सेल्स एंड मार्केटिंग, कस्टमर सपोर्ट, डाटा एंट्री आदि शामिल होते हैं। वही कॉल सेंटर स्वयं बीपीओ का एक हिस्सा होता है। कॉल सेंटर में सिर्फ कॉल उठाना और खुद कॉल करना शामिल होता है।
  • बीपीओ में जैसे कई तरह के काम किए जाते हैं वैसे ही इसमें कई तरह की स्किल्स की भी जरूरत होती है। वही इसमें नौकरी करने के लिए आपको अच्छी अंग्रेजी तथा कंप्यूटर की गहन जानकारी होनी जरूरी है जबकि कॉल सेंटर में आपको कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान तथा आपकी कम्युनिकेशन स्किल ज़बरदस्त होनी चाहिए।
  • बीपीओ के जरिए कंपनियां अपने बिजनेस को आगे बढ़ाती हैं वहीं कॉल सेंटर सिर्फ क्लाइंट के साथ बिजनेस को बनाए रखने का तरीका है।
  • बीपीओ का काम ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों प्लेटफार्म में किया जाता है जबकि कॉल सेंटर का काम ज्यादातर ऑफलाइन ही होता है क्योंकि इसमें कॉल अटेंड करने जरूरी होते हैं।
  • बीपीओ एक व्यापक सेक्टर होने की वजह से इसमें कई डिपार्टमेंट शामिल होते हैं जैसे कि आई टी, फाइनेंस, बिलिंग आदि। जबकि कॉल सेंटर का मुख्य काम कॉलिंग होता है इसलिए इसमें सिर्फ कॉलिंग का डिपार्टमेंट होता है।
  • बीपीओ एक पूरी प्रणाली होती है जिसका मुख्य उद्देश्य होता है अपने व्यवसाय के उत्पादकता को बढ़ाना। वही कॉल सेंटर बीपीओ का हिस्सा होती है इसीलिए उसका मुख्य उद्देश्य होता है ग्राहक की सहायता करना तथा ग्राहक तक अपने उत्पाद का प्रचार-प्रसार करना



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तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना कॉल सेंटर और बीपीओ के बीच के अंतर | Difference Between BPO and Call Centre in Hindi, उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।

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Author:

Bharti

भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।