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Essay on water conservation in Hindi | जल संरक्षण पर निबंध
प्रस्तावना (Introduction)
जल प्रकृति से मिला हुआ ऐसा वरदान है जिसके बिना जीवन की कल्पना करना असंभव है। मानव शरीर 60% से 70% पानी से निर्मित है। पानी की कमी से मनुष्य के स्वास्थ्य को हानि पहुंच सकती है जिससे उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
भारत उन देशों में गिना जाता है जिनको आने वाले समय में जल संकट या सूखे की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। भारत विश्व के उन 17 देशों में शामिल है जो कि जल संकट की समस्या से जूझ रहे हैं और जिन का पेयजल खत्म होने की स्थिति पर है।
जल पर ना केवल मानव का जीवन बल्कि हर जीव यानी मनुष्य, पेड़ पौधे, जानवर जीवित रहने के लिए जल पर निर्भर करते हैं। इसलिए या अत्यंत आवश्यक है कि हम सभी जीवो के लिए और हमारे आने वाली पीढ़ि के लिए स्वच्छ जल का प्रभावी ढंग से उपयोग करें और उसे व्यर्थ न करे।
जल संरक्षण का अर्थ (Water conservation meaning/water conservation definition)
जल संरक्षण का अर्थ है कि जल को व्यर्थ न करना और इस्तेमाल किए हुए जल का पुनर्चक्रण करना। एक अनुमान के अनुसार पृथ्वी पर जितना भी पानी है उसका 97% सागर और महासागरों में नमकीन पानी है। पीने योग्य मीठा जल केवल 3% ही है जिसमें 2.4 प्रतिशत जल जमा हुआ यानी ग्लेशियर के रूप में है। और बचा हुआ 0.6 प्रतिशत नदियों, झीलों और तालाबों में उपलब्ध है जिसे हम इस्तेमाल करते हैं।
यूएनओ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 15 करोड़ व्यक्ति को स्वच्छ पीने का जल प्राप्त नहीं होता है। जिसके कारण वह दूषित जल पीते हैं और उनमें कई प्रकार की बीमारियां पैदा होती है।
भारत के जिन राज्यों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध है वह 50% से भी कम है। भारत के 718 जिलों के दो तिहाई हिस्से सूखे व पानी की अत्यधिक कमी से जूझ रहे हैं। अतः इसमें कोई संदेह नहीं कि जल का संरक्षण करना बहुत ही आवश्यक है ताकि गांव और सभी जिलों में लोगों को पीने का स्वच्छ जल उपलब्ध हो।
जल संरक्षण क्यों आवश्यक है? (Water conservation importance/why water conservation is important)
जल है तो कल है। आज विश्व भर में कई ऐसे जिले हैं जो कि पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। लोगों के पास पीने के लिए स्वच्छ जल भी उपलब्ध नहीं है। जिससे अस्वछ जल पीने के कारण हर वर्ष 400000 से भी अधिक मृत्यु होती है। भारत के बहुत सारे राज्यों में सूखे की समस्या आ गई है। जैसे की-
छत्तीसगढ़ जहां 20 से अधिक जिलों में सूखे की समस्या है।
कर्नाटक में लगभग 25 जिले सूखे की समस्या से पीड़ित है।
उत्तर प्रदेश के 50 से भी अधिक जिलों में सूखे की समस्या सामने आई है।
झारखंड राज्य के लगभग 22 जिलों में सूखे की समस्या है।
राजस्थान में भी कई राज्यों में सूखे की समस्या के साथ-साथ स्वछ पेय जल की बहुत अत्यधिक कमी है।
भारत के बहुत से ऐसे गांव हैं जहां केवल पीने का जल लेने के लिए लोगों को मीलों चलकर जाना पड़ता है।
जल प्रकृति से मिला हुआ ऐसा वरदान है जिस पर हर व्यक्ति का बराबर का अधिकार है। अस्वछ जल पीने के कारण लोग कई प्रकार की बीमारियां जैसे मलेरिया, डायरिया आदि की चपेट में आ जाते हैं। यह बहुत ही आवश्यक है कि हम जल संरक्षण के प्रति जिम्मेदार हो और जागरूक हो।
जल संरक्षण के सुझाव (Suggestion for water conservation)
How water conservation/Ways to water conservation/Water conservation ways/water conservation steps/water conservation techniques
बूंद बूंद से सागर बनता है या कहावत तो आपने सुनी होगी। इसी प्रकार अगर हम जल संरक्षण के लिए छोटे छोटे कदम उठाएं और इसकी शुरुआत अपने घर से करें तो एक दिन अवश्य हम जल की आपूर्ति की समस्या से निजात पा सकते हैं और सभी को पीने के लिए स्वच्छ जल प्राप्त हो सकता है।
घरेलू उपाय
स्नान करने के लिए शॉवर् के स्थान पर बाल्टी और मघ्घे उपयोग करें जिससे पानी की बचत हो।
रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) मशीन या ऐसी से निकला हुआ पानी को पौधों में डालने के लिए उपयोग करें।
हाथों या बर्तन धोते समय नल को धीमा रखें।
जहां कहीं भी खराब या लीकेज नल या पाइप हो तुरंत ठीक है।
वर्षा जल संचयन
वर्षा जल संचयन का अर्थ है बारिश के पानी को एकत्रित करके रखना ताकि उन्हें रोजमर्रा के कामों जैसे कपड़े धोना, बर्तन धोना, घर की सफाई आदि में इस्तेमाल किया जा सके। वर्षा का जल टैंक तालाब आदि में भर के रखा जा सकता है।
वृक्षा रोपण
जिस जगह पर अधिक मात्रा में वृक्ष होते हैं वहां अच्छी वर्षा होती है। इसके साथ-साथ वृक्ष बाढ़ या कटाव को रोकने में भी सहायता करते हैं। इसलिए हमें अधिक से अधिक मात्रा में वृक्षारोपण करना चाहिए और हमारे जंगलों को नष्ट होने से बचाना चाहिए।
जल संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान
जल संरक्षण के लिए पहला कदम है कि लोगों में इसके प्रति जागरूकता फैले। जल संरक्षण के लिए समय समय पर जागरुकता अभियान कार्यक्रम करना चाहिए और लोगों को जल संरक्षण करने के आसान तरीके बताने चाहिए।
जल संरक्षण के लिए बनाई गई सरकारी योजनाएं
जल संरक्षण के लिए हमारी सरकार ने बहुत सारी योजनाएं बनाई है जैसे की जल क्रांति योजना, जल जीवन हरियाली योजना, अटल भूजल योजना आदि लागू की गई है। इन योजनाओं का ग्रामीण स्तर पर निष्पादन करना चाहिए ताकि हर गांव जो कि सूखे व जल की कमी की समस्या से जूझ रहा है उनको राहत पहुंचे।
जल का पुनर्चक्रण
हमें जल के पुनर्चक्रण की विधि को अपनाना चाहिए। इस्तेमाल हुए पानी को पुनः इस्तेमाल करने से उसकी बचत होगी।
जैसे एसी व फिल्टर द्वारा निकला पानी जो कि बेकार जाता है उसे हम घर की सफाई, या पौधों में डालने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
खेतो मे ड्रिप सिंचाई
ड्रिप सिंचाई एक ऐसी तकनीक है जिसमें पानी की बचत होती है। इस तकनीक में खेतों में सिंचाई के लिए पतले पाइप द्वारा उन तक पानी पहुंचाया जाता है जिससे केवल उतना ही पानी लगता है जितने की आवश्यकता हो।
Water conservation day: March 22
उपसंहार (Water conservation conclusion)
जल है जीवन का अनमोल रतन, इसको बचाने का करो सब जतन। जल को उपलब्ध कराने के लिए और सभी तक स्वच्छ जल पहुंचाने के लिए जल संरक्षण करना बहुत ही आवश्यक है। यदि हम सब के पास पीने का स्वच्छ जल उपलब्ध हो तो या किसी वरदान से कम नहीं है। किंतु जिन लोगों तक पीने का स्वच्छ जल नहीं पहुंच पा रहे हैं यह हमारा कर्तव्य बनता है कि हम जल को बर्बाद होने से बचाएं ताकि विश्व में किसी भी व्यक्ति को अस्वच्छ जल न पीना पड़े।
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना Essay on water conservation in Hindi (जल संरक्षण पर निबंध), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
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Author:
आयशा जाफ़री, प्रयागराज