Republic Day 2022

Last updated on: January 27th, 2022

Essay on Republic Day in Hindi
Republic Day Essay in Hindi | गणतंत्र दिवस पर निबंध

गणतंत्र दिवस पर निबंध | Essay on Republic Day in Hindi

प्रस्तावना (Introduction)

गणतंत्र दिवस भारत के सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्वों में से एक हैं।

यह हर वर्ष 26 जनवरी को गौरव के साथ पूरे भारत में मनाया जाता है। इस दिन सन 1950 में भारत में संविधान की स्थापना हुई थी। इस दिन भारत में संविधान लागू होते ही हमारे देश को पूरी तरह से लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया था। गणतंत्र दिवस का पर्व पूरे देश में तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम और राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर मनाया जाता है। इस दिन पूरा वातावरण देश भक्ति के रंग में रंगा हुआ होता है। इस दिन हर देशवासी सभी भेदभाव को भूलकर भारत की आजादी के लिए किए गए बलिदानों को याद करता है।

गणतंत्र दिवस के दिन पूरे भारत में राष्ट्रीय अवकाश होता है। घरों, कार्यालयों, स्कूल, अस्पताल आदि जगहों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर और राष्ट्रगान गाकर, मिठाईयां बांटकर, तरह-तरह के देश भक्ति के कार्यक्रम प्रस्तुत करके गणतंत्र दिवस के पर्व को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।

भारत के गणतंत्र दिवस का इतिहास (History of Indian Republic Day in Hindi)

15 अगस्त 1947 को निरंतर संघर्ष और बलिदानों के बाद भारत को स्वतंत्रता मिली थी। आजादी के बाद भारतीय संविधान को स्थापित करने की पहल शुरू की गई थी। जिसकी पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई थी जो 26 जनवरी 1950 को लागू होने के साथ पूरी हुई थी। यह बैठक नई दिल्ली स्थित काउंसिल चेंबर के पुस्तकालय भवन में हुई थी जिसका अस्थाई अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद सिन्हा को चुना गया था। 13 दिसंबर 1946 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान की स्थापना का दृह संकल्प लेते हुए संविधान का उद्देश्य प्रस्ताव सभा में प्रस्तुत किया था।

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखा गया भारत का संविधान दुनिया के अन्य किसी भी स्वतंत्र राष्ट्र का सबसे लंबा लिखित संविधान है जिसे उन्होंने 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में पूरा किया था। संविधान के निर्माण के समय इसमें 395 अनुच्छेद 8 अनुसूचियां थी जो कि 22 भागों में विभाजित थी। आज के समय में यह बढ़कर 470 अनुच्छेद 12 अनुसूचियां हो गई है जो कि 25 भागों में विभाजित है।

भारत में संविधान लागू करने का मुख्य उद्देश्य ऐसे आदर्शों का निर्माण करना था जहां भारत के प्रत्येक व्यक्ति को बराबर का न्याय मिले. किसी भी धर्म जाति वर्ग के लोगों में भेदभाव ना किया जाए। इसी दिन डॉ राजेंद्र प्रसाद को भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था। उनके द्वारा 26 जनवरी 1950 मे लाल किले पर झंडा फहराया गया था जो कि देश का प्रथम गणतंत्र दिवस था। भारतीय संविधान लागू होने के पहले भारत में ब्रिटिश सरकार का भारत सरकार अधिनियम 1935 का पालन किया जाता था।

भारत का संविधान हस्त लिखित संविधान है जो कि दोनों भाषा यानी अंग्रेजी और हिंदी में लिखा गया। दोनों भाषाओं की मूल प्रतियां को प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था। यह दोनों मूल प्रतियां संसद भवन के पुस्तकालय में सुरक्षित रखी गई है। संविधान तैयार होने पर 24 नवंबर 1949 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने उस पर दस्तखत किए थे।

संविधान का निर्माण करते समय कई देशों के अच्छे गुणों को भी ध्यान में रखा गया था।

जैसे कि 5 पंचवर्षीय योजना जो कि सोवियत संघ से ली गई थी।

फेडरल सिस्टम कनाडा के संविधान से प्रेरित था।

व्यापार और कॉमर्स के प्रावधान का पिक्चर और ऑस्ट्रेलिया के संविधान से लिया गया था।

भारतीय संविधान में आपातकालीन प्रावधानों का उल्लेख है जो की जर्मनी के संविधान से प्रेरित होकर किया गया था।

इसी प्रकार अमेरिका के संविधान की तरह भारत के संविधान में भी नागरिकों को कुछ मौलिक अधिकार दिए गए है। भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को ही बनकर तैयार हो गया था लेकिन इससे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया क्योंकि इस दिन पूर्ण स्वराज दिवस की वर्षगांठ थी।

गणतंत्र दिवस पर आयोजित भव्य कार्यक्रम (Grand Function Organised on Republic Day)

हर वर्ष गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर। हमारे देश के राष्ट्रपति नई दिल्ली स्थित लाल किले पर खड़े होकर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। इसके बाद सभी लोग खड़े होकर राष्ट्रगान गाते हैं और तिरंगे को सलामी दी जाती है। । हर वर्ष गणतंत्र दिवस पर इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक भव्य परेड का आयोजन किया जाता है। परेड का प्रारंभ प्रधानमंत्री द्वारा अमर जवान ज्योति पर माला डालकर व शहीदों को नमन करके होता है।

परेड में हमारे देश की सेना आकर्षक झांकी प्रस्तुत करते हैं। इस परेड में भाग लेने के लिए स्कूली बच्चे भी आते हैं। इस परेड में अलग अलग प्रदेश अपनी विशेषता, कला वालों गीत के साथ अत्यंत सुंदर झांकियां प्रस्तुत करते हैं जो कि भारत की विभिन्न संस्कृति और कला को दर्शाता है। गणतंत्र दिवस पर ही हमारे राष्ट्रपति द्वारा विभिन्न प्रकार के पुरस्कार, पदक, वीरता और साहस के लिए वितरित भी किए जाते हैं।

संस्कृतिक कार्यक्रम जैसे संगीत, नृत्य आदि स्कूली बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए जाते हैं। हमारी जल, थल और वायु सेना अत्यंत सुंदर और प्रभावित रूप से पूरे बैंड बाजे के साथ परेड में भाग लेती है। हमारे जवान अत्यंत साहस के साथ मोटरसाइकिल पर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। अलग-अलग प्रदेश जैसे मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, कश्मीर, कुल्लू, गोवा आदि बहुत ही आकर्षक तरीके से अपने प्रदेश की विभिन्न कला और संस्कृति को झांकियों के द्वारा दर्शाते हैं। भारत की प्रथम परेड वर्ष 1955 में आयोजित की गई थी। हर वर्ष किसी अन्य देश से किसी अतिथि को आमंत्रित किया जाता है। भारत की प्रथम भव्य परेड 1955 में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकारनो को आमंत्रित किया गया था।

गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन रक्षा मंत्रालय द्वारा किया जाता है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड की तैयारी कई महीनों पहले से शुरू कर दी जाती है। इसमें भाग लेने वाले निरंतर अभ्यास करते है। इस परेड में राष्ट्रपति, मुख्य अतिथि और राजनेताओं के अलावा आम आदमी भी शामिल होते हैं। जिसका प्रबंध, पूरी सुरक्षा और कानूनी जांच को ध्यान में रखकर किया जाता है। गणतंत्र दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम का प्रसारण पूरे दुनिया भर में टीवी पर होता है जिसे करोड़ों लोग अपने घर में बैठकर देखते हैं।

देशभर में इस शुभ दिन को पूरी धूमधाम और देशभक्ति के साथ मनाया जाता है। लोग अपने घरों इलाकों कार्यालय मैं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। स्कूलों में बच्चे देशभक्ति से जुड़े हुए नृत्य गीत आदि प्रस्तुत करते हैं। यह दिन हमें सभी भेदभाव को भूलकर हमारे देश की एकता और अखंडता को याद करने के लिए होता है।

उपसंहार (Conclusion)

गणतंत्र दिवस हमारे देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिवस है। उस दिन हमारे देश में हमारा संविधान लागू हुआ था जो कि। हर वर्ग हर जाति के इंसान को बराबर का अधिकार प्रदान करता है। यह हमें भारतीय होने का गौरव हमें याद दिलाता है। हमारे संविधान की उद्देशिका भी “हम भारत के वासी” से शुरू होता है। किसी भी धर्म, जाति, राज्य का इंसान सबसे पहले एक भारतीय नागरिक है। हर भारतवासी को अपने भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए और अपने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखना चाहिए।

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Author:

Aisha Jafri

आयशा जाफ़री, प्रयागराज