Advertising & PR Difference

Advertising and Public Relations difference in Hindi
विज्ञापन और जनसंपर्क के बीच अंतर | Advertising and Public Relations difference in Hindi

विज्ञापन और जनसंपर्क के बीच अंतर | Difference between Advertising and Public Relations in Hindi

विज्ञापन और जनसंपर्क दोनों का उद्देश्य जनता से संबंधों का निर्माण करना होता है। इस वजह से कई लोग इन दोनों को एक ही मान लेते हैं। लेकिन विज्ञापन और जनसंपर्क में कई अंतर विद्यमान है। इसीलिए हम इस लेख में विज्ञापन और जनसंपर्क क्या है तथा इनके बीच क्या अंतर है इसकी चर्चा करेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं:-

विज्ञापन का अर्थ और परिभाषा (Meaning & Definitions of Advertising)

विज्ञापन का सीधा सा मतलब होता है किसी वस्तु या उत्पाद को लेकर ग्राहकों को जानकारी देना और उनका ध्यान आकर्षित करना। विज्ञापनों को विभिन्न संचार माध्यमों जैसे समाचार पत्र, पत्रिका, रेडियो, टेलीविजन और सोशल मीडिया आदि के माध्यम से प्रकाशित-प्रसारित किया जाता है। विज्ञापन अपने स्वरूप में रचनात्मक और व्यवसायिक होते हैं।

रचनात्मक इस नजरिए से क्योंकि विज्ञापनों को लोगों की रूचि, आशाओं, सपनों और आवश्यकताओं को आधार बनाकर इसमें अपनी भाषा शैली, अपील आदि के प्रयोग से एक ऐसा विज्ञापन तैयार किया जाता है जिससे आम लोग उसकी ओर आकर्षित हो सके तथा इन्हीं लोगों को बाद में ग्राहकों में तब्दील किया जा सके।

व्यवसायिक जगत में विज्ञापन एक महत्वपूर्ण अंग बन चुका है क्योंकि आज विश्व भर में उत्पादन और वितरण के क्षेत्र में काफी प्रतिस्पर्धा है। चूँकि विज्ञापन का उद्देश्य दर्शकों को ग्राहक बनाना होता है इसलिए वे विज्ञापन में इस तरह की भाषा का प्रयोग करते हैं जो लोगों के मुंह में आसानी से चढ़ जाए।

विज्ञापन के अर्थ को स्पष्ट करने के लिए अलग-अलग विद्वानों ने कुछ परिभाषाएं दी है जो कि निम्नलिखित है:-

के. के. सक्सेना के अनुसार:- विज्ञापन से तात्पर्य एक ऐसी पद्धति से है जिसके जरिए कुछ निश्चित वस्तुओं तथा सेवाओं के अस्तित्व तथा विशेषताओं की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया जाता है।

न्यू इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के अनुसार:- विज्ञापन एक ऐसा संप्रेक्षण है जिसका उद्देश्य किसी उत्पाद या सेवाओं के क्रय वृद्धि में योगदान देना, जनमत को प्रभावित करना, राजनीतिक समर्थन जुटाना या फिर किसी विशिष्ट उद्देश्य एवं आंदोलन को आगे बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाना है।

जनसंपर्क क्या है (What is Public Relations- PR)

जनसंपर्क को अंग्रेजी में पब्लिक रिलेशन कहा जाता है जिसका मतलब होता है ‘जनता के साथ संबंधों का निर्माण’। जनसंपर्क एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके जरिए व्यक्ति व वस्तु की छवि समाज में स्थापित की जाती है। मौजूदा समय में जनसंपर्क सबसे बड़ी जरूरत बन चुकी है। प्रौद्योगिकी के विकास के साथ आज उद्योग जगत में काफी प्रतिस्पर्धा है।

गलाकाट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में हर कोई एक दूसरे से खुद को बेहतर साबित करना चाहता है। बेहतर साबित करने की इस कड़ी में जनसंपर्क महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि जनसंपर्क किसी भी संगठन के छवि निर्माण में मदद करता है। हर संस्था अपनी जनता के बीच अपनी छवि निखारने तथा अपनी प्रतिस्पर्धी संगठनों से बेहतर बनने के लिए जनसंपर्क का प्रयोग करती है।

जनसंपर्क समाज में सामाजिक एवं आर्थिक दोनों ही रूपों से आवश्यक है। जनसंपर्क का इस्तेमाल संस्था, संगठन, नेता जनता के बीच जाकर विश्वास उत्पन्न करने के लिए करते हैं।

जनसंपर्क को लेकर कुछ परिभाषाएं निम्नलिखित है:-

सैम ब्लैक के मुताबिक:- जनसंपर्क समाज विज्ञानों का समिश्रण है जो व्यक्ति और समूह की प्रतिक्रियाओं का ज्ञान कराता है। यह संप्रेक्षण विज्ञान है जो परस्पर सहमति का निर्माण करके तनाव की स्थिति का निराकरण करता है।

बैब्रनर के मुताबिक:- आधुनिक शासन में जनसंपर्क प्रचार-प्रसार का वह साधन है जिसके द्वारा जनता की इच्छाओं और भावनाओं का ज्ञान होने के साथ-साथ उनका अपनी कार्यप्रणाली में समन्वय करके पुनः जनता तक पहुंचाया जाता है।

विज्ञापन और जनसंपर्क के मध्य अंतर (Advertising and Public Relations difference in Hindi)

  1. एक तरफ विज्ञापनों के जरिए उत्पाद और सेवाओं पर जनता का ध्यान आकर्षित किया जाता है जबकि जनसंपर्क का उद्देश्य कंपनी और जनता के बीच लाभकारी संबंधों को बनाना है।
  2. विज्ञापन को मीडिया में प्रसारित करने के लिए आपको भुगतान करना पड़ता है जबकि जनसंपर्क इस तरह की रणनीति विकसित करता है जिससे मीडिया में उत्पाद को पब्लिसिटी मिले। इसमें किसी भी तरह के भुगतान की आवश्यकता नहीं होती।
  3. सन्देश पर नियंत्रण:- विज्ञापन की सामग्री पर आपका नियंत्रण होता है। आप ही यह तय करते हैं कि मीडिया में विज्ञापन को कहां और कब दिखाना है जबकि पीआर में ऐसा नहीं होता क्योंकि जब आप किसी पत्रकार को कोई सूचना देते हैं तो यह पत्रकार के ऊपर होता है कि वह उस सन्देश में बदलाव कर उसे प्रकाशित करें या ना करें।
  4. कवरेज की समयावधि:- विज्ञापन और जनसंपर्क दोनों में ही आपके संदेश की कवरेज अवधि में भिन्नता होती है क्योंकि विज्ञापन में आपका बजट तय करता है कि उसे मीडिया में कब और कितने समय के लिए दिखाया जाना है जबकि पीआर में यह फायदा मिलता है कि आप अलग-अलग पत्रकारों को अपना आइडिया, संदेश भेज सकते हैं। यह सभी पत्रकार अपने-अपने तरीके से इसे प्रकाशित करते हैं जिससे कई माध्यमों के जरिए इनकी जानकारी लोगों तक पहुंचती है।
  5. विश्वसनीयता:- पीआर के मुकाबले विज्ञापनों में विश्वसनीयता कम होती है क्योंकि विज्ञापन के लक्षित दर्शकों को यह पता होता है कि कंपनी विज्ञापन के जरिए कुछ बेचने का प्रयास कर रही है इसीलिए वे लोगों को आकर्षित करने के लिए कई चीजें कर सकती है जबकि पीआर पत्रकारों तक सूचना और समाचार पहुंचाता है यह पत्रकारों के ऊपर होता है कि वह इन लेखों को निष्पक्ष तरीके से प्रस्तुत करें, जिससे लक्षित दर्शकों को विज्ञापन की तुलना पर इन लेखों पर अधिक विश्वास होता है क्योंकि यह किसी पत्रकार द्वारा लिखे जाते हैं।
  6. विज्ञापन की शेल्फ लाइफ जनसंपर्क के मुकाबले ज्यादा होती है। विज्ञापनों को बजट के अनुसार बार-बार प्रदर्शित किया जा सकता है जबकि जनसंपर्क में कोई नए उत्पाद या समाचार को पीआर एक्स्पोज़र केवल एक बार ही प्रसारित कर सकता है क्योंकि पत्रकार एक ही जानकारी हो तीन या चार बार प्रकाशित नहीं कर सकता।
  7. भाषा शैली:- विज्ञापन और जनसंपर्क में भाषा शैली का अंतर देखा जा सकता है क्योंकि विज्ञापन में लोगों को उत्पाद खरीदने के लिए प्रेरित किया जाता है इसलिए इसमें क्रियात्मक शब्दों का उपयोग जैसे- ‘उत्पाद को अभी खरीदें’ , ‘आज ही कॉल करें’ आदि का प्रयोग किया जाता है जबकि जनसंपर्क में बिना टाल-मटोल के सीधी भाषा में समाचार प्रसारित करना होता है इसमें कब, कहा, कौन और क्यों के अलावा कोई भी बकवास बात नहीं की जाती।
  8. विज्ञापन को पेड मीडिया कहा जाता है क्योंकि इसमें आप अपने ब्रांड, उत्पाद तथा सेवा को लोगों तक पहुंचाने के लिए किसी अन्य कंपनी को भुगतान करते हैं जो कि आमतौर पर महंगा होता है। वहीं दूसरी ओर जनसंपर्क को अर्जित मीडिया कहा जाता है क्योंकि जनसंपर्क के जरिए समाचारों को मीडिया में भेजा जाता है विशेष समाचार पत्र, पत्रिका, टीवी, वेबसाइट आदि में प्रदर्शित किया जाता है विज्ञापन की तुलना में जनसम्पर्क 91 फ़ीसदी ज़्यादा प्रभावी माना जाता है।
  9. विज्ञापन का मुख्य उद्देश्य होता है उत्पादों, सेवाओं को खरीदने के लिए लोगों को प्रेरित करना, जबकि जनसंपर्क का लक्ष्य होता है लोगों के बीच में किसी कंपनी, संस्था या व्यक्ति की सकारात्मक छवि को बनाना।
  10. जनसंपर्क का क्षेत्र व्यापक है क्योंकि जनसंपर्क के जरिए आप न सिर्फ वस्तु, उत्पाद तथा सेवाओं को प्रचारित प्रसारित करते हैं बल्कि इसके जरिए विभिन्न राजनेताओं को भी शामिल किया जाता है जबकि विज्ञापन का दायरा सिर्फ जन जागरूकता तथा उत्पाद तक सीमित है।


Loudspeakerअधिवक्ता और वकील में अंतर

Loudspeakerमार्गदर्शन और परामर्श के बीच अंतर

तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना विज्ञापन और जनसंपर्क के बीच अंतर (Difference between Advertising and Public Relations in Hindi), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।

आपको हमारा लेख कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं, अपने सुझाव या प्रश्न भी कमेंट सेक्शन में जा कर पूछ सकते हैं। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए HelpHindiMe को Subscribe करना न भूले।

Author:

Bharti

भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।