Refugee & Asylum Difference

Refugee and Asylum difference in Hindi
रिफ्यूजी और असायलम में अंतर | Refugee and Asylum difference in Hindi

रिफ्यूजी और असायलम में अंतर | Difference between Refugee and Asylum in Hindi

रिफ्यूजी और असायलम के बीच काफी अंतर है एक व्यक्ति प्रताड़ना, हिंसा या किसी भी कारणवश किसी अन्य देश में शरण का आवेदन करता है। इस शरण को असायलम (Asylum) कहा जाता है। शरण के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को असायलम सीकर (Asylum seeker) के नाम से जाना जाता है। वहीं जब प्रताड़ित व्यक्ति के आवेदन को कोई अन्य देश मान लेता है तब उसे रिफ्यूजी कहा जाता है। हालांकि यह परिभाषा दोनों के अंतर को समझने के लिए काफी नहीं है, इसलिए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि रिफ्यूजी और असायलम के बीच क्या अंतर है। चलिए शुरू करते हैं:-

रिफ्यूजी क्या होता है? (What is Refugee in Hindi?)

रिफ्यूजी को हिंदी में शरणार्थी और अंग्रेजी में Refugee कहा जाता है। वे लोग जो असहाय, लाचार है तथा जिनके पास रहने के लिए कोई आश्रय नहीं है तथा जिन्हें रक्षा की जरूरत होती है, उन लोगों के लिए इस शब्द का प्रयोग किया जाता है। हम कह सकते हैं कि वह व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह जो किसी कारण की वजह से अपना घर-बार, देश छोड़ने पर मजबूर हो गया जिस वजह से वह शरणागत की स्थिति में आ गया, वह शरणार्थी कहलाएगा।

आंकड़ों के मुताबिक पूरे दुनिया भर में शरणार्थियों की संख्या 7 करोड़ है। संयुक्त राष्ट्र की रिफ्यूजी एजेंसी के आंकड़ों के मुताबिक 2018 में पलायन करने वाले लोगों की संख्या 1.3 करोड़ थी। इनकी संख्या 2017 में पलायन करने वाले लोगों के मुकाबले 27 लाख ज्यादा थी।

दुनियाभर में जितने भी शरणार्थी हैं उनका दो तिहाई हिस्सा 5 देशों से आता है। इन देशों में सीरिया, अफगानिस्तान, म्यांमार, सूडान और सोमालिया शामिल है। दरअसल, इन देशों में जंग की वजह से वहां के लोगों को पलायन करना पड़ता है। ज्यादातर शरणार्थी पलायन कर अपने पड़ोसी देशों में आते हैं। उदाहरण के लिए म्यांमार से पलायन करने वाले लोग बांग्लादेश पहुंचते हैं। वहीं अफगानिस्तान से पलायन करने वाले लोग पाकिस्तान में शरणार्थी बनते है।

शरणार्थियों की सबसे बड़ी समस्या होती है उनका शोषण। दरअसल, पलायन करने वाले लोगों में अक्सर बड़ी संख्या महिलाओं और बच्चों की होती है। ज्यादातर देखा गया है कि पलायन के दौरान महिलाएं तस्करों के हाथों में लग जाती है। जो उनसे जबरदस्ती देह व्यापार करवाते है। इसके अलावा शरणार्थियों को खाद्य पदार्थों की अनुपलब्धता, रहने की जगह न होना जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

इसके साथ ही शरणार्थियों को कई देश जगह देने से कतराते हैं क्योंकि उनका मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में यदि शरणार्थी किसी देश की सीमा में घुस जाते हैं तो शरणार्थियों के आ जाने से देश का विकास रुक जाता है।

शरणार्थियों के उदाहरण

आपने अक्सर देखा होगा जिस देश में युद्ध होता है उस देश के लोग अपनी जान बचाने के लिए वहां से पलायन कर जाते हैं। वे अपने देश से निकलकर दूसरे देशों में जाते हैं। इन्हीं लोगों को शरणार्थी कहा जाता है। जैसे सीरिया में जंग की वजह से वहां के लाखों नागरिक अलग-अलग मुल्कों में जाकर शरणार्थी बनकर रहने लगे है। पिछले 5 सालों के आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि विश्व में सबसे ज्यादा शरणार्थी सीरिया से आते हैं।

भारत में शरणार्थी (Refugee in India)

भारत में शरणार्थियों की समस्या अभी से नहीं बल्कि काफी लंबे समय से रही है। भारत में कानूनी और गैर कानूनी शरणार्थियों की जनसंख्या विकसित देशों में रहने वाली जनसंख्या से भी कहीं अधिक है। जैसे भारत में तिब्बत और बांग्लादेश से कई गैर कानूनी शरणार्थी आकर बसे हैं। असम में बांग्लादेशी शरणार्थियों की संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार एनआरसी लेकर आई। जिसके जरिए कई शरणार्थियों की पहचान कर उन्हें अलग से डिटेंशन सेंटरों में भेजा गया था।

कई लोगों को यह लगता है कि भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान जो लोग भारत आकर बसे थे वे भी शरणार्थी है। हालांकि ऐसा नहीं है, दरअसल विभाजन की वजह से पाकिस्तान के पंजाब और सिंध जैसे प्रदेशों से जितने लोग भारत आकर बस गए उन्हें भारत सरकार द्वारा नागरिक का दर्जा दिया गया जिस वजह से वह शरणार्थियों की श्रेणी में नहीं आते।

असायलम क्या है? (What is Asylum in Hindi?)

असायलम शब्द का इस्तेमाल सिर्फ एक संदर्भ में नहीं किया जाता। इसके कई भिन्न-भिन्न अर्थ है। जैसे असायलम का अर्थ- शरण, आश्रय स्थान, पागलखाना, अस्पताल आदि होता है।

लेकिन यहां असायलम का मतलब शरणार्थियों को दिए जाने वाले शरण से है। दरअसल, जब किसी देश का कोई व्यक्ति अपने देश या राज्य में किसी उत्पीड़न, नस्लीय भेदभाव, धर्म, जाति को लेकर शोषण, युद्ध आदि तमाम कारकों की वजह से पीड़ित होकर अपने देश से पलायन करता है तब उसे किसी अन्य देश या राज्य द्वारा सुरक्षा दी जाती है। इसी सुरक्षा को शरण कहा जाता है।

शरण का अधिकार (Right of Asylum)

शरण का अधिकार कई वर्षों से अस्तित्व में है। इसे आधिकारिक तौर पर 1948 में अंतरराष्ट्रीय कानून अनुच्छेद 14 (1) में लिखा गया। साल 1967 में शरणार्थियों की स्थिति को स्पष्ट किया गया। शरण के आधुनिक अधिकार के मुताबिक कोई भी व्यक्ति जो अपने देश में उत्पीड़न का सामना कर रहा है वह दूसरे देश या राज्य से शरण यानी की सुरक्षा मांगने का अधिकार रखता है। इस अधिकार में शरण तभी मांगी जा सकती है जब निम्नलिखित तरह का उत्पीड़न शरणार्थी को झेलना पड़ रहा हो:-

  • धर्म
  • जाति
  • रेस
  • राष्ट्रीयता
  • राजनीतिक कारण

इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने निम्नलिखित 5 मुद्दों के आधार पर शरणार्थियों को शरण देने का आग्रह किया है हालांकि अभी इस पर विचार किया जा रहा :-

  • यौन या लिंग अभिविन्यास
  • महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और हिंसा
  • गृह युद्ध
  • जातीय हिंसा
  • आदिवासी हिंसा

असायलम सीकर और रिफ्यूजी में अंतर (An Asylum Seeker and a Refugee difference in Hindi)

वह व्यक्ति जो शरण की चाह रखता है और शरण के लिए आवेदन करता है उसे Asylum Seeker कहा जाता है। वह व्यक्ति जिसको शरण दी जाती है उसे शरणार्थी कहा जाता है। आसान शब्दों में समझे तो Asylum Seeker वह व्यक्ति होता है जो शरण की चाह रखता है और इसके लिए आवेदन करता है। लेकिन अभी तक उसके आवेदन का मूल्यांकन नहीं किया गया है यानी कि उस व्यक्ति के शरणार्थी बनने का आवेदन अभी लंबित है। जब इस आवेदन को किसी देश या राज्य द्वारा स्वीकृत कर लिया जाता है तथा उस व्यक्ति को शरणार्थी के रूप में मान्यता दे दी जाती है तभी वह व्यक्ति पूर्ण रूप से शरणार्थी कहलाता है। एक शरणार्थी के रूप में मान्यता हासिल करने के लिए जरूरी है कि उस व्यक्ति को अपने देश में जातीय, धार्मिक हिंसा शोषण जैसे उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा हो या फिर यदि किसी देश में युद्ध चल रहा होता है तब भी व्यक्ति शरणार्थी माना जाता है।

निष्कर्ष

इस लेख में आपने जाना कि रिफ्यूजी और असायलम में अंतर (Refugee and Asylum difference in Hindi), इसके साथ ही भारत में शरणार्थियों की स्थिति तथा विश्व में शरणार्थियों की स्थिति क्या है। उम्मीद है कि इस लेख में आपको आपके सभी प्रश्नों का उत्तर मिल गया होगा।

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Author:

Bharti

भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।