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Effects of Drugs on Society Essay in Hindi | समाज पर नशीली दवाओं के प्रभाव पर निबंध
भूमिका
वर्तमान समय में लोगों द्वारा मादक पदार्थों का अत्यधिक सेवन किया जा रहा है। इन जानलेवा मादक पदार्थों की चपेट में सिर्फ बङे ही नहीं बल्कि युवा और बच्चे भी आ चूकें हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के आकङों के मुताबिक 2009 से 2019 तक ड्रग्स का सेवन करने वालों की संख्या में करीब 30 फीसदी उछाल आया है। इन आकङों से यह साफ पता चलता है कि आखिर इन मादक पदार्थों की लत लोगों में कितनी बढ चुकी है। इन मादक पदार्थों के सेवन से लोगों की जिंदगी तो बर्बाद होती ही है, साथ ही इसका बूरा प्रभाव समाज पर भी पङता है।
यदि इन मादक पदार्थों की लत किसी व्यक्ति को लग जाती है तो वह इसे चाहकर भी नहीं छुङा पाता। इन मादक पदार्थों की बिक्री धङल्ले से की जा रही है। यहां तक की स्कूलों और कॉलेजों में भी इन्हें चोरी छिपे बेचा जा रहा है। जिस वजह से यह ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रभावित कर रहा है।
मादक पदार्थ किसे कहा जाता है?
मादक पदार्थ उन पदार्थों को कहा जाता है जो मनुष्य को नशा देतें हैं। जब मनुष्य इस नशे की चपेट में आता है तब उसे बेहद सुखद अनूभुति होती है। धीरे-धीरे उसके अंदर इनका बार-बार सेवन करने की इच्छा जागृत होती है। समय के साथ व्यक्ति इसका आदि हो जाता है।
मादक पदार्थ कई प्रकार के होतें हैं। इनमें से प्रमुख मादक पदार्थों में कोकीन, हेरोइन, बियर,शराब आदि सम्मिलित है।
मादक पदार्थों की लत के क्या दुष्प्रभाव हैं?
मादक पदार्थों का सेवन मनुष्य के लिए काफी घातक माना जाता है। यह सिर्फ नशा करने वाले व्यक्ति को ही प्रभावित नहीं करता परन्तु नशा करने वाले व्यक्ति के परिवार, उसके आस-पास के लोगों को एवं समाज को भी प्रभावित करता है। इसके साथ ही ड्रग्स का सेवन करने के कई भयावह दुष्प्रभाव भी होतें हैं, आइए जानतें हैं उन दुष्प्रभावों के बारे में-
- मादक पदार्थ मनुष्य के शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसके सेवन से व्यक्ति को फेफड़े, पेट, हृदय से संबंधित बिमारियां हो जातीं हैं।
- भ्रूण को नुकसान – यदि गर्भवति महिला द्वारा नशीलें पदार्थों का सेवन किया जाता है तो यह उसके भ्रूण के लिए खतरनाक साबित होता है।
- मानसिक स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव- यह व्यक्ति को सिर्फ शारिरिक रूप से ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी नुकसान पहुंचाता है। इनके सेवन से अधिकतर लोग अवसाद, चिंता, अनिद्रा, अल्ज़ाइमर आदि जैसे मानसिक रोगों से घिर जातें हैं।
- ड्रग्स शरीर के अंदर पहुंचकर हमारी नसो की क्षति पहुंचाता है। इससे हमारी ब्लड वेसेल्स में इंफेक्सन हो जाता है जिससे अर्थराइटिस और ट्यूबरक्लोसिस होने का खतरा और भी बढ जाता है।
- नशा करने वाला व्यक्ति अपने घर, समाज व परिवार से हमेशा के लिए दूर हो जाता है।
- नशा करने वाला व्यक्ति अकसर मारपीट,झगङा व दुर्घटनाओं का शिकार हो जाता है।
- इसके अलावा कुछ ड्रग्स के सेवन से मनुष्य सोचने-समझने की शक्ति खो देता है। जिससे पैनिक अटैक आने और कोमा में जाने की संभावनाएं बनी रहती हैं।
मादक पदार्थों की लत कैसे छुङवाएं?
- मादक पदार्थों की लत को छुङाने के लिए व्यक्ति को यह विश्वास दिलाना होगा कि अगर वो चाहे तो इनका सेवन करना छोङ सकता है।
- आजकल कई ऐसे केन्द्रों का निर्माण किया जा चुका है जहां ड्रग्स की लत को छुङवाने के लिए लोगों को थेरेपी दी जाती है।
- लोगों को मादक पदार्थों का सेवन करने से रोकने के लिए उचित कानून बनाना होगा जिससे लोगों दवारा इसकी अवैध बिक्री और दुरूपयोग को रोका जा सके।
ड्रग्स को लेकर नियम और कानून
अक्सर देखा गया है कि जिन लोगों के पास ड्रग्स की बरामदगी होती है उनके साथ अलग-अलग तरह की कार्यवाही की जाती है। दरअसल, भारत में ड्रग्स को कानूनी और गैरकानूनी जैसी दो श्रेणियों में बांटा गया है। कुछ ड्रग्स का नशा करना जहां गैरकानूनी है वहीं मेडिकल और साइंस में इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रग्स समेत कुछ को कानूनी छूट प्रदान की गई है।
जैसा की आप जानते हैं सार्वजनिक तौर पर नशा करना गैर-कानूनी माना जाता है। हालांकि कुछ ड्रग्स को सार्वजनिक बिक्री की भी अनुमति प्राप्त है। जो नशीलें पदार्थ गैर-कानूनी माने जाते हैं उनकी खरीद-बिक्री करना, उनका इस्तेमाल करना यहां तक की उन्हें अपने पास रखना भी गैर-कानूनी माना जाता है।
इन ड्रग्स को लेकर एनडीपीएस एक्ट (Narcotic Drugs and psychotropic substances Act) बनाया गया है। यह एक्ट 14 नवंबर 1985 से अस्तित्व में हैं। इसमें तीन बार संशोधन भी किए जा चुंके हैं। यह संशोधन 1989, 2001, 2014 में किए गए थे। इस एक्ट में नारकोटिक्स ड्रग्स को गैर-कानूनी ठहराया गया है। नारकोटिक्स ड्रग्स में Cannabis, Coca, Opium शामिल हैं।
ड्रग्स का समाज पर प्रभाव
ड्रग्स का प्रभाव व्यक्ति समेत पूरे समाज पर पङता है। जब किसी व्यक्ति की ड्रग्स लेने से संबंधित हुई गिरफ्तारी की खबर चलाई जाती है तब आम लोगों में भी ड्रग्स लेने की इच्छा जागृत होती है।
जो व्यक्ति ड्रग्स का सेवन करता है उसका अपने आप पर नियंत्रण नहीं रहता। ऐसा व्यक्ति समाज में एक असमाजिक तत्व बनकर उभरता है जो देश की शांति व्यवस्था को बिगाङ के रख देता है। इनके अलावा भी ड्रग्स समाज पर कई नकारात्मक प्रभाव डालता है जिनमें से कुछ के बारे में नीचे बताया जा रहा है।
- रिश्तों को प्रभावित करता है- ड्रग्स की चपेट में आकर व्यक्ति आत्मकेंद्रित हो जाता है वह दूसरों की परेशानियों से बेखबर रहता है। ड्रग्स का सेवन करने वाले व्यक्ति के व्यवहार भी परिवार को लज्जित करने वाले होते हैं। जिससे व्यक्ति स्वयं अपने परिवार से अलग-थलग हो जाता है।
- शिक्षा पर प्रभाव- युवाओं में नशीलें पदार्थों की पहुंच लगातार बढती ही जा रही है। इस वजह से स्कूल और कॉलेज के छात्र भी इनकी चपेट में आ रहें हैं। ड्रग्स के प्रभाव में आएं बच्चे अकसर पढाई से दूर हो जातें हैं।
- रोजगार- हर नियोक्ता ऐसे कर्मचारियों को रखना पसंद करते हैं जो समयनिष्ठ और कुशल हों लेकिन नशें में चूर व्यक्ति इन सभी गुणों को कहीं खो देता है। जिससे वह बेहतर रोजगार हासिल नही कर पाता।
- आर्थीक समस्याएं – नशीलें पदार्थों की लत की वजह से कई बार व्यक्ति अपनी सारी पुंजी इसी में ही खर्च कर देता है।
- कानून व्यवस्था भंग करना- नशीलें पदार्थों के भुगतान के लिए जब लोगों को आवश्यक राशि नहीं मिलती तब वे चोरी, लूटपाट व धोखाधङी जैसे गल्त रास्तों को अपनाता है।
निष्कर्ष
नशीलें पदार्थों के सेवन के दुष्प्रभाव सिर्फ इन पदार्थों का सेवन करने वाले व्यक्तियों पर ही नहीं पङता। ब्लकि इसका प्रभाव उसके परिजनों, दोस्तों और समाज पर भी पङता है। इसलिए इन पदार्थों का सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए। लोगों के बीच इसे लेकर जागरूकता फैलानी जरूरी है।
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने पढ़ा Effects of Drugs on Society Essay in Hindi (समाज पर नशीली दवाओं के प्रभाव पर निबंध), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
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Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।