मेरी माँ

मेरी माँ पर निबंध | Essay on my mother

सामग्री Content
प्रस्तावना Introduction
माँ का जीवन में महत्व Importance of mother in our life
मेरी प्यारी माँ का परिचय Introduction of my sweet mother
उपसंहार Conclusion

प्रस्तावना (Introduction)

माँ दुनिया की बेहतरीन नेमतों में से एक है जिसकी व्याख्या कर पाना असंभव है। माँ के बिना हमारा जीवन अधूरा है। माँ बालक की शिक्षिका और दोस्त दोनों की भूमिका निभाती है। एक बच्चा जब इस दुनिया में आता है तो पहला इंसान जिसे वह देखता है वह होती है उसकी माँ। माँ नौ महीने तक बच्चे को अपनी कोख में रखती है और उसे जन्म देते समय असहनीय पीड़ा भी मुस्करा के झेल लेती है। एक माँ ही है जो जीवन के किसी भी मोड़ पर हमारा साथ नहीं छोड़ती। हमें खरोच भी आ जाएगा सब कुछ भूल कर हमारी चिंता में लग जाती है।

कहते हैं कि भगवान हर जगह नहीं हो सकते इसलिए उसने माँ बनाई, निसंदेह माँ भगवान का रूप ही तो है। जो अपना पूरा जीवन अपने बच्चों और अपने परिवार की सेवा करते करते बिता देती हैं वह भगवान से कम नहीं। वह बिना किसी स्वार्थ के अपने परिवार और बच्चों को प्यार करती है क्योंकि आखिर माँ तो माँ होती है।

माँ का जीवन में महत्व (Importance of mother in our life)

माँ का महत्व वो लोग जान सकते हैं जिनकी माँ इस दुनिया में नहीं रही है, जो उसकी ममता से अज्ञात है। माँ जीवन की प्रथम शिक्षिका होती है जो जिंदगी का मार्गदर्शन कराती है। यही नहीं वह अपने बच्चे को दुनिया की हर खुशी देना चाहती है। खुद तकलीफ में रहने के बावजूद भी वह बच्चे के दुख की चिंता अधिक करती है। माँ दुनिया का वह खूबसूरत रिश्ता है जिसका किसी अन्य रिश्ते से मुकाबला नहीं किया जा सकता। मां की कमी इस पूरे संसार में कभी भी कोई पूरा नहीं कर सकता, परंतु माँ किसी भी रिश्ते की कमी महसूस नहीं होने देती। एक माँ होने के साथ-साथ बच्चे की पिता बनकर भी उसकी परवरिश करती है।

बच्चा चाहे जितना भी बुरा हो, नालायक हो लेकिन मां की नजरों का वह सितारा होता है। माँ अपनी पूरी जिंदगी बच्चों की परवरिश में गुजार देती है, उन्हें लायक बनाने की पूरी कोशिश करती है। माँ के इतने बलिदान और त्याग के बावजूद जब बच्चों की कोई मांग या ख्वाहिश पूरी नहीं होती है तो वह यही कहते हैं कि आपने हमारे लिए आखिर किया ही क्या है?

वर्तमान स्थिति पर गौर करें तो यह रिश्ता महज एक जरूरत बन कर रह गया है। मां की अहमियत को बच्चों ने महत्व देना कम कर दिया है। आज हम मोबाइल और सोशल मीडिया की दुनिया में इतना गुम हो चुके हैं कि अपने रिश्तो से धीरे-धीरे दूर होते जा रहे हैं उनकी अहमियत भूल रहे हैं।

हम हर छोटी बात पर अपने मां-बाप से झगड़ा करते हैं या उनका अपमान करते हैं। परंतु एक समय आने पर जब सभी लोग हमारा साथ छोड़ देते हैं तो एक मां ही है जो कभी हार नहीं मानती। कितनी भी बुरी परिस्थिति हो लेकिन मां किसी भी स्थिति में हमारा साथ नहीं छोड़ती है।

मेरी प्यारी माँ का परिचय (Introduction of my sweet mother)

मेरी माँ एक कुशाग्र ग्रहणी है। वह सुबह 6 बजे उठती है और परिवार के सभी लोगों के लिए चाय बनाती है। पिताजी के लिए टिफिन तैयार करती है और उनके दफ्तर का सभी सामान समय पर तैयार रखती हैं।

पिताजी के दफ्तर जाने के बाद वह घर की सफाई में लग जाती हैं। परिवार के अन्य सदस्यों के लिए नाश्ता तैयार करती है फिर दिन के भोजन की तैयारी में जुट जाती है।

इतने सारे कामों के बीच में कभी उफ तक नहीं करती और सब कुछ मुस्कुराकर करती है। कभी-कभी मैं अपनी पढ़ाई के कारण माँ की कामों में सहायता नहीं कर पाती परंतु कभी भी उसने इस बात की शिकायत नहीं की। पता नहीं वह कैसे इतना सब इतनी आसानी से कर लेती है। यदि माँ एक दिन के लिए भी नानी से मिलने चली जाए तो उसके बिना पूरा घर अस्त-व्यस्त हो जाता है।

मेरी माँ को घर सजाने का शौक है। उसे जब भी खाली समय मिलता वह बेकार की चीजों का पुनर्चक्रण करके उन्हें घर की सजावट में इस्तेमाल करती है।

उसे ज्यादा समय घर में बिताना पसंद है। अक्सर घर के काम करते समय वह पुराने गीत लगाकर सुनती है और उन्हें गुनगुनाया करती है। मेरी माँ बहुत ही स्वादिष्ट भोजन बनाती है, अक्सर मेरे और पिताजी के मित्र माँ के हाथ का स्वादिष्ट भोजन करने घर आया करते हैं।

पड़ोस में ही रहने वाली कविता मासी माँ की बहुत ही अच्छी सहेली है। वह और माँ अक्सर शाम को एक साथ चाय पीती है या सामान लेने साथ बाज़ार जाया करती है।

मेरी माँ बहुत ही सीधे और सरल स्वभाव की है, मैंने अपने अब तक के जीवन में उन्हें कभी भी किसी से झगड़ा करते नहीं देखा। माँ अपने मन में किसी के लिए भी द्वेष नहीं रखती है। मेरी माँ हमेशा सादे वस्त्रों में रहना पसंद करती है, उसे ज्यादा चमक धमक का शौक नहीं है। परंतु वह मुझे हर रुप में इस दुनिया की सबसे सुंदर महिला लगती है।

सुबह से रात तक वह हमारे लिए सब कुछ करती है। हमारे पसंद का भोजन, शिक्षा में सहायता व इस सबके साथ साथ हमें धार्मिक शिक्षा भी देती है। कभी एक शिक्षिका तो कभी सहेली बन जाती है। हमारी गलती पर हमें दंडित भी करती है परंतु कुछ समय बाद हमें मनाती भी है और प्यार से सही और गलत का अंतर सिखाती है।

आज मुझमें जो भी अच्छे गुण हैं वह मुझे मेरी माँ से ही मिले है। मेरी माँ मेरी सबसे बड़ी मार्गदर्शक और आदर्श है। यदि मैं अपने जीवन में अंश भर भी उसके जैसा बन पाई तो मेरा जीवन सफल हो जाए।

उपसंहार (Conclusion)

मांग लूं यह मन्नत की फिर यही जहां मिले, फिर यही गोद मिले फिर यही माँ मिले

कहते हैं माँ के पैरों तले जन्नत होती है। माँ अपने पूरे जीवन हमारे लिए जो कुछ भी करती है हम कभी भी उसका कर्ज नहीं उतार सकते। परंतु हमें वो हर चीज करना चाहिए जो हमारी हमारी माँ को खुशी दे और उसके चेहरे पर हमेशा मुस्कान बनी रहे। हम मेहनत करके जीवन में इतना सफल बने कि हम अपनी माँ को दुनिया की हर खुशी दे सके जिसकी वो हकदार है।

उसकी आंखों में एक आंसू ना होने दें। इस संसार में इससे बुरा और क्या हो सकता है की आज के समय में लोग बुढापे में अपने माता पिता को वृद्ध आश्रम में छोड़ देते हैं। यदि हमारे सिर पर माँ का साया है तो हम बहुत ही भाग्यशाली हैं। माँ की दुआ में बहुत ही ताकत होती है लेकिन अपनी माँ तकलीफ पहुंचा कर हम जीवन में कभी भी सफल नहीं हो सकते।

जिस प्रकार हमारी माँ ने जीवन के किसी भी हिस्से पर हमारा साथ नहीं छोड़ा उसी प्रकार या हमारा भी कर्तव्य है कि उनके वृद्ध आयु में हम उनका सहारा बने। हम जीवन में कितने भी बड़े बन जाए, कितने भी सफल हो जाए किंतु हमेशा अपनी मां के लिए बच्चे ही रहते हैं।

मां अपने बच्चे की हर आयु में उससे उतना ही प्रेम करती है। मां के बिना जीवन की कल्पना करना बहुत ही कठिन लगता है। मां की महत्वता तब समझ आती है जब वह हमसे दूर हो जाती है और तब केवल रह जाता है तो पछतावा। इसलिए हमें अपनी मां को दुनिया की हर खुशी देने का प्रयास करना चाहिए।

Author:

आयशा जाफ़री, प्रयागराज