तुलसी

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तुलसी | Basil

हमारे भारत में तुलसी को माता कहा जाता है तुलसी के धार्मिक महत्व के कारण यह सभी घर आंगन में लगाई जाती है। वैसे तो तुलसी की कई प्रजातियां हैं परंतु इसमें श्वेत और कृष्ण दो मुख्य प्रजातियां है तथा इनके प्रमुख नाम रामा तुलसी और दूसरा कृष्ण तुलसी है। चरक संहिता और सुश्रूत संहिता में तुलसी के गुणों की व्याख्या है। यह 30 सेंटीमीटर से 60 सेंटीमीटर की ऊंचाई वाला पौधा होता है। इसकी पत्तियां हरी और बैगनी होती है।

तुलसी के पौधे में विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो रोगों के निदान और शारीरिक शक्ति बढ़ाने में सहायक है।

Basil in Hindi/Basil meaning in Hindi: तुलसी

Basil Botanical Name/Basil Scientific Name: Ocimum basilicum

Basil leaf in Hindi/Basil leaves in Hindi: तुलसी की पत्ती/तुलसी की पत्तियां

Is Basil Tulsi: Yes

तुलसी एंटी-ऑक्सीडेंट , एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-बायोटिक, एंटी-डिजीज व एंटी-इंफ्लेमेटरी की तरह कार्य करती है।

रामा और कृष्ण तुलसी के अलावा तुलसी के और नाम भी हैं – श्याम तुलसी, वन तुलसी, नींबू तुलसी है। काली तुलसी को ऑसीमम अमेरिकन के नाम से जाना जाता है। मरुआ तुलसी को ऑसीमम वेसिलिकम के नाम से जाना जाता है।

तुलसी के विभिन्न फायदों को निम्नलिखित रुप से देखा जा सकता है-

तुलसी के पत्तों के फायदे | Basil leaves benefits

1. दिमाग के लिए फायदेमंद:

तुलसी की चार से पांच पत्ती रोजाना खाने पर याददाश्त तेज व दिमाग की कार्य क्षमता बढ़ती है। इसके अलावा यह बुद्धिवर्धक औषधि के रूप में भी कार्य करता है।

2. सिर दर्द से छुटकारा दिलाने में सहायक:

तुलसी के तेल की दो, तीन बूंद नाक में डालने से सिरदर्द दूर हो जाता है। तुलसी का अर्क सिर में लगाने से जूं और लीख से छूटकारा मिलता है।

3. रतौंधी रोग से दिलाए मुक्ति:

तुलसी के पत्तियों का रस २-३ बूंद रोजाना आंखों में डालने से रतौंधी के रोगियों को रतौंधी से मुक्ति मिलती है।

4. साइनसाइटिस रोग से मुक्ति में सहायक :

साइनसाइटिस से पीड़ित व्यक्ति को तुलसी की पत्तियों को मसलकर सूंघने से जल्द ही आराम मिलता है।

5. कान के दर्द से छुटकारा:

कान में तुलसी की पत्तियों का रस डालने से सूजन और दर्द से छुटकारा मिलता है।

6. दांत दर्द से मुक्ति:

दांत दर्द में कालीमिर्च और तुलसी की पत्तियों की गोलियां बनाकर दर्द वाले स्थान पर रखने से तुरन्त आराम है।

7. गले से संबंधित रोग से निजात :

तुलसी की पत्तियों के रस को गरम पानी में मिलाकर गलारे करने से गले की समस्या दूर होती है। इसके अलावा तुलसी की पत्तियों का रस, सेंधानमक और हल्दी को गरम पानी में मिलाकर कुल्ला करने से मुंह के सभी विकार दूर होते हैं।

8. खांसी में लाभकारी:

तुलसी की पत्तियों का उपयोग काढ़ा बनाने में किया जाता है जो खांसी में लाभकारी होता है।

9. दमा रोग में आराम:

तुलसी की मंजरी, शहद, सोठ का चूर्ण और प्रयास का‌ रस के मिश्रण को चाटकर खाने से दमा में आराम मिलता है।

10. अन्य रोगों के इलाज में भी सहायक:

इसके अलावा तुलसी डायरिया, पथरी, पेट दर्द, पेट मरोड़, पीलिया, अपच, मूत्र मार्ग में जलन, डिलीवरी के बाद तुरन्त पेट दर्द, नपुंसकता में लाभकारी, कुष्ठ रोग, सफेद दाग दूर करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में, मलेरिया, टाइफाइड, बुखार ,दाद खाज खुजली,सांसों की दुर्गंध,चोट लगने, मासिक धर्म में अनियमितता और सांप काटने पर भी लाभकारी है।