Table of Contents
भ्रष्टाचार पर निबंध | Essay on Corruption
सामग्री Content
• प्रस्तावना Introduction
• भ्रष्टाचार का अर्थ Corruption Meaning
• भ्रष्टाचार के कारण Corruption Causes
• भ्रष्टाचार के दुष्परिणाम Bad effects of corruption
• भ्रष्टाचार रोकने के उपाय Measures to control corruption
• उपसंहार Conclusion
प्रस्तावना (Introduction)
भारत में वर्तमान समय में भ्रष्टाचार एक बहुत ही बड़ी समस्या बन चुका है। भ्रष्टाचार की समस्या इतनी बढ़ चुकी है की बड़े से बड़ा कार्यालय भी भ्रष्ट है। आज के समय में कोई भी काम बिना घूस दिए आसानी से नहीं हो सकता।
Corruption Rank of India: Corruption Perceptions Index (CPI-2019) – Rank 80
भ्रष्टाचार की समस्या इतनी सामान्य हो चुकी है कि हम अपने आसपास बड़े आराम से भ्रष्टाचार दिख ही जाएगा।
न केवल कार्यालय या सरकारी ऑफिस बल्कि धर्म के नाम पर भी भारत में भ्रष्टाचार होता है, ढोंगी बाबा आस्था व धर्म के नाम पर लोगों से पैसे ठगते हैं।
भारत देश के विकास के रास्ते में भ्रष्टाचार एक बहुत ही प्रमुख समस्याओं में से एक है। यदि समय रहते इसका निवारण नहीं किया गया तो आगे चलकर इसका बहुत ही बुरा प्रभाव देखने को मिल सकता है।
भ्रष्टाचार का अर्थ (Corruption Meaning in Hindi)
भ्रष्टाचार (corruption Hindi meaning/what corruption is/corruption definition/what corruption means/corruption kya hai) दो शब्दों से मिलकर बना है भ्रष्ट व आचार। भ्रष्ट का अर्थ होता है अपने पद से गिरा हुआ या बिगड़ा हुआ, तथा आचार का अर्थ होता है आचरण।
अतः भ्रष्टाचार का अर्थ है ऐसा आचरण या ऐसा व्यवहार जो हर प्रकार से अवैध या अनुचित हो। जब कोई भी व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए अपनी शक्ति व पद का गलत इस्तेमाल करके किसी के साथ धोखा व छल करें वह भ्रष्टाचार कहलाता है।
कालाबाजारी, दाम बढ़ाना, मिलावट, चोरी, बेईमानी, जमाखोरी, घूस लेना, सस्ते सामान को महंगा बेचना आदि भ्रष्टाचार में आते हैं। आज के समय में लोग पैसे के पीछे इतने अंधे हो चुके हैं कि वह गलत व अवैध काम करने से भी पीछे नहीं हटते।
भ्रष्टाचार के कारण (Corruption causes)
उच्च स्तर का जीवन– आज हर व्यक्ति उच्च स्तर का जीवन जीना चाहता है जिसके लिए वह कोई भी अवैध काम करने के लिए तैयार है। हर व्यक्ति कम समय और कम मेहनत में अधिक से अधिक धन कमाना चाहता जिसके कारण वह घूस लेता है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है।
महंगाई की समस्या- आज महंगाई हमारे देश में दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है जिसके कारण लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए भ्रष्टाचार का रास्ता अपनाते है।
कम आय- कर्मियों को कम आय मिलती है जिससे कि उनके और उनके परिवार के दशक तक पूरी नहीं हो पाती जिस कारण वह भ्रष्टाचार के दलदल में फस जाते है।
न्याय व्यवस्था में ढील- हमारे देश में भ्रष्टाचार को निपटने के लिए बहुत सारे कानून तो बनाए गए हैं, लेकिन बड़े-बड़े व्यापारी अपने पैसे के दम पर बहुत ही आसानी से कानून की नजरों से बच जाते हैं।
लोगों में जागरूकता की कमी- लोगों ने भ्रष्टाचार को एक बहुत ही आम समस्या बना ली है। लोग अपना काम जल्दी करवाने के लिए घूस देते हैं घूस देने वाला व्यक्ति भी उतना ही पापी होता है जितना घूस लेने वाला। लोगों में भ्रष्टाचार के प्रति जागरूकता फैलाना बहुत ही आवश्यक है।
भ्रष्टाचार के दुष्परिणाम (Bad effects of corruption)
भ्रष्टाचार हमारे देश के विकास के पथ पर एक बाधा बन चुका है। समय के साथ साथ इसका दुष्प्रभाव बढ़ता ही जा रहा है।
भाई भतीजवाद- भ्रष्टाचार के कारण भाई भतीजावाद में बढ़ावा हो रहा है। लोग ऊंचे पद पर जाकर अपने सगे संबंधियों को नौकरी या किसी छोटे पद पर नियुक्त कर देते हैं, जिससे योग्य व्यक्ति अपने अधिकार से पीछे रह जाता है।
राजनीतिक भ्रष्टाचार– बहुत से भ्रष्ट नेता अवैध रूप से जमा किए हुए पैसे को चुनाव के दौरान चुनाव जीतने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
भेदभाव- भ्रष्टाचार के कारण अमीर दिन-ब-दिन अमीर होता जा रहा है और गरीब और ज्यादा गरीब होता जा रहा है। इसी कारण लोगों में भेदभाव पैदा हो रहा है।
कार्यों में देरी- भ्रष्टाचार के कारण बड़े बड़े अफसर घूस लेकर वह काम जल्दी कर देते हैं। और जो कार्य बिना घूस के करना होता है उसे करने में बहुत ही समय लेते है।
अपराध में वृद्धि- भ्रष्टाचार के कारण अपराध बढ़ रहे हैं। लोग अपना काम निकलवाने के लिए कर्मियों पर दबाव डालते हैं और यदि वह न माने तो उनको धमकी देकर अपना काम निकलवाते हैं।
अर्थव्यवस्था में गड़बड़ी- भ्रष्ट लोग टैक्स देने में घोटाले बाजी करते हैं जिस कारण देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है।
बेरोजगारी में बढ़ोतरी- भ्रष्टाचार के कारण बेरोजगारी भी दिन-ब-दिन बढ़ रही है। धनी लोग घूस देकर नौकरियां प्राप्त कर लेते हैं और योग्य लोग इस कारण पीछे रह जाते हैं।
भ्रष्टाचार रोकने के उपाय (Measures to control corruption)
कड़े कानून- भ्रष्टाचार का निवारण करने के लिए हमारे देश में कड़े कानून बनने चाहिए। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 के तहत अगर कोई भी व्यक्ति भ्रष्टाचार करते हुए दोषी पाया जाए तो उसे 1 वर्ष से 7 वर्ष तक की सजा मिल सकती है।
महंगाई पर नियंत्रण- भ्रष्टाचार रोकने के लिए महंगाई पर नियंत्रण करना जरूरी है आज लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए और बढ़ती हुई महंगाई की समस्या से जूझने के लिए भ्रष्टाचार करने पर मजबूर हो जाते हैं।
जागरूकता फैलाना- जब लोग घूस देना बंद कर देंगे तो बहुत हद तक भ्रष्टाचार पर नियंत्रण हो जाएगा। लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम करने चाहिए व भ्रष्टाचार से हो रहे वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताना चाहिए जिससे लोग इसके प्रति जागरूक हों।
कार्यालयों में पारदर्शिता- सभी कार्यालयों में पारदर्शिता होनी चाहिए। किसी भी चीज में संदेह होने पर उसके बारे मे जाँच होनी चाहिए और दोषी मिलने पर बिना समय गवाएं उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।
आय में बढ़ोतरी- कर्मियों की आय में बढ़ोतरी करनी चाहिए जिससे उनकी आवश्यकता पूरी हो सके और वह भ्रष्टाचार जैसी गंदगी से दूर रहें।
कार्यस्थल पर काम करने वाले कर्मियों की सुरक्षा- अमीर व बहुत से नेता लोग अपने पैसे और ताकत के बल पर कर्मियों से जोर-जबरदस्ती करके अपना काम निकलवाते हैं। कार्य स्थान पर कर्मियों की सुरक्षा का प्रबंध होना चाहिए जिससे वहां कोई भी किसी के भी दबाव में आकर कोई भी गलत काम न करें।
उपसंहार (Conclusion)
भ्रष्टाचार की समस्या का निवारण करना बहुत ही आवश्यक हो गया है। सरकार के साथ-साथ प्रत्येक नागरिक को इसके प्रति जागरूक होना होगा। भ्रष्टाचार करना और कराना दोनों ही अपराध है। इसके लिए कड़े कानून बनने चाहिए और उनका सख्ती से पालन होना चाहिए. भ्रष्टाचार करने वाले दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। जब हम सब मिलकर इस अपराध को जड़ से मिटाने के लिए लड़ेंगे तब निश्चय ही हमारा देश विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ेगा।
Author:
आयशा जाफ़री, प्रयागराज