Trading & Demat Account Difference

Trading and Demat Account difference in Hindi
ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट में अंतर | Trading and Demat Account difference in Hindi

ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट में अंतर | Difference between Trading and Demat Account in Hindi

अगर आप भी शेयर बाजार में इन्वेस्ट (Invest)करके मालामाल होना चाहते हैं तो इसके लिए आपको शेयर बाजार से जुड़ी कई बातों का ज्ञान होना जरूरी है। शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपके पास तीन तरह के खातों का होना जरूरी होता है। इनमें बैंक खाता, डीमैट खाता और ट्रेडिंग खाता शामिल है। डीमैट खाता और ट्रेडिंग खाता एक दूसरे पर निर्भर करते हैं। बिना ट्रेडिंग खाते के डीमैट खाता अधूरा है। जो लोग शेयर मार्केट के क्षेत्र में नए होते हैं उन्हें दोनों के बीच का अंतर नहीं पता होता। ऐसे में हम आपको बताएंगे कि डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या अंतर होता है? (What is difference between Demat and Trading Account?)

इन दोनों के अंतर को समझने के लिए यह भी जानना जरूरी होता है कि डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है? लेकिन ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट को समझने के लिए पहले यह समझना जरूरी है कि आखिर शेयर मार्केट क्या होता है? तो आइए जानते हैं:-

शेयर मार्केट क्या है? (What is Share Market?)

शेयर मार्केट एक ऐसा मार्केट है जहां विभिन्न कंपनियों के शेयरों को खरीदा-बेचा जाता है। पहले शेयर बाजार में शेयरों को खरीदने के लिए मोलभाव किया जाता था और बोलियां लगाई जाती थी। लेकिन अब यह सारा काम कंप्यूटर के जरिए होता है। शेयरों को ऑनलाइन खरीदने-बेचने के लिए आपको दो तरह के अकाउंट की जरूरत पड़ती है। एक होता है ट्रेडिंग अकाउंट दूसरा है डिमैट अकाउंट

इन दोनों के गणित को हम आसान शब्दों में समझें तो मान लीजिए आपके पास एक दुकान है जहां से आप सामानों की खरीद-फरोख्त करते हैं। यही दुकान ट्रेडिंग अकाउंट होती है। इस दुकान के सामान को रखने के लिए आप एक गोदाम की भी जरूरत पड़ती है और यह गोदाम आपका डीमैट अकाउंट कहलाता है। जिस तरह दुकानदार अपने सामानों को गोदाम में रखवाता है उसी तरह शेयर मार्केट में जब शेयरों को ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए खरीदा जाता है तब उन्हें रखने के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी होता है।

डीमैट खाता क्या है? (What is Demat Account in Hindi?)

डीमैट अकाउंट का फुल फॉर्म (Full Form of Demat Account) होता है डिमैटेरियलाइज्ड अकाउंट (Dematerialized Account)।

आज से बहुत सालों पहले शेयर मार्केट में लोग जब शेयरों को खरीदते थे तब उन्हें एक कागज दिया जाता था। इस कागज़ में उस व्यक्ति का नाम, शेयरों की संख्या, तारीख आदि लिखी होती थी। लेकिन जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी ने विकास किया वैसे-वैसे शेयर बाजार ने इलेक्ट्रॉनिक रूप को धारण कर लिया। अब आप इन शेयरों को ऑनलाइन किसी भी कंप्यूटर की सहायता से खरीद सकते है। इसके लिए आपको शेयर बाजार में शारीरिक रूप से उपस्थित होने की जरूरत नहीं होगी। जिन शेयरों और प्रतिभूतियों को आप खरीदते हैं उन्हें इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में डीमैट अकाउंट में रखा जाता है।

डीमैट खाता इसलिए खोला जाता है जिससे निवेशक ने जिन शेयरों को खरीदा है उन्हें भौतिक से इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदल सके। सवाल ये उठता है कि आखिर भौतिक प्रारूप को इलेक्ट्रॉनिक में क्यों बदला जाता है? दरअसल, भौतिक शेयर रखने पर काफी जोखिम होता है। कई बार शेयर खराब, क्षतिग्रस्त तथा खो भी जाते हैं। इसके साथ ही जब आप भौतिक शेयरों को बेचते हैं तो उसकी कागज़ी कार्यवाही काफी लंबी होती है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग के समय कोई भी अपने शेयरों को डीमैट अकाउंट के द्वारा खरीद सकता है। इसके अलावा इस अकाउंट में व्यक्ति के द्वारा खरीदे गए शेयरों, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, बांड्स (Bonds) और सरकारी प्रतिभूतियों सभी को एक साथ रखा जाता है।

जो शेयर डीमैट अकाउंट में रखे जाते हैं अगर आप उनको बेचने का मन बनाते हैं तो इसके लिए आपको Demat Account से निकालकर Trading Account के माध्यम से इन शेयरों को बेचना होता है।

भारत में डीमैट खाता खुलवाने की सेवा एनएसडीएल (NSDL) और सीडीएसएल (CDSL) प्रदान करती हैं।

डिमैट अकाउंट कैसे खोलें? (How to open Demat Account?)

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए निम्नलिखित चरणों से गुजरना पड़ता है:-

  • चरण 1: Demat Account खोलने के लिए आपको सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) तथा नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) में सूचीबद्ध किसी डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) से संपर्क करना होगा।
  • चरण 2: इसके बाद आपको एक खाता खोलने का फॉर्म दिया जाता है जिसे भरकर आपको अपने जरूरी दस्तावेज इसके साथ देने होते हैं।
  • चरण 3: इस प्रक्रिया के बाद आपको DP और आपके बीच कुछ कर्तव्य और अधिकारों के बारे में हुए समझौते पर हस्ताक्षर करना होगा।
  • चरण 4: Demat Account खुलने के उपरान्त आपको एक विशिष्ट खाता संख्या दिया जाएगा।

ट्रेडिंग खाता क्या है? (What is Trading Account in Hindi)

यदि आप अपने पास डीमैट खाता रखते हैं और आप उस खाते से कुछ शेयर बेचना या खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास एक ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी होता है। यानी जिन शेयरों की खरीद आप कंप्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन करते हैं। उनकी खरीद-फरोख्त के लिए आपको एक खाता रखना जरूरी होता है, यह खाता ट्रेडिंग अकाउंट कहलाता है। ट्रेडिंग अकाउंट ही शेयर बाजार में शेयरों की लेनदेन का एक जरिया बन चुका है।

इस ट्रेडिंग अकाउंट में एक विशिष्ट ट्रेडिंग नंबर दिया जाता है जिसका इस्तेमाल ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के लिए होता है।

ट्रेडिंग खाता कैसे खोलें? (How to open Trading Account?)

ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की प्रक्रिया कई चरणों से होकर गुजरती है जो कि निम्नलिखित हैं:-

  • चरण 1: Trading Account खोलने के लिए आपको सबसे पहले ब्रोकर का सहारा लेना पड़ेगा। इसके लिए आपको विभिन्न ब्रोकरेज दरों (Brokerage Charges) का पता लगाना होगा तथा अपने लिए उपयुक्त Stock Broker का चयन करना होगा।
  • चरण 2: आपने जिस स्टॉक ब्रोकर को चुना है आपको उसे बताना पड़ेगा कि आप Trading Account खुलवाना चाहते है।
  • चरण 3: ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए आपको एक फॉर्म भरना पड़ता है तथा उसके साथ आपको अपने दस्तावेजों को संलग्न करना होता है।
  • चरण 4: इस चरण में आपके द्वारा दिए गए सभी दस्तावेजों की जांच की जाती है और सभी दस्तावेज ठीक होने के बाद आपका अकाउंट को खोल दिया जाता है।

मुख्यतः शेयरों की खरीद-फरोख्त के लिए तीन अकाउंट की जरूरत होती है जो कि निम्नलिखित है:-

शेयरों की खरीदफरोख्त के लिए यह 3 अकाउंट ज़रूरी है।

  • पहले चरण में Saving Account से Trading Account में रकम आती है।
  • ट्रेडिंग अकाउंट से आप शेयरों की खरीद-फरोख्त कर सकते हैं।
  • जिन शेयरों को खरीदा व बेचा जाता है वे सभी डीमैट अकाउंट में दिखाई देते हैं। डीमैट अकाउंट एक तरह से बैंक की तरह काम करता है जहां शेयरों को जमा किया जाता है।

डीमैट खाते और ट्रेडिंग खाते के बीच अंतर (Demat Account and Trading Account difference in Hindi)

  1. Demat Account में शेयरों को डिजिटल फॉर्म में रखा जाता है, वहीं ट्रेडिंग खाते में आप शेयर, आईपीओ, म्यूच्यूअल फंड और गोल्ड इत्यादि में निवेश कर सकते हैं। निवेश करने के पश्चात इन्हें डीमैट खाते में डिजिटल फॉर्म में रख सकते हैं।
  2. डीमैट अकाउंट निवेशक द्वारा खरीदे गए शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म या डिजिटल फॉर्म में रख लेता है। तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट का काम बाजार से शेयरों को बेचने-खरीदने का होता है।
  3. डीमैट अकाउंट एक सेविंग बैंक अकाउंट (Saving Bank Account) की तरह होता है जैसे आप सेविंग बैंक अकाउंट में अपने पैसे जमा करते हैं उसी तरह डीमैट अकाउंट में आप अपने खरीदे गए शेयरों को रखते हैं। वहीं Trading अकाउंट, करंट अकाउंट (Current Account) की तरह काम करता है इसमें आप शेयरों को खरीद और बेच सकते हैं।
  4. एक Demat Account Open करने के लिए आपको भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (SEBI) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) से मंजूरी लेनी जरूरी है लेकिन ट्रेडिंग खाते में ऐसा नहीं होता।
  5. डीमैट खाता धारक को अकाउंट के लिए एनुअल मेंटिनेस चार्जेस (AMC) देने पड़ते हैं जबकि ट्रेडिंग अकाउंट में इसकी जरूरत नहीं पड़ती।
  6. शेयर मार्केट में ज़रूरी नहीं की ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट दोनों को खोला जाए। आप आईपीओ (IPO) में अप्लाई कर शेयर Demat Account में रख सकते हैं, इसके लिए Trading Account आवश्यक नहीं है।

निष्कर्ष

इस लेख में आपने जाना कि डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है? डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या अंतर होता है? तथा इन अकाउंट को कैसे खोला जाए?

अगर आप भी शेयर मार्केट में निवेश करने के इच्छुक हैं तो इसके लिए आपको शेयर मार्केट से संबंधित अधिक से अधिक जानकारी हासिल करनी होगी। इसके लिए आप किसी विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं क्योंकि शेयर बाजार का रास्ता काफी उतार-चढ़ाव भरा होता है इसमें कभी आपको काफी ज्यादा फायदा हो सकता है तो कभी आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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Author:

Bharti

भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।