Extinct Birds in Hindi

Extinct Birds in Hindi
Extinct Birds in Hindi | वे पक्षी जो पृथ्वी से विलुप्त हो चुके

Extinct Birds in Hindi | वे पक्षी जो पृथ्वी से विलुप्त हो चुके

मनुष्य के लालच ने पृथ्वी को तथा इस पर रहने वाले जीव-जंतुओं के जीवन को संकटों से भर दिया है। आज पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग, ओजोन परत में छेद, पर्यावरण प्रदूषण जैसी कई समस्याओं का सामना कर रहा है। पर्यावरण तथा जंगलों का ह्रास होने की वजह से तथा बदलती जलवायु के चलते आज पक्षियों का अस्तित्व खतरे पर पड़ चुका है। अब तक दुनिया में कई पक्षी विलुप्त हो चुके हैं। पक्षियों को भगवान का डाकिया कहा जाता था लेकिन इन खूबसूरत जीवों को आज इस संसार में रहने का हक भी नहीं दिया जाता। जानकारी के मुताबिक सन 1500 से लेकर अब तक करीब 128 पक्षियों की प्रजातियां विलुप्त हो चुकी है।

पक्षी वैज्ञानिकों के आंकड़ों के मुताबिक आने वाले अगले 100 वर्षों के अंदर पक्षियों की लगभग 1183 प्रजातियां गायब हो सकती हैं। ऐसा नहीं है कि पक्षी कम संख्या में होने की वजह से ही विलुप्त हुए हैं। बल्कि एक समय में लाखों की संख्या में पाए जाने वाले पक्षी भी मनुष्य की गतिविधियों, जंगल के विनाश तथा शिकारियों के हमलों की वजह से आज अपना अस्तित्व खो चुके हैं।

अब तक कई पक्षियों के अवशेषों के आधार पर उन्हें ढूंढा गया। लेकिन दुर्भाग्य से अन्य जीव-जंतुओं के मुकाबले पक्षी के जीवाश्म सुरक्षित नहीं रहते। वे मौसम की थपेड़ों की भेंट चढ़ कर नष्ट हो जाते हैं जिस वजह से कई बार इन विलुप्त हो चुके पक्षियों की जानकारी ही नहीं मिल पाती। लेकिन इन पक्षियों के अपूर्ण नमूनों के आधार पर ही इनकी आकृति का अनुमान लगाया जाता है।

तो आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि कौन-से वे पक्षी हैं जो अब पूरी तरह से विलुप्त हो चुके है।

1. डोडो पक्षी (Raphus cucullatus)

डोडो पक्षी उन पक्षियों की श्रेणी में आते हैं जो कि पृथ्वी से पूरी तरह से विलुप्त हो चुकी है। यह पक्षी मॉरिशियस के स्थानीय पक्षी थे। अन्य पक्षियों से अलग यह पक्षी उड़ना नहीं जानते थे क्योंकि यह आकार में भी बहुत बड़े होते थे। माना जाता है कि डोडो पक्षी कबूतर के करीबी रिश्तेदार है। इस पक्षी की लंबाई 3.3 फीट तथा इसका वजन 20 किलो के आसपास माना जाता था।

डोडो पक्षी के विलुप्त होने का कारण वर्ष 1598 में डच समुद्री यात्री का द्वीपों पर आना था। दरअसल, जब डच समुद्री यात्री द्वीपों पर आए तब इन्होंने इन पक्षियों का शिकार करना शुरू कर दिया। वे इन पक्षियों का शिकार मांस के लिए करते थे। इसके साथ ही इन पक्षियों का शिकार करना भी आसान था क्योंकि यह पक्षी जमीन पर ही चलती थी तथा उड़ नहीं सकती थी। इनका वजन ज्यादा होता था जिस वजह से यह भाग भी नहीं पाते थे। समुद्री यात्रियों ने डोडो पक्षी को द्वीपों से मारकर पूरी तरह से विलुप्त कर दिया था।

2. कैरोलिना तोता (Carolina Parakeet)

Carolina Parakeet तोते की एक प्रजाति हुआ करती थी। यह प्रजाति सिर्फ उत्तरी अमेरिका में ही पाई जाती थी। यह वहां के अलावा अमेरिका के अन्य राज्यों में भी रहती थी तथा प्रवास के लिए यह आयोवा, इलिनॉयस, ओहियो जैसे अमेरिकी राज्य में विचरण के लिए जाती थी। तोते की इस प्रजाति का आकार 12 इंच होता था तथा इनका वजन करीब 280 ग्राम था।

मानवों की गतिविधियों की वजह से इन पक्षियों का अस्तित्व धीरे-धीरे कम होता रहा, धीरे-धीरे जंगल के खत्म होने की वजह से उनके आवास नष्ट होते गए तथा ये पूरी तरह से गायब हो गए।

3. संदेशवाहक कबूतर (Passenger Pigeon)

यह कबूतर भी कैरोलिना तोता की तरह ही उत्तरी अमेरिका के जंगलों में पाए जाते थे। यह झुंडों में उड़ा करते थे। कबूतर की प्रजाति के विलुप्त होने के पीछे मानव की गलत गतिविधियां थी। दरअसल, अमेरिका में अफ्रीकी लोगों को दास बनाकर लाया गया था। इन लोगों को सस्ता भोजन खिलाया जाता था इस भोजन में वे संदेशवाहक कबूतरों का मांस खिलाया करते थे क्योंकि इन कबूतरों का शिकार काफी आसान था इसीलिए इनका शिकार तेजी से किया जाने लगा। इसके साथ ही मानवीय विकास गतिविधियों जैसे कि भवनों का निर्माण आदि की वजह से जंगलों का इस्तेमाल किया गया। जंगल धीरे-धीरे सिमट कर रह गए और संदेशवाहक कबूतरों के आवास पूरी तरह से नष्ट हो गए। संदेश वाहक कबूतर की यह प्रजाति अब पूरी तरह से विलुप्त हो चुकी है।

4. तस्मानियन एमु (Tasmanian Emu)

तस्मानियम एमु नामक पक्षी तस्मानिया द्वीप में पाई जाती थी। यह पक्षी उड़ नहीं पाते थे। किसान यह मानते थे कि यह पक्षी फसलों को नष्ट कर देते हैं इसीलिए उन्होंने इन पक्षियों का शिकार कर इन्हें मौत के घाट उतार दिया और आज यह विलुप्त हो चुके हैं।

5. अरबी शुतुरमुर्ग (Arabian Ostrich)

जैसा कि आप जानते हैं शतुरमुर्ग सबसे बड़े पक्षी होते हैं। वैसे तो यह मुख्यतः अफ्रीका में पाए जाते हैं। लेकिन एक समय था जब यह पक्षी अरब के रेतीले भागों में भी पाए जाते थे। इसके अलावा इन पक्षियों की प्रजातियां जॉर्डन, कुवैत, इसरायल जैसे देशों में भी पाई जाती थी। इन शुतुरमुर्गों को मध्य पूर्व का शुतुरमुर्ग के नाम से जाना जाता था। अरब में रहने वाले अमीर लोगों ने अपने शौक के लिए इस पक्षी का शिकार करना शुरू कर दिया। इसके अलावा इस पक्षी का इस्तेमाल मांस, अंडे तथा इसके पंख के लिए भी किया जाने लगा। दरअसल इसके पंखों से कई तरह की कलाकृतियां बनाई जाती थी।

लेकिन इन पक्षियों की सबसे ज्यादा जनसंख्या तब घटी जब प्रथम विश्व युद्ध में बंदूक तथा राइफलों का आगमन हुआ। बंदूकों और राइफलों के आ जाने के बाद इन पक्षियों का शिकार आसान हो गया। अत्यधिक आखेट की वजह से आज अरबी शुतुरमुर्ग की प्रजाति पूरी तरह से खत्म हो चुकी है।

6. स्टीफंस आइलैंडव्रेन (Stephens Island Wren)

स्टीफंस आइलैंड व्रेन एक विलुप्त प्रजाति है। पक्षी की यह प्रजाति काफी छोटी होती थी। ऐसा माना जाता है कि इसकी लंबाई 10 सेंटीमीटर होती थी। इस पक्षी को 1894 में ढूंढा गया और तभी यह विलुप्त भी हो गई। इस पक्षी की हड्डियों की संरचना छोटी होती थी तथा उनके पंख नरम हुआ करते थे जिस वजह से यह उड़ नहीं पाते थे।

7. ड्रोमोर्निस स्टिरटोनी बर्ड (Dromornis Stirtoni Bird)

ड्रोमोर्निस स्टिरटोनी बर्ड ऑस्ट्रेलिया के विशाल पक्षियों में से एक थे। यह पक्षी आकार में जितना बड़ा होता था उतना ही इसका वजन भी होता था। इसका वजन 450 किलो के करीब होता था। पहली बार इस पक्षी की खोज 1979 में कई गई थी। यह पक्षी देखने में एमु पक्षी जैसा ही लगता था। लेकिन यह पूरी तरह से एमु नहीं था। इस पक्षी को मिहिरंग पक्षी भी कहा जाता था। जैसा कि आप जानते हैं एमु पक्षी बड़े होते हैं वही इस पक्षी की लंबाई 3 मीटर के करीब होती थी।

8. प्लॉटोप्टेरिडे (Plotopteridae)

प्लॉटोप्टेरिडे पक्षी को हाल ही में खोजा गया है। इस प्रजाति के पक्षियों की ऊंचाई लगभग 2 मीटर होती थी। जानकारी के मुताबिक ये पक्षी दो से ढाई करोड़ वर्ष पहले मौजूद थे। यह उत्तरी गोलार्ध में पाए जाते थे तथा अपने आकार में विशाल होते थे। यह पक्षी उड़ नहीं सकते थे। पेंगुइन की तरह ही यह अपने पंखों के जरिए पानी में तैरते थे। लेकिन इनके दांत पेंगुइन से भिन्न होते थे। पेंगुइन भी इन पक्षियों के मुकाबले काफी छोटे होते हैं ऐसा बताया जाता है कि इन पक्षियों की लंबाई मनुष्य के बराबर होती थी। ऐसा बताया जाता है कि यह पक्षी पेंगुइन के पूर्वज पक्षियों में शामिल थे क्योंकि इन पक्षियों का दिमाग पेंगुइन की भांति होता था। इन पक्षियों के अवशेष कैलिफोर्निया, ओरेगन, वाशिंगटन, ब्रिटिश, कोलंबिया तथा जापान में पाए गए थे।

9. डाईनोर्निस मैक्सिमस (Dinornis)

डाईनोर्निस मैक्सिमस पक्षी के बारे में कहा जाता है कि यह अब तक का सबसे ऊंचा पक्षी है। इस पक्षी के प्राप्त कंकालों की ऊंचाई 3.7 मीटर पाई गई। इन पक्षियों का वजन 230 से 240 किलोग्राम होता था। इसके अलावा 278 किलोग्राम की भी एक पक्षी का कंकाल पाया गया था। यह पक्षी विशालकाय मूआ पक्षियों की ही एक प्रजाति है। यह पक्षी न्यूजीलैंड में पाई जाती थी। इस पक्षी के गले की लंबाई काफी ज्यादा होती थी। यह पक्षी शाकाहारी हुआ करती थी।

10. आर्कियोप्टेरिक्स (Archaeopteryx)

यह पक्षी दुनिया का पहला ज्ञात पक्षी है। माना जाता है कि इस पक्षी की उत्पत्ति जुरासिक युग में 140 करोड़ों वर्ष पहले हुई थी। पूरे विश्व भर में इस पक्षी के अब तक 12 जीवाश्म मिले है। सबसे पहला जीवाश्म 1860 या 1861 में खोजा गया था। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि इन पक्षियों का विकास भी डायनासोर की तरह सरीसृपों से ही हुआ था। साल 1861 में जर्मनी स्थित वॉन मेयर में इस पक्षी के कंकाल के 5 हिस्से तथा अलग से इसके पंखों के अवशेष पाए गए थे।



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Author:

Bharti

भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।