अगर तुम साथ हो
भर जाए जीवन में रंग सुनहरे
फिर कहने की क्या बात हो,
छोड़ दूँ मैं संसार ये सारा
बस एक अगर तुम साथ हो,
सूख से भरे दिन रात हों सारे
दुःख की न काली रात हो,
रात चांदनी मधुर रागिनी
और मधुर संगीत की बरसात हो,
आजाओ फिर मेरे प्रियतम
जो मिलन की सौगात हो,
पढ़लो मुझको नजरों से ही
जो दिल में भरे जस्बात हों,
बनालो मुझको कुछ यूँ तुम अपना
वो यादगार लम्हात हों,
छोड़ दूँ मैं संसार ये सारा
एक अगर तुम साथ हो ।
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सोनल उमाकांत बादल , कुछ इस तरह अभिसंचित करो अपने व्यक्तित्व की अदा, सुनकर तुम्हारी कविताएं कोई भी हो जाये तुमपर फ़िदा 🙏🏻💐😊