HINDI KAVITA: एक दुकानदार

Last updated on: September 24th, 2020

एक दुकानदार

दुकानदार होना भी कहाँ आसान है दोस्तों ?
ना किसी के ख्वाबो मे मिलेंगे,


ना किसी के अरमान मे मिलेंगे,
हम हमेशा दुकान मे मिलेंगे,


गर्मी, सर्दी, बरसात यूँ ही गुजर जाती है,
नींद भी पूरी होती नही की रात गुजर जाती है,


होली, दिवाली, नवरात्री,
31st पर भी हम काम मे मिलेंगे,


तुम आ जाना दोस्त
हम हमेशा दुकान मे मिलेंगे,


जमाने भर की खुशियों से अलग है हम,
लोगो को लगता है गलत है हम,


बीमार होकर भी ठीक रहती है तबियत हमारी,
कोई आजकल पूछता भी नही खैरियत हमारी,


कभी माल छोड़ने, तो कभी बैंक या
कभी ट्रैफ़िक के जाम मे मिलेंगे,


तुम हमेशा आ जाना ऐ दोस्त
हम हमेशा दुकान मे मिलेंगे


उधार पैसे की बात हो तो
दूकानदार याद आता है


हमसे अच्छा कोई दोस्त नहीं
तुम हमेशा आ जाना ऐ दोस्त
हम हमेशा दुकान मे मिलेंगे।

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About Author:

मेरा नाम निर्भय सोनी है और मैं उत्तर प्रदेश के रहने वाला हूँ। मुझे लिखने में अच्छी रूचि है। मुझे विश्वास है कि आप लोगों को मेरा ये लेख जरुर पसन्द आएगा। आप लोग अपना आशिर्वाद और प्यार इसी तरह बनाए रखिये। 🙏🏻😊