HINDI KAVITA: जीवन उत्सव है

जीवन उत्सव है

मन के भाव सात्विक हों,
सोच सकारात्मक हो,

पारिवारिक सामंजस्य हो,
बड़ो के लिए आदर सम्मान,
छोटो के लिए प्यार दुलार हो।

सबकी सुनने का जिगर
अपनी थोपने से बच सकें,

सबको साथ लेकर चल सकें,
परिवार की खुशियों के लिए
खुद की खुशियां छोड़ सके।

सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के
मंत्र पर यदि चल सकें,

अपने हित भूल यदि
सबका हित सोच सकें,
सत्य,सरल,निःस्वार्थी बन सकें तो
तब जीवन उत्सव है।

जीवन में आनंद ही आनंद है
जीवन में मंगल ही मंगल है,
जीवन में उत्सव का आनंद है।

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About Author:

सुधीर श्रीवास्तव
शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल
बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002