किसान और इंद्र देव
किसान ने कहा इंद्र देव से,
हर वर्ष जब तुम धुमं धडाके
से आते हो,कर बारिश मुझे
सुंकुन दे जाते हो,
तेरी भावना के संग चलकर
पवन देव मनोभाव से आते है
हर और बारिश कर गर्मी से
राहत दे जाते हो,
दुःख लेकर मेरे कर्मौ से
तुम जो मुझे दुःख से लड़ने की
जौ हैसियत दे जाते हो,
COVID-19 लगा है जग जीवन
मै,देख न जाए भूखमरी 2020 में
कर बारिश एक हौसला बड़ा जा
क्यों ना इंद्र देव का इतिहास रचा जा,
बारिश से फायदा सब का होगा
मन सभी का आन्दीत होगा
पर मेरे कर्मौ से भूखमरी का
सिकार कोई न होगा,
बाट कर देख मोती मेरे पलक का
कभी अन का भोग तौ तुम्हें दिया होगा,
हार जाए जौ अपने कर्मौ से
उस का सम्मान2021 में कैसै होगा,
बैशाख मै जो तु भरमाया,
मेरे मन में आनन्द की ज्वाला
को जगाया अब न जाने क्यों
मुँख मुझ से फहराया,
सहन न होती अब मुझसे हालात मेरे देश
की बुरी, मेरे संग मेरे देश का पालन हार
बन जा,कर बारिश
चाव से भूखमरी आने से पहले नदी नाले सभी एक कर जा
कर बारिश चाव से भूखमरी आने से पहले नदी नाले सभी एक कर जा,
Read Also:
हिंदी कविता: गुरु महिमा
हिंदी कविता: सच है
हिंदी कविता: माँ
हिंदी कविता: महफ़िल महफ़िल सहरा सहरा
अगर आप की कोई कृति है जो हमसे साझा करना चाहते हो तो कृपया नीचे कमेंट सेक्शन पर जा कर बताये अथवा contact@helphindime.in पर मेल करें.
About Author:
चन्द्र प्रकाश रेगर (चन्दु भाई), नैनपुरिया
पो., नमाना नाथद्वारा, राजसमदं