Hindi Kavita on Friendship

Hindi Kavita on Friendship
Hindi Kavita on Friendship | दोस्तों के नाम की शाम | Hindi Poem | Hindi Poetry

Hindi Kavita on Friendship | दोस्तों के नाम की शाम

आइए! कुछ करते नहीं तो
बस इतना करते हैं,
एक शाम दोस्तों के नाम करते हैं,
मौज मस्ती के बजाय
कुछ अलग करते हैं,

सारे दोस्त मिलकर अभियान चलाते हैं।
नगर में असहायों के लिए
कुछ काम करते हैं,
दोस्ती की शाम को यादगार करते हैं,

भलाई और मानवता के
कुछ काम करते हैं
एक नई मिसाल बनाते हैं।
गैरजिम्मेदार नहीं हैं हम सब
ये सबको दिखाते हैं।

सबसे अहम तो यह है कि
मानव हैं तो मानवता के लिए
कुछ काम भी करते हैं,
दोस्तों के नाम की शाम को
हम सब यादगार बनाते हैं।

अकेले हम अकेले तुम

हमारे अपने विचार हैं
हमारी अपनी सोच है,
पर सच यही है कि
न हमारा कोई है
न हम किसी के हैंं।

हम कल भी अकेले थे
आज भी अकेले हैं,
कुछ ऐसा ही तुम्हारे साथ है
बस रिश्तों के झमेले हैं।

फिर भी हम हों या तुम
अकेले थे अकेले ही रहे हैं
अकेले ही रहेंगे जीवन भर
सिर्फ़ अकेले और अकेले
न तुम हमारे हो सकोगे
न हम कभी होंगे तुम्हारे।

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Author:

Sudhir Shrivastava
Sudhir Shrivastava

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.