हाइकु: पूर्ण होगी सबकी अभिलाषाएं

पूर्ण होगी सबकी अभिलाषाएं

भ्रम न रहे
पूर्ण होगी सबकी
अभिलाषाएं

चैतन्य मन
खुद पर विश्वास
सफल कार्य।

कौन जानता
कब पूरी हो जाये,
अभिलाषा भी।

अंतर्मन में
अभिलाषा रखोगे,
कर्म भी करो।

अभिलाषा को
कमजोरी बनाना,
गलत बात।

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About Author:

सुधीर श्रीवास्तव
शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल
बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002