Table of Contents
History of Andaman and Nicobar Islands & Interesting Facts in Hindi | अण्डमान और निकोबार का इतिहास और रोचक तथ्य
अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह को भारत के सबसे सुंदर केंद्र शासित प्रदेशों में से एक माना जाता है। यह क्षेत्र 572 छोटे और बड़े द्वीपों से मिलकर बना हुआ है। यह द्वीप समूह यहां के सफेद रेत, मैंग्रोव वन और उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों की वजह से देश और विदेश में मशहूर है।
आइए जानते हैं भारत के इस खूबसूरत केंद्र शासित प्रदेश से संबंधित कुछ जानकारियां:-
नाम | अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह |
राजधानी | पोर्ट ब्लेयर |
सबसे बड़ा शहर | पोर्ट ब्लेयर |
जनसंख्या | 380,581 (2011) |
क्षेत्रफल | 8,249 वर्ग किलोमीटर |
राजभाषा | हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला, निकोबारी |
स्थापना | 1 नवंबर 1956 |
साक्षरता दर | 86.63% (2011) |
राजकीय पक्षी | लकड़ी कबूतर |
राजकीय पेड़ | डमान पड़ौक |
राजकीय पशु | दुंगोंग |
अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह का नाम (How Andaman and Nicobar Islands Named)
अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह का नाम मलय भाषा के शब्द हांदुमन से निकला है जो कि भगवान हनुमान के नाम का परिवर्तित रूप है। इसके अलावा निकोबार शब्द का अर्थ होता है ‘नग्न लोगों की भूमि।‘
अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह का इतिहास (History of Andaman and Nicobar Islands)
अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह में कई लोगों का शासन रहा। यहां पर 17वी सदी में मराठों का शासन था। बाद में यहां अंग्रेजों का शासन हुआ। जब दूसरा विश्व युद्ध चल रहा था तब उस दौरान जापान ने इस पर अपना अधिकार स्थापित किया था।
इसके अलावा कुछ समय के लिए यह क्षेत्र नेताजी सुभाष चंद्र बोस कि आजाद हिंद फौज के नियंत्रण में भी रहा। अण्डमान और निकोबार की राजधानी का नाम है पोर्ट ब्लेयर। बहुत कम ही लोग यह जानते हैं कि पूरे देश में सबसे पहली बार भारतीय तिरंगे को पोर्ट ब्लेयर में ही लहराया गया था। यहां पर तिरंगा 30 दिसंबर 1993 को लहराया गया था। जब भारत अंग्रेजों के कैद से आजाद हुआ। तब 1947 में यह भारत का केंद्र शासित प्रदेश बना।
अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह की जलवायु (Climate of Andaman and Nicobar Islands)
यहां की जलवायु नम और उष्ण कटिबंधीय है। यहां पर गर्मियों के दौरान अधिकतम तापमान 31°C व न्यूनतम तापमान 23°C के आसपास रहता है। यहां मई से दिसंबर महीने के बीच काफी ज्यादा बारिश होती है।
अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह के जिले (Districts of Andaman and Nicobar Islands)
अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह में सिर्फ तीन ही जिले हैं जो कि निम्नलिखित है:-
- दक्षिण अण्डमान जिला
- निकोबार जिला
- उत्तर मध्य अण्डमान जिला
अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह के सबसे बड़े जिले का नाम दक्षिण अण्डमान है। इसकी जनसंख्या 2,38,142 है। इस द्वीप समूह का सबसे छोटा जिला निकोबार जिला है, यहां की जनसंख्या 36,842 है।
अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह की जनसंख्या (Population of Andaman and Nicobar Islands)
यदि बात करें अण्डमान और निकोबार द्वीप के जनसंख्या की तो 2011 में इसकी जनसंख्या 380,581 थी। इसमें पुरुषों की आबादी 202,871 और महिलाओं की आबादी 177,710 थी। अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह की साक्षरता दर 86.63% है इसमें पुरुष साक्षरता दर 90.27% एवं महिला साक्षरता दर 82.42% है।
अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह की भाषाएँ (Languages of Andaman and Nicobar Islands)
अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह में कई भाषाएं बोली जाती है। यहां पर बोली जानी वाली भाषाओं में प्रमुख है बांग्ला, मलयालम, मराठी, तेलुगू, तमिल, निकोबारी भाषा और हिंदी। इसके अलावा यहां पर आदिवासी जनसंख्या भी निवास करती है। उनके द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं में अंदमानी, महाअंदमानी, सेंटीनीली और ओंगान भाषाएं शामिल है।
अण्डमान और निकोबार के मुख्य त्योहार (Major Festivals of Andaman and Nicobar)
अण्डमान और निकोबार विविधताओं से भरा हुआ है। इसे छोटा भारत भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर भारत के अलग-अलग राज्यों से लोग आकर बसे हैं। चाहे वह पश्चिम बंगाल से हो, तमिलनाडु या केरल से यहां पर आपको विभिन्न राज्यों से आए लोग दिखाई देंगे।
यही वजह है कि यहां पर त्योहार भी विविधताओं से भरा हुआ है। इस द्वीप में अलग-अलग धर्मों के लोग अपने-अपने त्योहारों को मनाते हैं। यहां पर बंगाली लोग दुर्गा पूजा मनाते हैं जबकि तमिल लोग पंगुनी, उथिरम, तेलुगु लोगों द्वारा पोंगल, ओणम जैसे त्योहार मनाए जाते हैं।
अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह का खानपान (Traditional Food of Andaman and Nicobar Islands)
अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह का खानपान भारत के अन्य राज्यों की तुलना में काफी अलग है क्योंकि यह समुद्र के बीचो-बीच है इसीलिए यहां पर समुद्री जीव-जंतु काफी पसंद किए जाते हैं। यहां का मुख्य भोजन मछली, लॉबस्टर, समुद्री जीव, झींगा व केकड़ा आदि शामिल है।
वहीं यदि यहां होटल्स में आप खाने जाते हैं तो वहां पर आपको दक्षिण भारतीय खाने की विविधताएं नजर आएंगी। लेकिन यहां पर पर्यटको का आना जाना लगा रहता है इसीलिए यहां पर भारत के अन्य प्रांतों के खाने को भी शामिल किया जाता है।
अण्डमान और निकोबार की जनजातियाँ (Tribes of Andaman and Nicobar)
अण्डमान और निकोबार में लंबे समय से कई जनजातियां यहां निवास करती हैं। इन प्रमुख जनजातियों में निकोबारी ओंगी, जारवा, महान, अण्डमानी और शॉम्पनी शामिल है।
अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह के पर्यटन स्थल (Tourist Places of Andaman and Nicobar Islands)
अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह अपनी सुंदरता की वजह से पर्यटन का मुख्य स्थल भी है आइए जानते हैं यहां पर कौन-कौन से दर्शनीय स्थल है:-
- हैवलॉक द्वीप
हैवलॉक द्वीप हरियाली से भरा हुआ द्वीप है। यह द्वीप चारों तरफ से उष्ण कटिबंधीय वनों से घिरा हुआ है यह पर्यटन का प्रमुख स्थल भी है यहां पर आने वाले पर्यटक यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को निहारने के अलावा ड्राइविंग, सी वॉकिंग, ग्लास बोट राइड, स्नोर्कलिंग आदि के भी मज़े लेते हैं।
- बैरन द्वीप
बैरन द्वीप दक्षिण पूर्वी एशिया का एकमात्र ऐसा द्वीप है जहां पर सक्रिय ज्वालामुखी है। लेकिन यह द्वीप यहां के लोगों के बसने या फिर पर्यटन के लिए उपयुक्त नहीं समझा जाता। इस द्वीप में पशु पक्षियों की अलग-अलग तरह की प्रजातियां है जो समस्त भारत में कहीं नहीं दिखाई देंगी इसीलिए यहां पर पर्यटक सी प्लेन राईड के द्वारा इसका अद्भुत नजारा देखते हैं।
- पोर्ट ब्लेयर
अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर आकर्षक पर्यटन स्थल है। यहां पर जाना भी आसान है। इसके साथ यहां पर आपको यहां की संस्कृति, रीति रिवाज तथा स्थानीय जनजातियों और उनके इतिहास के बारे में जानने को मिलेगा।
अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह से जुड़े कुछ रोचक तथ्य (Some interesting facts about Andaman and Nicobar Islands in Hindi)
अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह भारत का अभिन्न अंग है। यहां पर हर साल लाखों पर्यटक अपनी छुट्टियां बिताने आते हैं। लेकिन कई लोग इस द्वीप से जुड़े कुछ प्रमुख तथ्यों के बारे में नहीं जानते इसलिए हम आपको अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह से जुड़े 10 रोचक तथ्यों के बारे में बताएंगे:-
- अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह में कई जनजातियां रहती हैं। लेकिन यह जनजातियां बाहर से आने वाले पर्यटकों या लोगों से ज्यादा घुलती मिलती नहीं है। यहां की मुख्य जनजाति जारवा है जिनकी संख्या 400 से भी कम होगी।
- अण्डमान की जारवा जनजाति पिछले 55,000 सालों से इस स्थान पर निवास कर रहे है। इस जनजाति को विश्व की सबसे प्राचीनतम जनजाति में शामिल किया गया है।
- भारत के संविधान में SC & ST अत्याचार रोकथाम अधिनियम 2016 के सेक्शन 3(1) में यह प्रावधान किया गया है कि जो व्यक्ति जारवा जनजाति के आरक्षित क्षेत्र में बिना अनुमति के प्रवेश कर उनकी तस्वीरें खींचता है या उनकी नग्न अवस्था की वीडियो बनाता है तो उसके खिलाफ 3 साल की जेल और 10,000 का जुर्माना लगाया जाएगा।
- अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह में कई जलीय जीव जंतु पाए जाते हैं। यहां पर दुनिया का सबसे बड़ा कछुआ पाया जाता है जिसका नाम “Dermochelys Coriacea” है इसके अलावा यहां पर दुनिया का दूसरा सबसे छोटा कछुआ “ओलिव राइडली” भी पाया जाता है।
- अपने भारत का पुराना 20 रुपए का नोट तो देखा ही होगा। इस नोट के पीछे जो जंगल का हिस्सा बना होता है यह दरअसल अण्डमान और निकोबार द्वीप ही है।
- अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह में कमर्शियल फिशिंग को बंद कर रखा है। यही वजह है कि यहां मछली उम्र पूरी करने के बाद ही मरती है।
- अण्डमान और निकोबार द्वीप में एक बेहद ही विचित्र “कोकोनट क्रैब” पाया जाता है। यह क्रैब आकार में काफी ज्यादा बड़े होते हैं। इनकी लंबाई 1 मीटर तक होती है। इसे कोकोनट क्रैब इसलिए कहा जाता है क्योंकि इन्हें नारियल खाना पसंद होता है तथा यह नारियल को अपने मुंह से तोड़ सकने की क्षमता रखते हैं।
- पूरे भारत में सिर्फ एक ही सक्रिय ज्वालामुखी है जो की अण्डमान में मौजूद है।
- अण्डमान और निकोबार द्वीप का 90 फ़ीसदी हिस्सा जंगल है।
- ब्रिटिश शासनकाल में अण्डमान और निकोबार ही वह द्वीप है जहां पर काला पानी की सजा दी जाती थी। यहां पर मौजूद सेल्यूलर या कालापानी जेल में कई स्वाधीनता संग्राम के नेताओं की कहानियां रची बसी है। इसी जेल को अब राष्ट्रीय स्मारक में तब्दील कर दिया गया है।
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह का इतिहास और रोचक तथ्य (Andaman and Nicobar Islands History and Interesting Facts in Hindi), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
आपको हमारा लेख कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं, अपने सुझाव या प्रश्न भी कमेंट सेक्शन में जा कर पूछ सकते हैं। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए HelpHindiMe को Subscribe करना न भूले।
Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।