Neeraj Chopra Biography in Hindi

Last updated on: August 10th, 2021

Neeraj Chopra Biography in Hindi
Neeraj Chopra Biography in Hindi | ट्रैक एंड फील्ड नीरज चोपड़ा की जीवनी

Neeraj Chopra Biography in Hindi | ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा की जीवनी

आज के इस लेख में हम आपको एथिलीट नीरज चोपड़ा के बारे में बताएंगे। जैसा कि आप जानते हैं नीरज चोपड़ा ने हाल ही में टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में 87.58 मीटर जैवलिन फेंककर (Javelin Throw) भारत के लिए गोल्ड मेडल (Gold Medal) जीतकर इतिहास रच दिया है जिसके बाद से ही लगातार लोग यह जानना चाहते हैं कि नीरज चोपड़ा आखिर कौन हैं? (Who is Neeraj Chopra) वह कहां रहते हैं? तथा वे इस मुकाम तक कैसे पहुंचे?

जानकारी के लिए बता दे, नीरज चोपड़ा भारतीय ट्रैक एंड फील्ड के जैवलिन थ्रो नामक खेल के एथिलीट हैं। वे भारत का राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इसके साथ ही वे सिर्फ एक जैवलिन थ्रो खिलाड़ी ही नहीं बल्कि भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर अपनी सेवाएं भी दें रहें हैं। उनके बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें सेना से विशिष्ट सेवा मेडल से भी नवाजा गया है।

आइए इस लेख के माध्यम से नीरज चोपड़ा के जीवन के बारे में जाने:-

नामनीरज चोपड़ा
जन्मतिथि24 दिसंबर 1997
आयु (2021)23 वर्ष
धर्महिंदू
जन्म स्थानपानीपत, हरियाणा
पिता का नामसतीश चोपड़ा
माता का नामसरोज देवी
खेलट्रैक एंड फील्ड (जेवलिन थ्रो)
कोचउवे होन
प्रतिस्पर्धाजेवलिन थ्रोअर (भाला फेंकना)
पुरस्कारविशिष्ट सेवा मेडल
शिक्षाDAV कॉलेज, चंडीगढ़
Neeraj Chopra Biography in Hindi | ट्रैक एंड फील्ड नीरज चोपड़ा की जीवनी

नीरज चोपड़ा का व्यक्तिगत जीवन (Neeraj Chopra Personal Life)

Neeraj Chopra का जन्म 24 Dec 1997 को पानीपत, हरियाणा में हुआ। नीरज हरियाणा के एक गांव खंडरा के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम सतीश चोपड़ा है जो कि पेशे से एक कृषक हैं। वहीं उनकी माता सरोज देवीहैं जो कि एक ग्रहणी हैं। नीरज के परिवार में उनके माता-पिता, भाई बहनों, तीन चाचाओं के अलावा 19 सदस्य एक ही छत के नीचे रहते हैं। वे अपने 10 चचेरे भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं।

जब नीरज चोपड़ा की आयु सिर्फ 11 वर्ष थी तभी जैवलिन थ्रो के प्रति उनकी रुचि जगी। दरअसल, इस दौरान उन्होंने पानीपत के एक स्टेडियम में जय चौधरी को प्रैक्टिस करते देखा और तभी से जेवलिन थ्रो के प्रति उनका रुझान पैदा हुआ।

नीरज चोपड़ा की शिक्षा (Neeraj Chopra’s Education)

नीरज चोपड़ा की शुरुआती पढ़ाई हरियाणा से हुई है। वहीं उन्होंने बीबीए में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की हैं।

नीरज चोपड़ा का पेशेवर जीवन (Neeraj Chopra’s Professional Life)

नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो गेम में काफी उपलब्धियां हासिल की। इस खेल में उनके कोच का नाम उवे होन (Uwe Hohn) है, जो कि जर्मनी के एक मशहूर पेशेवर Javelin Athlete हैं। यदि बात करें उनके पेशेवर करियर की तो नीरज का इस खेल से जुड़ना काफी दिलचस्प था। दरअसल, नीरज बचपन में काफी हृष्ट पुष्ट व मोटे थे जिस वजह से उनके परिवार ने उन्हें पतला करने के लिए खेल से जुड़े रहने को कहा।

काफी ज्यादा समझाने के बाद नीरज दौड़ने को राजी हुए जिससे उनका वजन कम हो सके। रोज सुबह उनके चाचा उन्हें 15 KM दूर पानीपत के Shivaji Stadium तक ले जाया करते थे। इसी दौरान स्टेडियम में भाला फेंकने वाले खिलाड़ियों को देखकर उनकी रुचि भी इस खेल के प्रति जागी।

लेकिन इस खेल में उच्च स्तर तक पहुंचने के लिए नीरज चोपड़ा को डेढ़ लाख का जैवलिन चाहिए था। हालांकि, उनके परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी ठीक नहीं थी कि वे इतना महंगा जैवलिन उन्हें दिला सके। लेकिन फिर भी नीरज के पिता और उनके चाचा भीम ने कहीं से ₹7000 इकट्ठा किए और उन्हें एक जैवलिन लाकर दिया।

नीरज चोपड़ा के अंदर जैवलिन थ्रो खेल सीखने का जज्बा इतना था कि उनके पास कुछ ना होने के बावजूद उन्होंने यूट्यूब चैनल में विशेषज्ञों के वीडियो को देखकर अपने खेल का अभ्यास जारी रखा तथा अपनी कमियों को दूर किया।

वर्ष 2012 में नीरज ने पंचकूला स्थित Tau Devi Lal Sports Complex (ताऊ देवी लाल स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स) से अंडर-16 के राष्ट्रीय चैंपियन का खिताब हासिल किया। उन्होंने अंडर-16 में 68 मीटर तक भाला फेंका था। साल 2014 में उन्होंने अंडर-18 टीम में 76.50 मीटर भाला फेंक स्वर्ण पदक हासिल किया।

नीरज चोपड़ा उस दौरान सबकी नजरों में आए जब उन्होंने वर्ष 2016 में जूनियर विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा वर्ष 2016 में ही उन्हें एशियन जूनियर चैंपियनशिप में रजत पदक तथा दक्षिण एशियाई खेल में स्वर्ण पदक हासिल हुआ। उन्होंने यह स्वर्ण पदक 86.48 मीटर के अंडर-20 World Record के साथ जीता था। वे इस खेल के साथ ही साल 2017 में सेना में भी दाखिल हुए।

साल 2017 में ही वे एशियन चैंपियनशिप में दाखिल हुए और इसी में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया। 2018 में उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया और अब जाकर साल 2021 के ओलंपिक टूर्नामेंट में उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया है। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में 87.58 मीटर दूरी पर भाला फेंक कर इतिहास रच दिया है। इसके साथ ही नीरज राष्ट्रीय मंडल खेलों तथा एशियाई खेलों में भाला फेंकर स्वर्ण पदक हासिल करने वाले पहले भारतीय एथलीट बन चुके हैं। नीरज चोपड़ा ने अपना यह स्वर्ण पदक मिल्खा सिंह को समर्पित किया है।

नीरज की उपलब्धि को देखते हुए हर कोई उन्हें कई इनामों से सम्मानित कर रहा है। दरअसल, हरियाणा सरकार ने भी यह घोषणा की है कि वे उन्हें 6 करोड़ रुपये से सम्मानित करेगी। इसके साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने नीरज चोपड़ा को दो करोड़ रुपए का नगद इनाम देने की घोषणा की है। नेताओं के अलावा बीसीसीआई (BCCI) ने भी नीरज को एक करोड रुपए का नगद पुरस्कार देने की बात कही है।

वहीं चेन्नई सुपर किंग्स के फ्रेंचाइजी ने भी नीरज को एक करोड़ का इनाम देने की घोषणा की है। नगद पुरस्कारों के साथ नीरज को कई अन्य उपहारों से भी नवाजा जा रहा है। भारतीय कॉरपोरेट जगत के महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने नीरज को आगामी एसयूवी XUV-700 उपहार स्वरूप देने का वादा किया है।

नीरज चोपड़ा की विश्व स्तरीय रैंकिंग (World Ranking of Neeraj Chopra)

नीरज चोपड़ा मौजूदा समय में विश्व स्तरीय रैंकिंग में चौथे स्थान पर है।

नीरज चोपड़ा के जीवन से जुड़े कुछ रोचक किस्से (Some interesting stories of Neeraj Chopra’s Life)

नीरज चोपड़ा का प्रदर्शन खेलों में जितना अच्छा है, उतना ही उनका प्रदर्शन खाने के मामले में भी काफी अच्छा है। दरअसल, इस विषय में उनके एक दोस्त सनी सरदार बताते हैं कि एक बार नीरज और उनके दोस्तों के बीच 18 टिक्की खाने की शर्त लगी थी और नीरज ने यह कर के भी दिखाया। नीरज इतने में ही नहीं रुके, स्टेडियम जाकर उन्होंने वहां का खाना खाया, दूध पिया। नीरज की खुराक देखकर उनके सभी दोस्त दंग रह गए। नीरज को खाने में गोलगप्पे और मिठाइयां काफी पसंद है। हालांकि उन्होंने 6 महीने से मिठाई और तले हुए खाद्य पदार्थों से परहेज कर रखा है।

नीरज चोपड़ा की उपलब्धियां (Achievements of Neeraj Chopra)

  1. नीरज को साल 2011 में हरियाणा के स्टेडियम में जेवलिन थ्रो खिलाड़ियों को देखकर इस खेल की ओर रुझान बढ़ा था।
  2. साल 2012 में उन्होंने Under-16 National Junior Championship में 68.46 मीटर दूरी तक भाला फेका और स्वर्ण पदक हासिल किया।
  3. साल 2013 में उन्हें National Youth Championship में द्वितीय स्थान हासिल हुआ।
  4. वर्ष 2018 में नीरज ने गोल्ड कोस्ट, क्वींसलैंड में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में 86.47 मीटर का भाला फेंक जबरदस्त प्रदर्शन किया। इसके साथ ही वे राष्ट्रमंडल खेलों में जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने।
  5. नीरज राष्ट्रमंडल खेलों में मिल्खा सिंह, कृष्णा पूनिया और विकास गौड़ा के बाद ट्रैक और फील्ड में स्वर्ण पदक हासिल करने वाले चौथे एथलीट बने।
  6. नीरज चोपड़ा एक एथलीट होने के साथ ही भारतीय सेना में सूबेदार पद पर कार्यरत भी है।
  7. नीरज ऐसे पहले एथलीट है जिन्हें जूनियर विश्व एथलीट का खिताब हासिल हुआ बता देंसाल 2016 में विश्व जूनियर चैंपियनशिप जो कि पोलैंड में आयोजित किया गया था, इसमें नीरज को गोल्ड मेडल हासिल हुआ था।

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Author:

Bharti
Bharti

भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।