History of Manipur in Hindi

History of Manipur in Hindi
Pic: St. Joseph Cathedral Church, Mantripukhri, Imphal
History of Manipur and Interesting Facts in Hindi | मणिपुर का इतिहास और रोचक तथ्य

History of Manipur & Interesting Facts in Hindi | मणिपुर का इतिहास और रोचक तथ्य

मणिपुर भारत के पूर्व में स्थित एक प्रदेश है, मणिपुर की राजधानी का नाम इंफाल है। यह जानना जरूरी है की आखिर इस राज्य को मणिपुर के नाम से क्यों जाना जाता है? दरअसल, मणिपुर का अर्थ है मणियों या आभूषणों की भूमि।

पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी मणिपुर को ज्वेल ऑफ इंडिया की संज्ञा दी थी। इसे यह नाम इसलिए दिया गया क्योंकि मणिपुर एक अंडाकार आकृति की घाटी है जो कि चारों ओर से नौ पहाड़ियों से घिरा हुआ है। जो कि देखने में काफी सुंदर है। मणिपुर को भारत का स्विट्जरलैंड कहा जाता है। तो आइए जानते हैं इस राज्य की भाषा, कला, इसका इतिहास, इसकी संस्कृति और वेशभूषा के बारे में।

मणिपुर का इतिहास (History of Manipur)

मणिपुर में 1819 से 1825 तक बर्मी लोगों का शासन था। 1891 में यह ब्रिटिश शासन के कब्जे में आ गया। 1947 में भारत के साथ यह भी स्वतंत्र हुआ। इसके बाद मणिपुर को 1972 में पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। यहाँ के प्रथम मुख्यमंत्री मारी बम कोइरेंग सिंह थे।

मणिपुर की भौगोलिक स्थिति (Geographical Location of Manipur)

मणिपुर का क्षेत्रफल 22,347 वर्ग किलोमीटर है। इसकी सीमाएं कई अन्य राज्यों से मिलती हैं। इनमें नागालैंड, मिजोरम, असम और म्यांमार शामिल है। मणिपुर की भौगोलिक स्थिति काफी समृद्ध है क्योंकि इस राज्य के उत्तर-पूर्वी इलाकों में ऊंची पहाड़ियां मौजूद है। इन पहाड़ियों से कोई ना कोई नदी जरूर बहती है। यहां की प्रमुख नदी इंफाल नदी है।

मणिपुर के जिले (Districts of Manipur)

जब मणिपुर की स्थापना की गई थी तब यहां सिर्फ 9 जिले थे। लेकिन मौजूदा समय में मणिपुर में कुल 16 जिले हैं। यहां के गांव की संख्या 2,639 है। 11 अगस्त 1947 में महाराजा बुद्धचंद्र ने कहा कि वे भारत में विलय करना चाहते हैं, 21 सितंबर 1949 को मणिपुर ने भारत के साथ विलय संधि की। यह 15 अक्टूबर 1949 को भारत मे शामिल हुआ। जनसंख्या की दृष्टि से मणिपुर का इंफाल वेस्ट जिला सबसे बड़ा जिला है। वही क्षेत्रफल की दृष्टि से यहां का चुड़ाचाँदपुर जिला सबसे बड़ा जिला है। मणिपुर के जिलों के नाम इस प्रकार है:-

  1. इंफाल पूर्व जिला
  2. इंफाल पश्चिमी जिला
  3. थौबल जिला
  4. बिष्णुपुर जिला
  5. सेनापति जिला
  6. उखरुल जिला
  7. चंडेल जिला
  8. तमेंगलॉग जिला
  9. चुड़ाचाँदपुर जिला
  10. कक्किंग जिला
  11. जिरिबाम जिला
  12. कमजोंग जिला
  13. नोनी जिला
  14. फेरजॉल जिला
  15. टेंगनुपाल जिला
  16. कांगपोकपि जिला

मणिपुर की भाषा (Official Language of Manipur)

मणिपुरी, मणिपुर की आधिकारिक व प्रमुख भाषा है जिसे मीतै भाषा या मैतै भाषा के नाम से भी जाना जाता है। मणिपुरी भाषा की भी कई उपभाषाएं है। विश्व भर में मणिपुरी बोलने वालों की संख्या 33 लाख है। इसमें से 16 लाख मणिपुर के लोग तथा मणिपुरी मुस्लिम है। मणिपुरी भाषा की अपनी लिपि है जिसे माइटी मायेक के नाम से जाना जाता है।

मणिपुर के त्यौहार (Major Festivals of Manipur)

मणिपुर में साल भर विभिन्न तरह के त्योहार मनाए जाते हैं। यहां के अलग-अलग त्योहारों में लोगों की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताएं झलकती हैं। मणिपुर राज्य के प्रमुख त्योहारों में लाई हारोबा (Lai Harana), गान-नगाई (Gaan-Ngai), दुर्गा पूजा, दिवाली, क्रिसमस ईद-उल-जुहा, ईद उल फितर, रथ यात्रा, मीटीई चीराओबा, निंगोल चाक-कुबा, इमोइनु, लई-नगाई-नी, मेरा होचोंगबा आदि शामिल है।

मणिपुर के प्रमुख पर्यटन स्थल (Major Tourist Places of Manipur)

मणिपुर पर्यटकों के लिए काफी आकर्षक राज्य है। यहां की शानदार जलवायु, हरियाली और सुंदर झीलें इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। तो आइए जानते हैं, यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में:-

  • बिशनुपुर शहर

मणिपुर के बिशनुपुर शहर में आपको चारों तरफ से हरियाली नजर आएगी। यह शहर घने जंगलों से घिरा हुआ है। यदि आप का प्रकृति से बेहद लगाव है और प्रकृति की गोद में रहना चाहते हैं तो आपको यह जगह काफी रोमांचित कर सकती है क्योंकि यहां पर आपको घने विशाल जंगल, विशाल घास के मैदान और प्राचीन मंदिर नजर आएंगे। यदि आप यहां घूमने जा रहे हैं तो आप यहां के प्रमुख स्थलों जैसे- पंच रत्ना मंदिर, श्यामराई मंदिर, सिद्धेश्वर मंदिर, सुसुनिया पहाहार, जोरेबंगला मंदिर, केबुल लामजाओ नेशनल पार्क आदि का आनंद ले सकते हैं।

  • थौबल

मणिपुर का थौबल इसका प्रमुख पर्यटन स्थल है। थौबल में आप घूमने के साथ-साथ ट्रेकिंग के भी मजे ले सकते हैं। यहां पर आपको कई मंदिर और झरने भी नजर आएंगे जो कि देश भर में काफी प्रसिद्ध है। मणिपुर में कई दर्शनीय स्थल है इनमें थौबल नदी, वाथौ झील, थौबल बाजार, लुईस लेक, खोंगजोम युद्ध स्मारक, पीपुल्स म्यूजियम आदि सम्मिलित हैं।

  • सेंट जोसेफ कैथेड्रल चर्च, इंफाल
  • सेंट जोसेफ कैथेड्रल चर्च, इंफाल से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, इस चर्च को वर्ष 1999 में बनाया गया था। शहर से दूर स्थित यह चर्च न सिर्फ धार्मिक स्थल है बल्कि यहाँ पहुंच कर आपको मन की शांति भी मिलेगी।

    • इंफाल

    इंफाल मणिपुर की राजधानी है जिसे यमुफाल के नाम से भी जाना जाता है। यहां यमु का मतलब है घर और फाल का मतलब बनाना है। इंफाल मणिपुर का सबसे बड़ा और सुंदर शहर है। ऐसा बताया जाता है कि एक समय था जब इंफाल पूरी तरह से पानी से भरा हुआ था। इस पानी को निकालने के लिए पहाड़ों को काटा गया और नहरों के रास्ते पानी को बाहर निकाला गया और पानी के निकल जाने से जो जमीन मिली उस पर घर बनाए गए। इंफाल समुद्र से 780 मीटर की ऊंचाई पर विधमान है।

    मणिपुर की वेशभूषा (Manipur’s Traditional Attire)

    मणिपुर की वेशभूषा में आपको वहां की संस्कृति की झलकियां नज़र आएगी। मणिपुर के पुरूष सफेद रंग का धोती कुर्ता तथा सफेद पगड़ी पहनते हैं। वहीं यहां की महिलाएं एक ड्रेस पहनती हैं जिसे इंनाफी भी कहा जाता है। यह ड्रेस देखने में एक शॉल जैसी लगती है जिसके बॉर्डर पर आपको आकर्षक रंगों के सुंदर डिजाइन दिखाई देंगे। इसके अलावा यहां की महिलाएं फेनक और स्कर्ट भी पहनती हैं।

    मणिपुर का खानपान (Traditional Food of Manipur)

    मणिपुर के खानपान में आपको काफी विविधताएं नजर आएंगी। यहां के लोग मुख्य रूप से मछली खाना पसंद करते हैं। मणिपुर में मछली करी जिसे नगा थोंगबा नाम से आम लोगों के बीच जाना जाता है, काफी लोकप्रिय है। यहां ज्यादा आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं जिस वजह से आपको यहां खाने की थाली में तरह-तरह की जंगली वनस्पतियां नजर आएंगी। यहां शाकाहारी खाने में ऊटी प्रसिद्ध है। वही यहां का दूसरा सबसे प्रसिद्ध व्यंजन है चामथोंग इस व्यंजन को सब्जियों का उपयोग करते हुए बनाया जाता है। मणिपुरी लोग अपने व्यंजनों को बिना तेल के पकाते हैं।

    मणिपुर का लोक नृत्य (Folk Dance of Manipur)

    मणिपुर राज्य की खास बात यह है कि यहां पर जितने भी शास्त्रीय और लोक नृत्य किए जाते हैं, वह सिर्फ मंदिरों में ही किए जाते हैं। यहां के लोग राधा कृष्ण को काफी ज्यादा मानते हैं और इसीलिए यहां के नृत्य भी राधा कृष्ण को ही समर्पित होते है। मणिपुर के नृत्यों में प्रमुख है माई नृत्य, पुंग चोलम नृत्य, खंबा थाबी नृत्य आदि।

    मणिपुर में मणिपुरी नृत्य प्रचलित है जिसे स्थानीय भाषा में जगोई नृत्य कहा जाता है। यह एक रासलीला हैं जो कि राधा कृष्ण के प्रेम को दिखाता है। वही यहां पर भगवान शिव और माता पार्वती पर केंद्रित नृत्य भी किए जाते हैं। मणिपुर राज्य के देवता उमंग लाई है जिनके लिए लाई हराओबा का नृत्य किया जाता है।

    मणिपुर दिवस (Manipur Diwas)

    1956 में राज्यों का पुनर्गठन किया गया था उस दौरान मणिपुर 1 केंद्र शासित प्रदेश के रूप में अपना अस्तित्व बनाए हुए था। लेकिन जब 1972 में भाषा के आधार पर राज्यों का गठन किया गया, तब मणिपुर को एक अलग राज्य के रूप में मान्यता प्राप्त हुई। इसकी स्थापना 21 जनवरी को हुई थी जिस वजह से हर साल 21 जनवरी को ही मणिपुर दिवस के रूप में मनाया जाता है।

    मणिपुर के बारे में रोचक तथ्य (Interesting & Amazing facts about Manipur in Hindi)

    1. मणिपुर में इमा कीथेल वुमनमार्केट है जिसे सिर्फ महिलाओं द्वारा संचालित किया जाता है। यह मार्केट 500 साल पुराना है यहाँ पर महिलाएं कई फैशनेबल कपड़े, सब्जियां, मसाले आदि बेचती है।
    2. मणिपुर में लोकटक झील है जो कि पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है। इसकी खासियत यह है कि इस पर तैरती हुई वनस्पतियां तथा मिट्टी के द्वीप बने हुए हैं, इन्हें कुंदी कहा जाता है। इस झील पर तैरता हुआ सबसे बड़ा द्वीप केयबुल लामजाओ कहा जाता है। इसका क्षेत्रफल 280 वर्ग किलोमीटर है।
    3. लोकटक झील में एक 40 वर्ग किलोमीटर का घेरा है जिसे सरकार ने केईबुल लामजाओ राष्ट्रीय पार्क नाम दिया है। यह राष्ट्रीय पार्क दुनिया का एकमात्र राष्ट्रीय पार्क है जोकि तैरता है।
    4. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने मणिपुर को ज्वेल आफ इंडिया (Jewel Of India) कहा था।
    5. मणिपुर एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पर ब्राउन एंटिलर्ड हिरण पाया जाता है। इस हिरण को स्थानीय भाषा में संगी हिरण के नाम से जाना जाता है।
    6. इंग्लैंड का एक प्रसिद्ध खेल है पोलो। दरअसल इस खेल की उत्पत्ति मणिपुर से ही हुई थी क्योंकि मणिपुर के लोग घुड़सवारी के साथ जो खेल खेलते थे इसे पुलू कहा जाता था जब अंग्रेजों का मणिपुर पर राज था तब उन्होंने यहां से इस खेल को सीखा और पूरे इंग्लैंड में इसे फैलाया।

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    Author:

    Bharti
    Bharti

    भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।