लघुकथा: चुनौती

चुनौती

राम की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी,फिर भी वो अपनी बेटी की अच्छी शिक्षा के लिए हर संभव प्रयास करता रहता रहता।

बेटियाँ भी इस बात को बखूबी समझती थीं।तभी तो बिना कोचिंग के भी वे अपने विद्यालय की टापर थीं।
बड़ी बेटी आईआईटी के लिए तैयारी कर रही थी।उसे पता था कि उसके पापा उसे कोचिंग करा पाने की स्थिति में नहीं हैं।हालांकि वह चाहती तो थी,मगर वह अपने मां बाप को हीनता का अहसास नहीं कराना चाहती थी।

इस परिस्थिति में भी वह अपने सपनों को मरने भी नहीं देना चाहती थी।उसने इसे चुनौती के रूप में लिया।जिसका परिणाम ये हुआ कि उसे सफलता भी मिली और सरकारी कालेज के साथ छात्रवृत्ति भी।

आज उसके पापा की खुशी का ठिकाना नहीं था।उनकी बेटी ने चुनौतियों का सामना बखूबी ढंग से किया।उसकी छोटी बहन को भी अहसास हो रहा था कि चुनौतियों का सामना करने के सिवा और कोई बेहतर विकल्प नहीं हो सकता।

Read Also:
दोष किसका
आशा

अगर आप की कोई कृति है जो हमसे साझा करना चाहते हो तो कृपया नीचे कमेंट सेक्शन पर जा कर बताये अथवा contact@helphindime.in पर मेल करें.

1 Star2 Stars3 Stars4 Stars5 Stars (1 votes, average: 5.00 out of 5)
Loading...

About Author:

सुधीर श्रीवास्तव
शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल
बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002