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Sir Isaac Newton Biography in Hindi | सर आइज़क न्यूटन की जीवनी
सर आइज़क न्यूटन दुनिया के सबसे प्रभावशाली गणितज्ञ, ज्योतिष, दार्शनिक तथा भौतिक वैज्ञानिक माने जाते हैं। न्यूटन के विज्ञान के क्षेत्र में दिए गए योगदान अतुलनीय है उन्होंने अपने जीवन काल के दौरान कई सिद्धांत प्रतिपादित किए जिनमें गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत प्रिज्म एक्सपेरिमेंट, गति तथा बल का सिद्धांत आदि महत्वपूर्ण है।
आइए जानते हैं इस प्रतिभाशाली शख्सियत के जीवन के बारे में:-
नाम | सर आइजक न्यूटन |
जन्म तिथि | 4 जनवरी 1643 |
जन्म स्थान | लिंकन शायर, इंग्लैंड |
पेशा | गणितज्ञ, दार्शनिक, भौतिक वैज्ञानिक |
माता का नाम | हन्ना ऐस्क्फ |
पिता का नाम | आइज़क न्यूटन |
मृत्यु तिथि | 31 मार्च 1727 |
मृत्यु स्थान | लंदन |
सर आइज़क न्यूटन का प्रारंभिक जीवन (Early Life of Sir Isaac Newton)
सर आइज़क न्यूटन का जन्म 4 जनवरी 1643 को हुआ। वे इंग्लैंड स्थित लिंकनशायर में पैदा हुए। बचपन में न्यूटन इतने कमजोर दिखते थे कि लोगों का कहना था कि वह ज्यादा नहीं जी पाएंगे। कभी कभी पुराने जूलियन कैलेंडर का इस्तेमाल करते हुए न्यूटन की जन्म तिथि 25 दिसंबर 1642 बताई जाती है। न्यूटन के पिता का नाम भी आइजक न्यूटन था जो कि एक किसान थे उनके पिता की मृत्यु उनके जन्म से 3 महीने पहले हो गई थी।
उनके माता का नाम हन्ना ऐस्क्फ था। जब न्यूटन 3 साल के हुए तभी उनकी माता ने रेवरंड बर्नाबुस स्मिथ से दूसरी शादी की तथा न्यूटन को छोड़कर वे उनके साथ रहने लगी। यही वजह थी कि न्यूटन ना तो अपनी माता को पसंद करते थे ना ही अपने पिता को। बचपन से ही न्यूटन का पालन पोषण उनकी दादी ने किया था। आगे जाकर न्यूटन के सौतेले पिता की भी मृत्यु हो जाती है। तब उनकी माता वापस लौट आती है तथा न्यूटन को कहती हैं कि वह खेती किसानी में मदद करें लेकिन न्यूटन को पढ़ाई से प्यार होता है।
न्यूटन की शिक्षा (Education of Newton)
न्यूटन की प्रारंभिक शिक्षा तो एक स्थानीय स्कूल में हुई लेकिन 12 वर्ष की अवस्था में उन्होंने इंग्लैंड के ग्रंथम स्थित किंग्स स्कूल में दाखिला लिया। शिक्षा के दौरान वे एक फार्मासिस्ट क्लार्क के घर में निवास करते थे। इस दौरान उन्होंने क्लार्क की बेटी को खिलाने के लिए कई यांत्रिक उपकरणों जिनमें लाइव माउस, फ्लोटिंग लालटेन, सन डायल्स से चलने वाली पवन चक्की आदि का आविष्कार किया। न्यूटन के स्कूल के दौरान एक घटना घटी जिसमें स्कूल के कुछ लड़कों ने न्यूटन को बहुत मारा पीटा लेकिन जैसे ही न्यूटन को गुस्सा आया वह लड़के भाग निकले।
1659 न्यूटन को स्कूल से निकाल दिया गया था जिसके बाद उनके अंकल रेव विलियम एस्क्फ ने न्यूटन से कहा कि उन्हें स्कूल जाना चाहिए जिसके बाद 1661 के जून महीने में उन्होंने कैंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज में दाखिला लिया। कॉलेज की फीस निकालने के लिए वे कॉलेज में काम किया करते थे। कॉलेज के दौरान दी जाने वाली शिक्षा अरस्तु पर आधारित थी लेकिन न्यूटन को आधुनिक दार्शनिकों को पढ़ना अच्छा लगता था। न्यूटन की बुद्धिमता तथा उनकी प्रतिभा को देखते हुए 1664 में उन्हें स्कॉलरशिप दी गई। इस दौरान उन्होंने ‘केप्लर के नियम’ के बारे में पढ़ा। इसके अगले ही साल यानी कि 1665 में न्यूटन के द्वारा सामान्यीकृत द्विपद प्रमेय (Generalized Binomial Theorem) की खोज की गई।
न्यूटन के आविष्कार (Inventions of Newton)
न्यूटन ने अपने जीवनकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण आविष्कार किए जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण आविष्कार और सिद्धांत निम्नलिखित है:-
- न्यूटन का प्रकाशिकी प्रयोग (न्यूटन का रंग सिद्धांत)
1670 से 1672 के बीच न्यूटन के द्वारा प्रकाश के अपवर्तक की प्रभावशीलता की खोज की गई। इसके अंतर्गत उन्होंने एक ऐसा यंत्र दिखाया जो लेंस के जरिए प्रकाश की किरणों के झुकने से दूर की वस्तुओं को देखने में सक्षम था इस खोज के अंतर्गत उन्होंने बताया कि ‘श्वेत प्रकाश, एक रंग का न होकर कई रंगों के प्रकाश का सम्मिश्रण होता है।’
- न्यूटन का प्रिज़्म एक्सपेरिमेंट
न्यूटन का कहना था कि सूर्य का प्रकाश देखने में तो सफेद प्रतीत होता है लेकिन इसमें कई अन्य रंगों का मेल होता है। दरअसल यह सात रंगों से मिलकर बनता है जिनमें बैगनी, पीला, जामुनी, नीला, हरा, सन्तरी और लाल रंग शामिल है। इन सभी रंगों को प्रिज़्म की सहायता से अलग-अलग किया जा सकता है।
- न्यूटन का बल संबंधी प्रयोग
1675 की शुरुआत में न्यूटन ने कण के बीच आकर्षण प्रतिकर्षण के विचारों को संचालित किया लेकिन उन्होंने इस पर तर्क दिया कि इसमें ईश्वर की उपस्थिति है। दरअसल वे धार्मिक विचारों से प्रेरित थे तथा ईश्वर की शक्ति पर विश्वास करते थे। हालांकि बाद में जाकर उन्होंने बल के क्रिया प्रतिक्रिया के रूप में ही इसे परिभाषित किया।
- न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत
साल 1665 की बात है जब न्यूटन को अपने डिग्री हासिल हुई उस दौरान प्लेग की एक भीषण महामारी उनके शहर में फैली तथा इससे बचाव के लिए उनके कॉलेज को बंद कर दिया गया। अपने घर वापस लौटने से पहले वे सेब के पेड़ के नीचे बैठे तभी अचानक उनके सिर पर एक सेब गिर जाता है। सेब के गिरने से उनमें उत्सुकता जाग उठी की सेब नीचे ही क्यों गिरा?
जिसके बाद उन्होंने इस बारे शोध करने का सोचा। बहुत सालों बाद उन्होंने दुनिया के सामने गुरुत्वाकर्षण बल नाम की शक्ति का उल्लेख किया। न्यूटन ने बताया कि पृथ्वी हर चीज को बल की वजह से अपनी ओर खींचती है। यही वजह है कि बल की वजह से ही चांद पृथ्वी के चक्कर लगाता है और पृथ्वी सूर्य के। न्यूटन ने बताया की दूरी बढ़ने से बल घटता जाता है।
न्यूटन के गति का नियम (Newton’s Laws of Motion)
- न्यूटन का प्रथम नियम
न्यूटन के मुताबिक यदि कोई वस्तु विराम की अवस्था में या फिर समान गति से गतिमान है तो इस अवस्था में परिवर्तन तभी आएगा जब वस्तु पर बाहरी बल का प्रयोग किया जाएगा। यदि वस्तु पर बाहरी बल का प्रयोग न किया जाए तो वर्तमान अवस्था में कोई परिवर्तन नहीं आएगा इसे ही न्यूटन का प्रथम नियम कहा जाता है।
- न्यूटन का द्वितीय नियम
न्यूटन का द्वितीय नियम कहता है कि किसी वस्तु के संवेग परिवर्तन की दर वस्तु पर प्रयुक्त बल के अनुक्रमानुपाती होती है और संवेग परिवर्तन हमेशा उसी दिशा में होता है जिस दिशा की ओर बल का प्रयोग हुआ है। इसे संवेग परिवर्तन का नियम भी कहा जाता है।
- न्यूटन का तृतीय नियम
न्यूटन का तीसरा नियम क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम कहलाता है। इसके अंतर्गत किसी क्रिया के विरुद्ध विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है, क्रिया और प्रतिक्रिया की दिशा हमेशा विपरीत होती है लेकिन क्रिया और प्रतिक्रिया में दोनों ओर से लगने वाला बल हमेशा बराबर होता है।
न्यूटन को मिले अवार्ड और उपलब्धियां (Awards & Achievements)
- न्यूटन ने गणित की उपलब्धियों में साल 1665 में बिनोमिअल थ्योरम प्रस्तुत किया। इसे हिंदी में द्विपद प्रमेय कहा जाता है। इसके अलावा न्यूटन ने परिमित अंतर का सिद्धांत, वर्गीकरण और इंटेक्स का उपयोग आदि समीकरणों को परिभाषित किया।
- 1689 में उन्हें विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि के रूप में पहचान मिली तथा उन्हें संसद का सदस्य चुना गया।।
- 1703 में उन्हें रॉयल सोसाइटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
- न्यूटन ने राजनीति में भी अपना योगदान दिया है दरअसल 1701 में इंग्लैंड में सांसद के पद पर कार्यरत रहे 1705 के दौरान उन्होंने राजनीतिक योगदान दिए।
- उनके कार्यों के लिए उन्हें कोई क्वीन एनी द्वारा नाईट की उपाधि दी गई।
न्यूटन की मृत्यु (Newton’s Death)
न्यूटन ने अपने जीवन काल के दौरान कई बड़े खोज किए जिस वजह से उनकी मृत्यु के बाद भी उनकी प्रसिद्धि में कोई भी कमी नहीं आई है। उनकी मृत्यु 31 मार्च 1727 को हुई तथा उन्हें वेस्टमिनिस्टर एब्बे में दफनाया गया।
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने पढ़ा Sir Isaac Newton Biography in Hindi | सर आइज़क न्यूटन की जीवनी, उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
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Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।