सम्मान के लिए
बेटियों अब समय आ गया है
अपने को जानो
अपनी ताकत को पहचानो।
अपने को कोमल,कमजोर ,अबला
कब तक मानोगी?
अब वो समय नहीं रहा
कि जब तुम्हें पूजने के साथ
सुरक्षा/सम्मान भी देते थे,
अब तो लोग कन्या पूजन की
औपचारिकता भर निभाते हैं,
तुम्हें जन्म लेने से पहले ही
माँ के गर्भ में ही
मारने से भी नहीं घबराते हैं।
दहेज हत्या, बलात्कार,उत्पीड़न से
अपनी मर्दानगी दिखाते हैं।
अब तुम्हें भी बदलना होगा
महागौरी, सरस्वती बनी रहो मगर
अब तो चण्डी,काली, और
दुर्गा, दुष्टनाशिनी बनना होगा,
अपने सम्मान, स्वाभिमान के लिए
अब तुम्हें खुद आगे आना होगा।
Read Also:
हिंदी कविता: कभी न होगी उन्नति
हिंदी कविता: सहारा
हिंदी कविता: सब अपने ही भाई हैं
अगर आप की कोई कृति है जो हमसे साझा करना चाहते हो तो कृपया नीचे कमेंट सेक्शन पर जा कर बताये अथवा contact@helphindime.in पर मेल करें.
यह कविता आपको कैसी लगी ? नीचे 👇 रेटिंग देकर हमें बताइये।
कृपया फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और whatsApp पर शेयर करना न भूले 🙏 शेयर बटन नीचे दिए गए हैं । इस कविता से सम्बंधित अपने सवाल और सुझाव आप नीचे कमेंट में लिख कर हमे बता सकते हैं।
About Author:
✍सुधीर श्रीवास्तव
शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल
बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002