भगवान शिव को प्रसन्न करने के उपाय: जप तप और व्रत

Last updated on: October 3rd, 2020

भगवान शिव (Lord Shiva), सभी हिंदू देवताओं में सबसे दिव्य श्रेष्ठ जाते हैं। “महादेव”, जिसका अर्थ है देवों के देव मतलब की देवों में सबसे श्रेष्ठ भगवान। महादेव उनको दिए गये नामों में से एक और नाम है। हिंदू धर्म में, भगवान शिव (Lord Shiva) को संपूर्ण ब्रह्मांड का पिता माना जाता है।

भगवान शिव को प्रसन्न करने के उपाय: किस दिन पूजा करने से शिव प्रसन्न होते है

भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति का मन प्रसन्न, शांत व संतुलित रहता है और दुख का नाश होता है।
वैसे तो भगवान को याद करने का कोई दिन नहीं होता है आप भगवान् को हर दिन हर वक़्त याद कर सकते हैं परन्तु किस दिन भगवान शिव की पूजा की जाये तो ज्यादा फलदायक होती है, किस दिन पूजा करने से शिव प्रसन्न होते है?

सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे उपयुक्त व लाभ देने वाला माना गया है। ऐसा बताया गया है कि सोमवार को भगवान शिव की आराधना करने से समस्त कार्यों की पूर्ति होती है।

पूरी लगन और विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करने से सौभाग्य प्राप्त होता है।

सोमवार को भगवान शिव की पूजा कैसे करें

भक्तों को हर सोमवार स्नान करने के बाद पवित्र मन और शरीर के साथ भोलेनाथ के मंदिर जाना चाहिए और प्रार्थना करनी चाहिए।

भगवान शिव को दूध और शहद का अर्पण करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से नौकरी/व्यवसाय व आजीविका से जुड़ी समस्याओं का निदान होता है।

शिवलिंग का अभिषेक भस्म और जल से करना चाहिए। शिवलिंग के अभिषेक के बाद व्यक्ति को चंदन का अर्पण भगवां शिव के चरणों में करना चाहिए। चंदन की प्रकृति ठंडी होती है और ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन शांतिपूर्ण और खुशियों से भरा हो जाता है।

भगवान शिव की पूजा (पूजा विधान)

शिव पुराण के अनुसार, शिवलिंग को पानी, दूध और शहद से स्नान करना अच्छा बताया गया है। गुलाब जल, दही और चंदन का भी लेप लगा सकते हैं।

शिवलिंग स्नान के बाद सिंदूर का लेप लगाना चाहिए, जो कि पुण्य का प्रतीक है। उसके बाद भक्तों को फूल-फल अर्पण करना चाहिए, जो दीर्घायु और इच्छा की पूर्ति को दर्शाता है। फिर, धन और ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक अगरबत्ती और एक मोमबत्ती जलाई जाती है।

हालांकि, भक्त अपनी-अपनी मान्यताओं और रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा कर सकते हैं समस्त भाव श्रद्धा का होना चाहिए। आप शिव चालीसा ’और शिव के 108 नामों का भी जाप कर सकते हैं, उसके बाद शिव आरती कर सकते हैं। जब आप आशीर्वाद के लिए शिव चालीसा ’और शिव के मंत्रो का जाप करते हैं तब भगवान शिव और माँ पार्वती की मूर्ति को अपने सामने रखें । आप पूरी रात ‘ओम नमः शिवाय’ और ‘मां पार्वती’ के नाम का जाप करके बिता सकते हैं और शिव भक्ति में सराबोर हो सकते हैं।

Read Also:
12 Jyotirling in India(देश के 12 ज्योतिर्लिंग)
सावन के पवित्र महीने का आध्यात्मिक महत्व

उपवास

भक्त, सामान्य रूप से, पूरे दिन उपवास रखने का एक सख्त रिवाज रखते हैं। सबसे पहले, लोग सुबह जल्दी उठते हैं, स्नान करते हैं – पारंपरिक कपड़े पहनते हैं।

लोगों को भोजन के एक दाने का भी सेवन नहीं करना चाहिए। आम तौर पर इस दौरान तन और मन की शुद्धता और भक्ति भाव बनाए रखना चाहिए। भक्तों को लगता है कि व्रत के प्रति प्रतिबद्धता से भगवान शिव से इच्छा पूरी होती है या आशीर्वाद मिलता है।

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने से पापों से मुक्ति मिलती है और आत्मा का शुद्दिकरण होता है और व्यक्ति को नरक से मुक्ति मिलती है। दूसरे दिन आप सुबह उठकर और स्नान करने के बाद उपवास तोड़ सकते हैं।