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गरीबी पर निबंध | Poverty Essay in Hindi
भूमिका
जनसंख्या की दृष्टि से भारत एक बहुत बड़ा देश है। चीन के बाद विश्व में भारत की जनसंख्या सबसे अधिक है और और यही भारत की गरीबी और पिछड़ेपन का मुख्य कारण भी है। भारत को आजादी मिले 73 वर्षों से अधिक हो चुका है। लगातार दावा किया जाता है कि भारत विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है हालांकि अब भी यहां गरीबों की स्थिति जस की तस बनी हुई है। मौजूदा समय में 21 फ़ीसदी से ज्यादा की जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे अपना जीवन गुजर बसर कर रही है। साल 2019 में आई संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) के रिपोर्ट के अनुसार भारत में 37 करोड़ लोग गरीब है।
गरीबी एक ऐसी स्थिति है जब व्यक्ति मूलभूत आवश्यकताओं की वस्तुओं जैसे रोटी, कपड़ा, मकान से पिछड़ जाता है। हमारे देश में आज भी कई लोग ऐसे हैं जिन्हें एक वक्त का खाना तक नसीब नहीं होता। किसी भी देश में रहने वाले गरीब उस देश के हाशिए के लोगों में शामिल होते हैं क्योंकि मुख्यधारा के समाज ने उन्हें हाशिए पर धकेल दिया है। एक गरीब व्यक्ति कई तरह की मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित रहता है। एक तरफ उन लोगों का वर्ग है जो ऐशो आराम शानो शौकत की जिंदगी जीते हैं, बड़ी-बड़ी हवेली में निवास करते हैं। वही एक गरीब व्यक्ति भूखे पेट अपनी रातें काटता है। गरीब को तो सर पर छत तक नसीब नहीं होती। यही वजह है कि आज सड़कों के किनारे झुग्गी-बस्तियों में गरीब लोग मजबूरन अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। लेकिन अमीर गरीब के बीच की खाई ही गरीबी का मुख्य कारण नहीं है इसके अलावा भी गरीबी के कई कारण हैं।
बाल मजदूरी या बाल श्रम पर निबंध
गरीबी के कारण
देश में लगातार गरीबों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। मौजूदा समय में प्रतिदिन गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजर बसर करने वाले लोगों में वृद्धि होती जा रही है। इसलिए जरूरी हो जाता है कि हम इस बात से रूबरू हो कि आखिर इस गरीबी के पीछे का कारण क्या है?
गरीबी के कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:-
- जनसंख्या वृद्धि:- जनसंख्या वृद्धि गरीबी के वृद्धि के सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से एक है। आज लगातार देश की आबादी में इजाफा होता जा रहा है। वर्ल्ड मीटर के मुताबिक साल 2021 में भारत की जनसंख्या 1,393,409,038 (139 करोड़) है। लगातार भारत की जनसंख्या में साल 2020 से 0.97 फ़ीसदी की वृद्धि होती जा रही है। भारत, चीन के बाद दुनिया में सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश है और यही कारण है कि भारत में गरीबों की संख्या भी काफी अधिक है। जनसंख्या वृद्धि की वजह से लोगों की संख्या में वृद्धि होती रहती है जिससे रोजगार, भोजन जैसी मूलभूत वस्तुओं की कमी हो जाती है और कई लोग इससे वंचित हो जाते हैं।
- अशिक्षा:- हमारे देश की एक बहुत बड़ी जनसंख्या अशिक्षित है। यही वजह है कि लोगों में जागरूकता की कमी होती है। इस वजह से वे गरीबों के लिए आने वाली योजनाओ, रोजगार से वंचित रह जाते हैं।
- अमीर और गरीब के बीच गहरी खाई:- भारत जैसे देश में अमीर लगातार अमीर होते जा रहे हैं जबकि गरीब और गरीब होते जा रहे हैं। गरीबों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है वहीं अमीर जस के तस बने हुए हैं। इसका कारण है कि अमीर और गरीब के बीच में अब एक चौड़ी खाई बन चुकी है जिनमें आर्थिक अंतर काफी ज्यादा है। इसके पीछे का कारण है धन का असमान वितरण। अमीर वर्ग को कई तरह की सुविधाएं प्राप्त होती है लेकिन इन सभी सुविधाओं से गरीब वर्ग वंचित रह जाता है जो इन दोनों के बीच असमानता पैदा करने का कारण बनता है।
- भ्रष्टाचार:- भ्रष्टाचार गरीबी का एक मुख्य कारण है देश में उच्च पदों पर बैठे आलाकमान अपना हित साधते हैं और गरीबों के हितों की अनदेखी करते हैं। वह अपने विशेषाधिकार का दुरुपयोग करते हुए गरीबों का शोषण करते हैं।
गरीबी के प्रभाव
- बाल मजदूरी:- बाल मजदूरी हमारे समाज के लिए अभिशाप है। छोटे छोटे नन्हे मुन्ने बच्चे जिन्हें इस उम्र में पढ़ाई लिखाई और खेलकूद करना चाहिए वही आज मजदूरी कर रहे हैं। इसका कारण है गरीबी। गरीबी की वजह से माता-पिता अपने बच्चों को काम पर जल्दी लगा देते है जिससे उनका पेट पाला जा सके। कई दशकों से बाल मजदूरी के खिलाफ आवाज उठाए जा रही है तथा बचपन बचाओ जैसे आंदोलन लगातार चल रहे हैं।
- आवास की समस्या:- देश में ऐसे करोड़ो लोग हैं जिनके पास सर पर छत भी नहीं है जिस वजह से आपने कई बार देखा होगा सड़कों के किनारे कई लोग छोटी-छोटी झोपड़िया बना कर अपना जीवन निर्वाह कर रहे हैं। आवास की समस्या देश में एक मुख्य कारण है। हालांकि इसका समाधान भी किया जा सकता है यदि सरकार आवास योजनाएं लेकर आए जिससे इन गरीबों के लिए घर बनाया जाए तो उनकी मदद हो सकती है। हालांकि इस दिशा में प्रधानमंत्री आवास योजना तथा दिल्ली सहित अन्य राज्यों में मुख्यमंत्री आवास योजना चलायी जा रही है।
- कुपोषण:- देश में गरीब वर्ग के बीच कुपोषण की समस्या एक महत्वपूर्ण परेशानी है क्योंकि गरीब व्यक्ति अपने लिए एक वक्त का खाना नहीं जुटा पाता जिस वजह से वह कुपोषण का शिकार हो जाता है। साल दर साल लगातार कुपोषण के आंकड़ों में बढ़ोतरी होती जा रही है तथा कई लोग इसकी वजह से अपना जीवन खोते जा रहे है।
- स्वच्छता:- गरीबी की वजह से लोग स्वच्छता को लेकर जागरूक नहीं है जिस वजह से उन्हें गंदी बस्तियों में निवास करना पड़ रहा है। इन बस्तियों में न तो स्वच्छ पेयजल की सुविधा होती है न ही स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता। स्वच्छता की जानकारी न होने की वजह से कई लोग बीमारियों का शिकार होते जा रहे है।
समाधान
ऐसा नहीं है कि गरीबी की समस्या को जल्द से जल्द खत्म किया जा सकता है हालांकि इसके लिए प्रयास जरूर किए जा सकते हैं। गरीबी की समस्या को हल करने के लिए निम्नलिखित उपायों का उपयोग किया जा सकता है:-
- जैसे कि बताया गया है कि गरीबी का मुख्य कारण है लोगों में शिक्षा की कमी। यदि सरकार इस तरह की योजनाएं लेकर आए जिससे गरीब वर्ग के लोगों को शिक्षा मुहैया करवाई जाए तो लोगों में जागरूकता पैदा होगी। इसके लिए छोटे-मोटे संगठन एनजीओ भी कार्य कर सकते हैं वह अपने स्तर पर इन लोगों को शिक्षा दे सकते हैं तथा उन्हें उनके अधिकारों और सुविधाओं के बारे में जागरूक कर सकते हैं।
- जनसंख्या में अभूतपूर्व वृद्धि की वजह से भी गरीबों की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है इसके लिए जरूरी है कि गरीबों को परिवार नियोजन के बारे में बताया जाए उन्हें इस बारे में जागरूकता प्रदान की जाए।
- सरकार को ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मुहैया करवाना चाहिए इसके लिए वे अलग-अलग तरह के उद्योगों की स्थापना तथा पहले से चल रहे उद्योगों में उनकी नियुक्ति के लिए आरक्षण संबंधित व्यवस्था कर सकती है।
- बाल मजदूरी गरीबी के वजह से पनपा है। हालांकि कानून में यह प्रावधान है कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से मजदूरी नहीं करवाई जा सकती। लेकिन आज भी कानून को ताक पर रखकर छोटे बच्चे काम करने पर मजबूर है। यदि इन छोटे-छोटे बच्चों को सरकार शिक्षा मुहैया करवाएं तो वे भी बेहतर रोजगार आगे जाकर हासिल कर सकेंगे।
- जिन लोगों के पास रोजगार नहीं है उन्हें बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाना जरूरी है।
- भ्रष्टाचार भी गरीबी का एक महत्वपूर्ण कारण है इसीलिए भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए इस तरह की नीतियां बनाई जानी चाहिए जिससे भ्रष्टाचारी आलाकमान पर नकेल कसी जा सके।
गरीबी के बारे में कुछ तथ्य
- हमारे देश ने साल 1947 में अंग्रेजी राज से आजादी हासिल की, दरअसल जब हम आजाद हुए उस दौरान देश में गरीबी दर 70 फ़ीसदी थी।
- भारत उन देशों में शुमार है जहां सबसे ज्यादा गरीबी रेखा से नीचे लोग निवास करते हैं। साल 2009 में गरीबी दर 31.1% थी।
- हमारे देश में ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लगभग 20% लोग ऐसे हैं जिन्हें स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध नहीं है जिस वजह से वह गंदे पानी पीने के कारण कई तरह की वायरल बीमारियों के शिकार हो जाते हैं।
उपसंहार
गरीबी की समस्या एक बहुत ही गंभीर समस्या है यह सिर्फ भारत जैसे देश के लिए नहीं बल्कि वैश्विक समस्या बन चुकी है। यदि इसके लिए तत्काल कुछ कदम न उठाए गए तो यह जल्द ही विकराल रूप धारण कर लेगी। सरकार को इस तरह की योजनाएं बनानी चाहिए जो गरीबों और पीड़ित लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सके। लेकिन इसके लिए हम सिर्फ सरकार के भरोसे बैठे नहीं रह सकते यदि प्रत्येक व्यक्ति अपने स्तर पर छोटे-छोटे प्रयास भी करें तो इस समस्या से निजात पाया जा सकता है तथा उन गरीब लोगों की भी मदद हो सकती है।
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Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।