HINDI KAVITA: सावन
Last updated on: October 1st, 2020 सावन सावन की बरसी फुहार मन में उठी बहार कारे बदरवा आज घुमड़ घुमड़ बरस जा तू बरस जा रे बदरा बरस जा रे 1. बरखा बहार आई चले पुरवईया डालियों में झूले पड़े झूले हैं सखियाँ आज मोहे-मोहे लागी पिया की नजरिया पायल बाजे छम छम नाचे सजनियाँ […]