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थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेटिंग पॉलीमर के बीच अंतर
थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेटिंग पॉलीमर के बीच अंतर का प्रश्न बारहवीं कक्षा से लेकर यूपीएससी लेवल तक पूछा जाता है। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल होता है कि आखिर इन दोनों के बीच क्या अंतर हैं।
आपको बता दे, प्लास्टिक के भौतिक और रासायनिक गुणों को देखते हुए प्लास्टिक को थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेटिंग प्लास्टिक में विभाजित किया गया है। इस लेख में हम आपको थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेटिंग पॉलीमर क्या है? थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेटिंग पॉलीमर के बीच क्या अंतर है? जैसे सभी प्रश्नों का उत्तर देंगे तो आइए जानते हैं-
थर्मोप्लास्टिक क्या होता हैं? (What is Thermoplastic in Hindi?)
थर्मोप्लास्टिक पॉलीमर को गर्म करने पर यह श्यान(Viscous) के द्रवों में परिवर्तित हो जाता हैं। दरअसल, श्यान एक गाढ़ा और चिपचिपा पदार्थ होता है जो जल्दी बहता नहीं है। गर्म होने की वजह से यह द्रवों में परिवर्तित हो जाते हैं जिस वजह से उनके आकार में परिवर्तन आ जाता है, वही जब इन्हें वापस ठंडा किया जाता है तो यह कठोर रूप ले लेते हैं।
इसे एक उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है, अक्सर आपने देखा होगा कि जब आग में पॉलिथीन को जलाया जाता है तो वह अपने आप पिघलने लग जाती हैं लेकिन जैसे ही इसे ठंडा किया जाता है, यह कठोर रूप धारण कर लेता है क्योंकि पॉलिथीन एक थर्मोप्लास्टिक होता है।
थर्मोप्लास्टिक का सबसे ज्यादा उपयोग आप अपने दैनिक जीवन में करते हैं। हम रोज़ाना पॉलिथीन का इस्तेमाल सब्जी तथा कई सामानों को लाने ले जाने में करते हैं। वही पीवीसी(PVC) का इस्तेमाल तारों में किया जाता है। यह सभी थर्मोंप्लास्टिक के उदाहरण (Thermoplastic Examples) है।
थर्मोप्लास्टिक इसलिए भी महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इनसे रेशे भी बनाए जाते हैं। नायलॉन थर्मोप्लास्टिक से बनने वाले रेशे का एक प्रमुख उदाहरण है। नायलॉन एक मजबूत रेशा होता है। यही वजह है कि नायलॉन का इस्तेमाल पैराशूट और पर्वतारोहण के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली रस्सियों में किया जाता है। थर्मोप्लास्टिक का एक लाभ यह है कि इसे गर्म करके दोबारा उपयोग किया जा सकता है। लेकिन इसका नुकसान है कि यह थर्मोसेटिंग पॉलीमर के मुकाबले महंगा होता है।
थर्मोसेटिंग पॉलीमर क्या होता है? (What is Thermosetting Polymers in Hindi?)
थर्मोसेटिंग पॉलीमर को गर्म करने के बावजूद भी इनके आकार में परिवर्तन नहीं किया जा सकता। इस तरह के पॉलीमर कठोर होते हैं तथा इनमें जब ज्यादा दबाव दिया जाता है तो यह टूट जाते हैं। इसे थर्मोसेट भी कहते हैं। इसे एक उदाहरण के ज़रिए भी समझा जा सकता है। बर्तनों के हैंडल आदि को जब आग में गर्म किया जाता है तो उनके आकार में ज्यादा परिवर्तन नहीं होता क्योंकि यह थर्मोसेटिंग पॉलीमर के बने होते हैं।
थर्मोसेटिंग पॉलीमर के कुछ उदाहरण हैं (Thermosetting Polymers Examples) बैकेलाइट(Bakelite), मेलामाइन(Melamine), एपॉक्सी रेजिन आदि।
इसके अलावा दैनिक उपयोग की कई चीजें जैसे विद्युत प्लग, स्विच, बर्तनों के हैंडल, डेगची के हत्थे आदि भी थर्मोसेटिंग पॉलीमर से बनाए जाते हैं। इन सब चीज़ों को थर्मोसेटिंग प्लास्टिक से इसलिए बनाया जाता है क्योंकि यह उष्मा का कुचालक होता है जिस वजह से खाना बनाते समय बर्तन गर्म हो जाते हैं परंतु उनके हैंडल गर्म नहीं होते और उन्हें आसानी से पकड़ा जा सकता है।
वहीं विद्युत का कुचालक होने की इसकी विशेषता को ध्यान में रखते हुए विद्युत प्लग, स्विच और बोर्ड सभी थर्मोसेटिंग प्लास्टिक से बनाए जाते हैं क्योंकि इनसे करंट लगने की संभावनाएं कम हो जाती है।
थर्मोसेटिंग पॉलीमर के कई लाभ है जैसे ये थर्मोप्लास्टिक पॉलीमर के मुकाबले ज्यादा मजबूत होते हैं।इनकी खासियत होती है कि यह गर्म होने के बावजूद अपने कठोरता और आकार को बनाए रखते हैं। इसके अलावा यह थर्मोप्लास्टिक के मुकाबले ज्यादा कठोर होते है।
थर्मोसेटिंग पॉलीमर के इन लाभों के साथ इसके कई नुकसान भी है इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इसे पुनः उपयोग नहीं किया जा सकता।
थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेटिंग पॉलीमर के बीच अंतर (Difference between Thermoplastic and Thermosetting Polymers in Hindi)
- थर्मोप्लास्टिक को गर्म करने पर यह कोमल हो जाता है लेकिन थर्मोसेटिंग प्लास्टिक गर्म करने पर मुलायम नहीं होता।
- थर्मोप्लास्टिक, थर्मोसेटिंग प्लास्टिक के मुकाबले महंगा होता है।
- थर्मोप्लास्टिक का आणविक भार कम होता है जबकि थर्मोसेटिंग प्लास्टिक का आणविक भार ज्यादा होता है।
- थर्मोप्लास्टिक को आसानी से मोड़ा जा सकता है जबकि थर्मोसेटिंग पॉलीमर को मोड़ने पर यह टूट जाता है।
- जब थर्मोप्लास्टिक को गर्म किया जाता है तो इसके आकार में परिवर्तन आ जाता है जिससे इसे अलग-अलग आकृतियों में ढाला जा सकता है जबकि थर्मोंसेटिंग में ऐसा नहीं होता। इसे गर्म करने के बावजूद इसके आकार में कुछ खास परिवर्तन नहीं आता।
- थर्मोप्लास्टिक का पुनः उपयोग किया जा सकता है लेकिन थर्मोसेटिंग प्लास्टिक को दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
- थर्मोप्लास्टिक नरम होने के साथ ही कमजोर भी होता है लेकिन थर्मोसेटिंग प्लास्टिक कठोर और मजबूत होता है।
- थर्मोसेटिंग प्लास्टिक का इस्तेमाल खाना पकाने वाले बर्तनों में लगने वाले हैंडल, बिजली के स्विच आदि में किया जाता है जबकि थर्मोप्लास्टिक का इस्तेमाल बच्चों के खिलौने, कंघी आदि बनाने में किया जाता है।
- थर्मोप्लास्टिक के प्रमुख उदाहरणों में पॉलीथिन और PVC शामिल है जबकि थर्मोसेटिंग प्लास्टिक के उदाहरण में बैकेलाइट और मेलामाइन शामिल है।
- थर्मोसेटिंग प्लास्टिक का आणविक भार थर्मोप्लास्टिक के मुकाबले ज्यादा होता है।
थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेटिंग पॉलीमर के मध्य अंतर को इस चार्ट (Thermoplastic and Thermosetting Polymers difference table) के ज़रिए समझा जा सकता है:-
गुण | थर्मोप्लास्टिक | थर्मोसेटिंग पॉलीमर |
परिभाषा | वे प्लास्टिक जो गर्म करने पर मुलायम हो जाते हैं तथा वापस ठंडा करने पर फिर से सख्त हो जाते हैं, इन्हें थर्मोप्लास्टिक पॉलीमर के नाम से जाना जाता है। | वे प्लास्टिक जिन्हें बार-बार गर्म करने के बाद भी यह सख्त ही रहते हैं, इन्हें थर्मोसेटिंग प्लास्टिक कहा जाता है। |
उदाहरण | थर्मोप्लास्टिक का प्रयोग(Uses of Thermoplastic) खिलौने, कंघी जैसे कई सामानों को बनाने में किया जाता है। | इनका इस्तेमाल ( Uses of Thermosetting Polymers) बिजली के बोर्ड, कई बर्तनों के हैंडल को बनाने में किया जाता है। |
तन्मयता | कम | ज्यादा |
कठोरता | कम | ज्यादा |
आकार | यह एकरेखीय शेप (Linear shape) के होते हैं। | ये 3-डाइमेंशनल शेप के होते हैं। |
आकृति | इन्हें एक बार सांचे में ढालने के बाद भी वापस इनकी आकृति में परिवर्तन किया जा सकता है। | इन्हें एक बार सांचे में ढाल दिया जाए तो इनकी आकृति में परिवर्तन नहीं किया जा सकता। |
गलनांक | ज्यादा | कम |
उदाहरण | उदाहरण: पीवीसी(PVC), पॉलिथीन(Polythene), पॉलीस्टायरीन, टैफ्लॉन। | उदाहरण: बेकेलाइट,फेनोलिन, अमीनो। |
घुलनशीलता | यह सॉल्वैंट्स में घुलनशील होते हैं। | यह सॉल्वैंट्स में अघुलनशील होते हैं। |
रिसायकल | इन्हें गरम करने के बाद भी प्रयोग किया जा सकता है। | इन्हें वापस रिसाइकल नहीं किया जा सकता। |
निष्कर्ष
कई लोग थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेटिंग पॉलीमर के बीच के अंतर को नहीं समझते। अक्सर इन दोनों शब्दों को लेकर वे भ्रमित हो जाते हैं। यही वजह है कि हमने आपकी इस दुविधा को सुलझाने के लिए आर्टिकल लिखा।
इस आर्टिकल से हमें पता चला है कि थर्मोसेटिंग पॉलीमर कठोर होते हैं जबकि थर्मोप्लास्टिक उसके मुकाबले कोमल होते हैं। इस वजह से थर्मोप्लास्टिक को जब आग में रखा जाता है तो यह पिघल जाते हैं लेकिन इन्हें ठंडा करने के बाद यह वापस अपना कठोर रूप धारण कर लेते हैं।लेकिन ऐसा थर्मोसेटिंग प्लास्टिक के साथ नहीं होता। क्योंकि इन्हें आग में जलाने के बाद भी इनके आकार में कुछ ज्यादा परिवर्तन नहीं आता। अतः यही वजह है कि इन्हें पुनः चक्रित नहीं किया जा सकता और यह पर्यावरण के लिए काफी खतरनाक साबित होते हैं।
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेटिंग पॉलीमर के बीच के अंतर (Thermoplastic and Thermosetting Polymers difference in Hindi), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
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Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।