Essay on Cashless Economy in Hindi

Essay on Cashless Economy in Hindi
Essay on Cashless Economy in Hindi कैशलेस इकॉनमी पर निबंध हिंदी में

Essay on Cashless Economy in Hindi | कैशलेस इकॉनमी पर निबंध हिंदी में

नमस्कार दोस्तों आज हमने आप सभी पाठकों के लिए कैशलेस अर्थव्यवस्था से होने वाले फायदे व नुकसान पर एक निबंध लिखा है। इसके फायदे व नुकसान जानने से पहले हम आपको कैशलेस अर्थव्यवस्था क्या होती है इसके बारे में बताएंगे।

कैशलेस अर्थव्यवस्था से अभिप्राय एक ऐसी अर्थव्यवस्था जिसमें नकदी मुद्रा का इस्तेमाल नहीं होता है। अगर आधुनिकता की बात करें तो इसका मतलब डिजिटल पेमेंट से लगाया जा सकता है। सरल भाषा में कहा जाए तो कैशलेस अर्थव्यवस्था एक ऐसी अर्थव्यवस्था है जिसमें वित्तीय लेनदेन के लिए वास्तविक रूप से पैसे का इस्तेमाल नहीं किया जाता बल्कि इसका प्रयोग डिजिटल रूप से किया जाता है।

कैशलेस अर्थव्यवस्था क्या है

कैशलेस अर्थव्यवस्था “नकदी रहित” अर्थव्यवस्था है। इसमें सभी लेनदेन डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, बैंकिंग भुगतान प्रणाली जैसे NEFT (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रांसफर पेमेंट), IMPS, RTGS, UPI द्वारा किये जाते है यह ऐसी व्यवस्था है जिसमे पैसे के भुगतान को सिर्फ महसूस कर सकते हैं लेकिन छू नहीं सकते।

कैशलेस अर्थव्यवस्था का इस्तेमाल

कुछ महत्वपूर्ण आंकड़ों के अनुसार कहा जा सकता है कि दुनिया में पिछले कुछ वर्षों से कैशलेस अर्थव्यवस्था का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है। स्वीडन देश में कुल 59% लेन देन कैशलेस होता है। कनाडा में लगभग 57% कैशलेस होता है चीन जैसे विकसित देश में भी इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है।

आज के आधुनिक समय में भारत देश में भी कैशलेस अर्थव्यवस्था के इस्तेमाल में तेजी से इजाफा हुआ है। इसका महत्वपूर्ण कारण केंद्र सरकार द्वारा सन् 2016 में लाए गए कानून ₹500 व ₹1000 की मुद्रा के विमुद्रीकरण को दिया जाता है।

सरकार आलोचकों के अनुसार ऑनलाइन पेमेंट सबसे खराब तरीका है। इससे धोखाधड़ी कि संभावनाएँ अत्यधिक होती है फिर भी ₹500 और ₹1000 की मुद्राएं के विमुद्रीकरण के बाद इस डिजिटल अर्थव्यवस्था में तेजी से इजाफा हुआ है।

डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, PayTm, Google Play व अन्य मनी ट्रांसफर के माध्यम से भुगतान नकदी रहित किए जाने लगे हैं। सरल भाषा में कहा जाए तो जब अधिकांश धन का लेन-देन चेक, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग व डिजिटल पेमेंट आप्लिकेशन से किया जाए और कागजी मुद्रा एवं सिक्के का चलन न हो तो उसे कैशलेस अर्थव्यवस्था कहा जाता है।

कैशलेस अर्थव्यवस्था की फायदे व नुकसान

आज के आधुनिक समय में कैशलेस अर्थव्यवस्था ऑनलाइन पेमेंट के इस्तेमाल करने के महत्वपूर्ण फायदे तो है ही साथ ही साथ ही साथ इसके प्रयोग से लोगों के सामने काफी चुनौतियाँ भी आ रही हैं।

कैशलेस अर्थव्यवस्था “नकदी रहित” लेनदेन के फायदे

कैशलेस अर्थव्यवस्था जिसमें ऑनलाइन पेमेंट हम घर बैठे बहुत ही कम समय में कर सकते हैं। कैशलेस अर्थव्यवस्था से भ्रष्टाचार, कालाधन, हवाला कारोबार, कर चोरी, एवं नोट छपाई पर होने वाले महत्वपूर्ण खर्च, जाली मुद्रा इत्यादि से निजात मिलता है।

  • काले धन के प्रवाह पर अंकुश: कैशलेस अर्थव्यवस्था में लोगों के द्वारा ऑनलाइन पेमेंट करने से सरकार के पास आपके लेन-देन का भी पूरा ब्यौरा होता है और बैंकिंग प्रणाली में तरलता बढ़ जाती है इससे जनता पारदर्शी तरीके से अपने करों का भी भुगतान करती हैं, सरकार के पास लोगों के लिए बनाई गई विभिन्न योजनाओं को कायम रखने के लिए अत्यधिक धन भी होता है।

    कालेधन पर अंकुश रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सन् 2016 में मुद्रा विमुद्रीकरण करके कैशलेस अर्थव्यवस्था में इजाफा किया क्योंकि डिजिटल लेन-देन को ट्रैक किया जा सकता है अपितु नकदी मुद्रा को नहीं, बैंको के पास ऐसी नकदी मुद्रा प्रवाह का पूरा रिकॉर्ड नहीं होता है जिससे काला धन संचयन बढ़ता है। कैशलेस अर्थव्यवस्था के अंतर्गत सभी लेनदेन संगठित चैनलों के माध्यम से किए जाते हैं। जिससे कर चोरी कर पाना असंभव होता है परिणाम स्वरूप सरकार को अत्यधिक राजस्व मिल पाता है।

  • धोखाधड़ी से बचाव: नकद रहित अर्थव्यवस्था की वजह से होने वाली धोखाधड़ी में कमी आती है, कैशलेस अर्थव्यवस्था में जाली नोट, नकदी चोरी होने की संभावना अत्यधिक कम हो जाती है।

  • नोट छपाई खर्च से निजात: कैशलेस अर्थव्यवस्था जिसमें मुद्रा रहित भुगतान किया जाता है। इसकी वजह से कागजी नोटों की छपाई व सिक्के निर्माण में आने वाले खर्च में भी कमी होती है। भारतीय रिजर्व बैंक हर साल नोटों की छपाई में करोड़ों रुपये खर्च करता है इसके अलावा एटीएम लगाने में आने वाले खर्च से भी निजात मिलता है।

  • भुगतान में आसानी: कैशलेस अर्थव्यवस्था के माध्यम से घर बैठे ऑनलाइन पेमेंट करके कम समय में खरीदारी भी कर सकते हैं। जो कि आजकल की भागदौड़ भरी जिदंगी में बहुत कारगर सबित हो रहा है।

  • सुरक्षित होता है: इसका महत्वपूर्ण लाभ यह भी होता है कि व्यक्ति को अपने साथ नकदी रखने की आवश्यकता नहीं होती, नकदी एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में व्यक्ति को अनेकों असुविधा का सामना करना पड़ता है जैसे चोरी व व्यक्ति पर हमला होने का भी खतरा बना रहता है।

  • तीव्र गति से भुगतान: कैशलेस अर्थव्यवस्था के अंतर्गत नागरिक बहुत कम समय में एक जगह से दूसरी जगह पेमेंट भेज सकते हैं भुगतान करना, पेमेंट रिसीव करने जैसी गतिविधिया चंद समय में हो जाती है।

कैशलेस अर्थव्यवस्था के नुकसान

कैशलेस अर्थव्यवस्था के फायदों के साथ-साथ इसके इस्तेमाल करने से अनेकों चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है। जैसे इंटरनेट की धीमी स्पीड, साइबर सुरक्षा, अत्यधिक चार्ज लगने का डर, अशिक्षा व जागरूकता की कमी इत्यादि।

  • साक्षरता की कमी: कैशलेस अर्थव्यवस्था के लिए बहुत जरूरी है लोगों का शिक्षित होना, अगर व्यक्ति शिक्षित ही नहीं होगा तो उसे ऑनलाइन भुगतान करने में समस्या का सामना करना पड़ सकता है। डिजिटल पेमेंट का ज्ञान सभी को नहीं है जिस वजह से यह केवल शहरी और अर्धशहरी क्षेत्रों तक ही सीमित रह जाता है। इसलिए संपूर्ण देश में इसे लागू कर पाना काफी मुश्किल है क्योंकि आज भी बहुत से क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ बहुत बड़ी आबादी में लोगों तक शिक्षा नहीं पहुंच पायी है।

  • इंटरनेट की उचित सुविधा न होना: इंटरनेट की उचित सुविधा न होने से इसका इस्तेमाल करना असंभव हो जाता है।कैशलेस अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी है कि इंटरनेट का उचित प्रबंध हो अगर इंटरनेट अच्छा नहीं होगा तो इससे समय की खपत भी अत्यधिक होगी।

  • भुगतान शुल्क: डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करने से कुछ लोग इसलिए भी कतराते हैं क्योंकि डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, वॉलेट पेमेंट, इंटरनेट बैंकिंग जैसे भुगतान करने में उन्हें अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना पड़ता है।

  • हैकिंग संबंधित खतरे: कैशलेस अर्थव्यवस्था का सबसे नुकसानदायक पहलू यह है की इसमें लोग ऑनलाइन धोखाधड़ी या हैकिंग का शिकार हो जाते है और अपना मेहनत से कमाया गया पैसा कुछ मिनटों में ही गवा देते हैं। इस वजह से कुछ लोग कैशलेस से बेहतर नकद पेमेंट व्यवस्था को मानते हैं।

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निष्कर्ष

अत: हम कह सकते है कि कैशलेस अर्थव्यवस्था के इस्तेमाल से थोड़ी बहुत परेशानी आना तो स्वभाविक है लेकिन फिर भी आज के आधुनिक समय में मौद्रिक लेनदेन के प्रति लोगो कि मानसिकता में एक बड़ा परिवर्तन आया है। अब लोग जान गये हैं कि डिजिटल माध्यम भी एक सुरक्षित, आसान, सुविधाजनक एवं पारदर्शी साधन है जिसके इस्तेमाल से कालेधन, जाली नोट इत्यादि कि कोई गुंजाइस नहीं रहती है।

आपको इस निबंध से कैशलेस अर्थव्यवस्था से सम्बधिंत फायदे व नुकसान समझ में आए होगें। आप समझ पाये होगें कि यह आपके लिए कैशलेस लेनदेन का माध्यम कितना कारगर है और आप किन बातों को ध्यान में रखकर इस व्यवस्था का लाभ उठा सकते है।

तो ऊपर दिए गए लेख में आपने पढ़ा कैशलेस इकॉनमी पर निबंध हिंदी में (Essay on Cashless Economy in Hindi), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।

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Author:

Nagma