Essay on Kashi Vishwanath Corridor In Hindi

Essay on Kashi Vishwanath Corridor In Hindi
Essay on Kashi Vishwanath Corridor In Hindi काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पर निबंध

Essay on Kashi Vishwanath Corridor In Hindi | काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पर निबंध


काशी विश्वनाथ मंदिर

काशी नगरी जहाँ खुद्द भगवान् भोले बाबा बसते है। काशी मंदिरों का शहर है, यहाँ पर Kashi Vishwanath Corridor काशी, उत्तर प्रदेश में पवित्र नदी गंगा के पश्चिम तट पर स्थित है।

पुरानी कथा के अनुसार भगवान भोले बाबा कैलाश में रहते थे, माता पार्वती अपने पिता के घर रहती थी उन्हें शादी के उपरान वहां रहना पसंद न था अतः माता पार्वती ने अपने निवास स्थान के निर्माण की इच्छा भगवान् शिव के समक्ष प्रस्तुत की। बाबा भोलानाथजी ने काशी नगरी को निवास स्थान के रूप मे मान्यता दी खुद्द को विश्वनाथ ज्योतीर्लिंग के रूप मे स्थापित किया, तभी से काशी विश्वनाथ की मान्यता चली आयी है।

काशी विश्वनाथ में दर्शन मात्र से समस्त सांसारिक भय व दुखों से मुक्ति मिलती है, भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है, मन को शांति मिलती है। यहां पर भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए भक्त पूरे देश के हर कोने से आते हैं वे काशी की परिक्रमा करते हैं। ऐसा माना जाता है की काशी की परिक्रमा करने से हमें संपूर्ण धरती की परिक्रमा का पुण्य प्राप्त होता है व पापों से मुक्ति मिलती है।

काशी विश्वनाथ मंदिर की स्थापना 1780 में हुई है इसका निर्माण महारानी अहिल्याबाई होलकर जी ने कराया था, इस मंदिर के दर्शन के लिए लोग दूर-दराज से आते हैं बाबा भोले के दरबार में हाजिरी लगाने। यहां के लोगों की यह मान्यता है कि काशी भगवान शिव के त्रिशूल पर बसी है बाबा विश्वनाथ के दर्शन मात्र कर लेने से भक्तों की मुरादे पूरी होती है वैसे तो इस मंदिर में हर दिन ही अधिक संख्या में भीड़ रहती है लेकिन सावन माह में इस मंदिर की महत्ता और बढ़ जाती है।

सावन माह के सोमवार को इस मंदिर में जल चढ़ाने से अत्यधिक पुण्य की प्राप्ति होती है। इस मान्यता को मानते हुए सावन माह में दूर-दूर से कावड़िया व श्रद्धालु जल लेकर आते हैं बाबा भोले को चढ़ाने के लिए, जिससे श्रद्धालु बाबा को प्रसन्न कर अपनी मुरादे पूरी होने का भाव रखते हैं। पूरे महीने यहां सिर्फ भोले की ही जय जयकार गूंजती है।

काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर

मंदिर निर्माण मे बहुत सारे शिव प्रेमी, राजा व शिव भक्तों का योगदान रहा है। बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन हेतु जाने के लिए लंबी कतारों और सकरी गलियों से गुजरना पड़ता था। अगर मन में श्रद्धा हो तो मार्ग बाबा भोलेनाथ दिखाते हैं इसी को चरितार्थ करते हुए मौजूदा सरकार ने बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन हेतु गलियों के चौड़ीकरण और उनका सुंदरीकरण की रूपरेखा तैयार की और प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर काम को बाखूबी पूरा भी किया गया। अतः अब बाबा विश्वनाथ के दर्शन हेतु पहुंचने में श्रद्धालुओं को सुगमता हुई है।

PM मोदी जी ने 2019 को काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का शिलान्यास किया था। इसमे 60 प्राचीन मंदिरों को सुरक्षित रखा गया है, निर्माण कार्य के लिये 360 भवन हटाकर इसमें चारो तरफ से एक परिक्रमा मार्ग, गंगा घाट, मंदिर का बड़ा प्रवेश द्वार, मंदिर चौक बनाया गया है।

13 दिसंबर 2019 को हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी ने विधि विधान से लोगों को दिव्य काशी कॉरिडोर समर्पित किया। इसके निर्माण में करीब 339 करोड़ रुपए की लागत आयी। अब भक्त आसानी से गंगा घाट से बाबा भोलेनाथ के दर्शन कर सकते हैं। यह प्रोजेक्ट 5 लाख वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में फैला है।

इस कॉरिडोर में भक्तों की सुरक्षा व सुगमता का पूरा ख्याल रखा गया है जिससे भगवान के दर्शन के दौरान भक्तों को कोई दिक्कत न हो और वे पूरे मनोयोग से भगवान की पूजा, अर्चना व श्रद्धा कर सकें।

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की विशेषता

1. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को तीन मुख्य भागों में बांटा गया है पहला भाग मंदिर का मुख्य भाग है जो लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है।

2. गंगा घाट से लेकर मंदिर के गर्भ गृह तक पूरे परिसर का विकास बहुत ही सुन्दर तरीके से किया गया है।

3. कॉरीडोर में कुल 24 भवनों का निर्माण किया जा रहा है। इन भवनों में मुख्य मंदिर परिसर, मंदिर चौक, तीन यात्री सुविधा केंद्र, मुमुक्षु भवन, चार शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, सिटी म्यूज़ियम, मल्टीपरपस हॉल, वाराणसी गैलरी, जलपान केंद्र गंगा व्यू कैफ़े इत्यादि हैं।

4. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को लगभग 32 महीने की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया गया।

5. सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के काम को अब तक लगभग 95% पूरा किया जा चुका है।

6. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर लगभग 50,000 वर्ग मीटर के एक विशाल परिसर में फैला है।

7. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की चमक को बढ़ाने के लिए 5000 लाइटों का उपयोग किया गया है यह खास प्रकार की लाइटे हैं जो समय के अनुसार दिन, दोपहर व रात में अपने उजाले व रोशनी के रंग को बदलती है।

8. इस कॉरिडोर को बनाने की अनुमानित लागत 339 करोड़ है।

9. मंदिर चौक बहुत विशाल है इसमें एक साथ 5000 श्रद्धालु आ सकते हैं।

10. सुरक्षा चाक-चौबंद हो सके इसलिए सीसीटीवी कैमरे का इस्तेमाल किया गया है पूरे कॉरिडोर में कैमरो की उत्तम व्यवस्था की गई है।

11. आपातकालीन चिकित्सा सुविधा और एंबुलेंस की भी व्यवस्था है।

12. बाबा के प्रसाद ग्रहण के लिये भोगशाला भी है इसमें 150 श्रध्दालु एक साथ बैठकर प्रसाद का आनंद ले सकते हैं।

एक अलौकिक, भव्य, दिव्य मन को मोहने वाली नगरी है काशी। यहाँ के हर कण-कण मे बाबा भोले नाथ बसते हे। बाबा के दर्शन के बाद जिंदगी के हर मोड़ पर हम बाबा भोलानाथ का साथ पाते हैं, जीवन को एक नई दिशा मिल जाती है बाबा के दर्शन मात्र से।

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Author:

Bharti
Bharti

भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।