परिवार

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परिवार पर निबंध | Essay on family

सामग्री Content

प्रस्तावना Introduction

परिवार के रूप Types of families

परिवार का हमारे जीवन में महत्व Importance of family in our life

मेरा परिवार My family

उपसंहार Conclusion

प्रस्तावना (Introduction)

यह सच है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है लेकिन यह भी सत्य है कि वह सबसे पहले पारिवारिक प्राणी है। परिवार मानव के प्रत्येक आवश्यकता को पूरा करने वाली मौलिक इकाई है।

वील्स एवं हाइजर(Weels and Hyger) के शब्दों में- ‘परिवार को एक सामाजिक समूह के रूप में परिभाषित किया गया है जिसके सदस्य रक्त के संबंधों द्वारा सम्बंधित होते हैं।’

लूसी मेयर के शब्दों में– ‘परिवार एक ऐसा गृहस्थ समूह है जिसमें माता-पिता एक साथ रहते हैं। इनके मूल रूप में दंपति और उनकी संतान रहती है।’

परिवार एक ऐसी समिति है जो सब समाज में पाई जाती है। व्यक्ति अपना बचपन परिवार में व्यतीत करता है।

परिवार के मार्गदर्शन और घर के सदस्यों द्वारा बताई बातों के जरिए ही वह एक अच्छा इंसान बनता है।

पहले परिवार कुछ बड़े हुआ करते थे। संयुक्त परिवार में माता-पिता तथा उनके बच्चों के अलावा उनके नाते रिश्ते के कई लोग शामिल रहते थे लेकिन बदलते दौर के साथ परिवारों का आकार छोटा होता गया।

परिवार के सदस्यों का उत्तरदायित्व अन्य समितियों की भांति अधिक व्यापक होता है। प्रत्येक मनुष्य को जन्म से लेकर मृत्यु तक परिवार का सदस्य होने के नाते अपने उत्तरदायित्वों को निभाना पड़ता है।

परिवार के रूप (Types of families)

केंद्रीय या एकांकी परिवार

इसमें केवल पति पत्नी एवं उनके बच्चे रहते हैं। छोटा परिवार सुखी परिवार माना जाता है क्योकिं छोटे परिवारों मे बड़े परिवारों के मुकाबले कम मन मुटाव होते हैं जिससे रिश्ते बने रहते है।

रक्त संबंधी परिवार

इसमें परिवार के पति पत्नी तथा उनके बच्चों के अतिरिक्त अन्य रक्त संबंधी रिश्ते जैसे- चाचा, ताऊ आदि भी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ एक साथ ही एक घर में रहते हैं।

विवाह संबंधी परिवार

जो परिवार विवाह के बाद रिश्तो में जुड़ता है जैसे कि समधन-समधी, सांस- बहु, ननद-भाभी आदि का रिश्ता जो की विवाह के पश्चात एक परिवार बन जाता है, ऐसे बना परिवार विवाह संबंधी परिवार कहलाता है।।

विस्तृत या संयुक्त परिवार

केंद्रीय परिवार में अन्य नाते रिश्तेदारों के आकर रहने से उसका आकार बढ़ जाता है इस प्रकार के बढ़े हुए परिवार को विस्तृत या संयुक्त परिवार कहते हैं।

परिवार का हमारे जीवन में महत्व (Importance of family in our life)

किसी भी व्यक्ति के जीवन में परिवार का बहुत ही अधिक महत्व होता है। हर मुश्किल समय में हमारा परिवार ही है जो हमारी ढाल बन के पीछे खड़ा रहता है।

एक परिवार आपको किसी भी कठिनाई का सामना करने का साहस देता है। बचपन से लेकर जवानी तक आपको एक काबिल और अच्छा इंसान बनाने में परिवार का ही हाथ होता है।

अच्छी शिक्षा, अच्छा जीवन एक परिवार ही आपको प्रदान करता है। परिवार में रहने वाला व्यक्ति सुखी रहता है। व्यक्ति अपना बचपन अपने परिवार के साथ व्यतीत करता है। बालवस्था से लेकर युवावस्था तक बच्चे में जो भी आदतें, चरित्र, संस्कार व व्यवहार आदि आते हैं वह परिवार से ही आते हैं।

बच्चे मां बाप और परिवार के अन्य सदस्यों को देखकर उनका अनुकरण करते हैं। ये आदतें उम्र भर उनके साथ रहती हैं, इसीलिए किसी भी व्यक्ति के चरित्र के निर्माण में उसके परिवार का बहुत ही बड़ा योगदान होता है।

मेरा परिवार (My family)

मेरा परिवार एक एकांकी परिवार है जिसमें मैं, मेरे माता-पिता, मेरा छोटा भाई और मेरी दादी रहती है। मेरे पापा डॉक्टर है माँ गृहिनी है, भाई 11वीं कक्षा में पढ़ता है और मैंने हाल ही में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया है।

मेरे माता एवं पिता दोनों ही हमारी शिक्षा के प्रति बहुत गंभीर रहते हहैं। वे हम दोनों भाई बहन को समाज में एक सफल एवं आदर्श नागरिक के रूप में देखना चाहते हैं। वह दोनों जीवन के हर कदम में हमारा साथ देतें हैं।

अक्सर रविवार की शाम पिताजी की छुट्टी होने के कारण हम सब एक साथ घूमने जाया करते हैं। और रात का भोजन बाहर ही करते हैं। परिवार के साथ घूमने का अलग ही आनंद होता है। मेरी दादी एक धार्मिक महिला है। वह अधिक समय भगवान को याद करने में बताती है। वह हमसे बहुत ही प्यार करती हैं अक्सर हमें पसंद की चीज़ें लेने के लिए पैसे दिया करती हैं।

हम भी उन से उतना ही स्नेह करते हैं। शाम के समय अक्सर मैं, मेरा छोटा भाई और दादी पास वाले पार्क में टहलने जाया करते हैं, वहां दादी हमें अपने समय की बातें बताया करती है जिसे हम बहुत ही चाव से सुनते है।

मेरा भाई ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ता है, उसे क्रिकेट खेलने का बहुत शौक है। हर शाम अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलता है। पिताजी उसे डॉक्टर बनाना चाहते हैं। अपना और पिताजी का सपना पूरा करने के लिए वह कड़ी मेहनत कर रहा है।

मैंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी कॉम की शिक्षा पूरी की है। अब मैं आगे एम कॉम करना चाहती हूं। मेरा परिवार मेरे लक्ष्य को प्राप्त करने में मेरा पूरा सहयोग कर रहा है। हमारा परिवार स्नेह और एक दूसरे के लिए सम्मान से परिपूर्ण है। हम सब मिलकर खुशी से एक दूसरे के साथ रहते हैं। एक साथ खाना खाते हैं और खाली समय में साथ बैठकर बातें किया करते हैं।

मैं यह आशा करती हूं कि मेरे जैसा परिवार हर किसी को मिले जो हर मुश्किल समय में एक दूसरे के साथ खड़े रहे हो और एक दूसरे से प्रेम और उनका सम्मान करें।

उपसंहार (Conclusion)

परिवार का साथ व्यक्ति की ताक़त होती है जो उसे आगे बढ़ने और जीवन में अच्छा करने के लिए प्रेरित करती है। आज के समय में जहां हम अपनी काबिलियत पर शक करते हैं, परिवार ही है जो हमें हार नहीं मानने देता।

परिवार हमें स्नेह करना और सभी के साथ मिल जुल कर रहने की सीख देता है। मेरे परिवार ने सदैव मुझे जीवन में अच्छा करने की और लोगों के साथ अच्छे स्वभाव से रहने की शिक्षा दी है। यदि आज मेरा परिवार मेरे साथ ना होता तो मैं जीवन में इतना आगे, इतनी सफलता के साथ नहीं बढ़ पाती। यदि हमारे साथ हमारा परिवार है तो हम बहुत ही भाग्यशाली हैं।

हमें अपने परिवार के सभी सदस्यों का सम्मान करना चाहिए और उनके साथ हँसी खुशी से रहना चाहिए। थोड़े बहुत मनमुटाव तो सभी जगह होते हैं किंतु महत्व यह बात करती है कि हम कितनी जल्दी उन मनमुटाव को दूर करते हैं।

परिवार के साथ समय बिताने पर जो खुशी मिलती है वह खुशी कहीं और नहीं मिल सकती। वो कहते हैं न कि रोटी तो हर कोई कमा सकता है लेकिन परिवार के साथ रोटी खाना सिर्फ भाग्यशाली लोगों को प्राप्त होता है

Author:

आयशा जाफ़री, प्रयागराज