Raksha Bandhan Essay in Hindi

Essay on Raksha Bandhan in Hindi
रक्षाबंधन पर निबंध | Essay on Raksha Bandhan in Hindi

रक्षाबंधन पर निबंध | Raksha Bandhan Essay in Hindi

भाई-बहनों का रिश्ता काफी अनोखा और पवित्र होता है। यही वजह है कि विश्व भर में भाई-बहनों के रिश्ते को सम्मान दिया जाता है। लेकिन जैसा कि आप जानते हैं भारत विभिन्न संस्कृतियों और विविधताओं का देश है। यहां पर कई पर्व मनाए जाते हैं इसीलिए भारत में भाई-बहन के रिश्ते को अलग तरह से महत्ता दी जाती है। भारत में भाई बहनों के लिए रक्षाबंधन नामक पर्व मनाया जाता है। इस लेख में हम आपको रक्षाबंधन के इसी पवित्र पर्व के बारे में एक निबंध के जरिए बताएंगे। तो आइए जानते हैं:-

प्रस्तावना (Introduction)

भाई-बहन का रिश्ता काफी अनमोल होता है। भाई अपनी बहनों को हर बुराइयों और मुसीबतों से बचाते हैं। इसी तरह बहन भी हमेशा अपने भाई की सलामती की कामना करती है। भारत में भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और मजबूत बनाने के लिए रक्षाबंधन का प्रमुख पर्व मनाया जाता है। यह पर्व देश के कई हिस्सों में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है, रक्षाबंधन हिंदूओं का प्रमुख पर्व है।

लेकिन भारत विभिन्न जाति-धर्म, समुदायों के लोगों का गढ़ है और यही वजह है कि आज रक्षाबंधन भारतवर्ष में अन्य धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है। रक्षाबंधन का यह पर्व भाई बहन के रिश्तों की एकता और मजबूती को दर्शाता है। रक्षाबंधन पर्व को सिर्फ वर्तमान समय में नहीं मनाया जाता बल्कि प्राचीन काल से ही यह पर्व मनाया जाता रहा है।

रक्षाबंधन क्या है? (What is Raksha Bandhan in Hindi?)

रक्षाबंधन शब्द दो शब्दों के मेल से बना है जिसमें एक शब्द है रक्षा, दूसरा बंधन।रक्षा’ का मतलब होता है रक्षा करना जबकि ‘बंधन’ का मतलब होता है एक गांठ, एक डोर जो कि रक्षा प्रदान करने का काम करती है। संस्कृत भाषा में रक्षाबंधन का अर्थ होता है ऐसा बंधन जो की रक्षा करता हो। रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है। इस पर्व में बहने अपने भाइयों को बंधन यानी कि राखी बांधती हैं, वही भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं।

2021 में रक्षाबंधन कब है? (Raksha Bandhan 2021)

रक्षाबंधन को राखी का पर्व भी कहा जाता है। इस वर्ष 2021 में राखी 22 अगस्त को मनाया जाएगा। यदि बात करें रक्षाबंधन में राखी बांधने के शुभ मुहूर्त की तो इस दिन सुबह 5:49 बजे से लेकर शाम के 6:01 बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा। इस दौरान बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं।

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है? (Why is Raksha Bandhan celebrated?)

रक्षाबंधन का पर्व क्यों मनाया जाता है? यह सवाल हर किसी के मन में होता है। ऐसे में हम आपको बता दे, यह पर्व इसलिए मनाया जाता है जिससे एक भाई को अपने बहन के प्रति अपने कर्तव्य का एहसास हो। हर भाई की यह जिम्मेदारी होती है कि वह अपनी बहनों को किसी भी विपत्ति से बचाएं और हमेशा उनकी मदद करें। इसी तरह बहनों का भी यह कर्तव्य होता है कि वह अपने भाइयों की सलामती की दुआ मांगे तथा हर सुख दुख में उनके साथ खड़ी रहे।

ऐसा कहा जाता है कि मां के बाद भाइयों के जीवन में दूसरा स्थान बहनों का होता है क्योंकि वह भी एक मां की तरह ही अपने भाइयों का ख्याल रखती हैं। ऐसे में रक्षाबंधन का पर्व इसलिए बनाया जाता है जिससे भाई बहन इस दिन अपने कर्तव्यों को समझें तथा उनके बीच यह पवित्र प्रेम और बढ़ सके।

कहा जाता है कि रक्षाबंधन भाई बहन का पर्व है। लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि इस त्योहार को हर स्त्री-पुरुष मना सकते हैं जो कि भाई बहन के रिश्ते की मर्यादाओं से वाकिफ हो। आपने देखा होगा कि कई स्त्रियां उन पुरुषों को राखी बांधती हैं जिन्हें वे अपने भाई के समान मानती है। यही तो इस पर्व की विशेषता है। यह पर्व जहाँ कुछ रिश्तों को जहां मजबूती देती है, वही नए रिश्ते बनाती है।

रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है? (How is Raksha Bandhan celebrated?)

रक्षाबंधन के दिन बहनें सुबह उठ कर, नहा धोकर तैयार हो जाती हैं तथा सुन्दर वस्त्र धारण कर राखी की थाली तैयार करती हैं। भाई भी तैयार होकर बैठ जाते हैं और बहनें उनके माथे पर तिलक लगाती हैं तथा उनके कलाई पर राखी का पवित्र धागा बांधती हैं।

वे अपने भाइयों को मीठा खिलाती हैं तथा ईश्वर से प्रार्थना करती हैं कि उनका भाई हमेशा सुरक्षित रहे। रक्षाबंधन के दिन कई भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और इसके साथ ही उनकी रक्षा का प्रण लेते हैं। आइए जानते हैं रक्षाबंधन पर आपको क्या करना चाहिए तथा कौन-सी चीज़ें आपको नहीं करनी चाहिए:-

  1. रक्षाबंधन मनाने के लिए बहनों को सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करना चाहिए और उसके बाद अपने इष्ट देव तथा राखी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
  2. जब आप राखी की पूजा करें तो उसमें स्वर्ण, केसर, चंदन आदि रखना न भूलें।
  3. जैसे ही पूजा हो जाए अपने माता-पिता तथा घर के बड़े सदस्यों का आशीर्वाद लें।
  4. आशीर्वाद लेने के बाद आप अपने भाई के माथे पर रोली या कुमकुम का टीका लगाएं और उसमें अक्षत जरूर लगाएं।
  5. जब आप अपने भाई को तिलक लगा लें तो उसके बाद उनके दाहिने हाथ पर राखी बांधे।
  6. राखी बांधते ही अपने भाई का मुंह मीठा करवाएं।
  7. छोटे भाई बड़ी बहनों के पैर को छूकर आशीर्वाद लेते हैं, जबकि छोटी बहने बड़े भाईयों का आशीर्वाद जरूर लेती हैं।

रक्षाबंधन पर क्या न करें (What not to do on Raksha Bandhan)

  1. रक्षाबंधन में अपने भाई को राखी बांधने से पूर्व कुछ न खाएं।
  2. इस दिन मांस और मदिरा का सेवन नहीं किया जाता।
  3. रक्षाबंधन के दिन भाइयों को ध्यान रखना चाहिए कि वे अपनी बहनों से झूठ न बोले, उनसे लड़े ना तथा उनका दिल न दुखाए।
  4. भाई, रक्षाबंधन के दिन राखी बंधवाने से पहले अपनी बहन के लिए उपहार तैयार करके रखें।
  5. इस दिन भाई और बहन दोनों को ही अपने इष्ट देव का आशीर्वाद लेना चाहिए।

रक्षाबंधन का इतिहास (History of Raksha Bandhan in Hindi)

बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि रक्षाबंधन कब से मनाया जाता है तथा यह क्यों मनाया जाता है। इन सवालों के जवाब ढूंढने के लिए आपको इतिहास में जाना होगा। दरअसल, रक्षाबंधन जैसे पवित्र पर्व का जुड़ाव प्राचीन काल से है। रक्षाबंधन को लेकर 5 ऐतिहासिक घटनाएं सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं तो आइए जानते हैं इन ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में:-

भाई एवं बहन के प्यार का प्रतीक है रक्षाबंधन का यह पर्व। रक्षाबंधन का पूरा पर्व एक धागे पर टिका हुआ है। लेकिन आखिर कैसे एक सामान्य सा धागा रिश्तों को मजबूती से बांधे रखता है, इसकी मिसाल है यह त्योहार। तो आइए जानते हैं इस पर्व के इतिहास के बारे में।

  • भगवान इंद्र और रक्षाबंधन

ऐसा कहा जाता है कि रक्षाबंधन का पर्व महाभारत काल से चला आ रहा है। वही भविष्य पुराण में भी राखी के बारे में वर्णन किया गया है। इसमें कहा गया है कि जब देवों और असुरों के बीच युद्ध हुआ था। तब असुर देवों पर भारी पड़ गए थे जिसके बाद भगवान इंद्र काफी ज्यादा घबरा गए, इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने अपने पति के हाथों में उनकी रक्षा हेतु एक रेशम का धागा बांधा, हालांकि इसको रक्षा सूत्र कहा जाता था। संयोगवश वह दिन श्रावण पूर्णिमा का दिन था।

  • भगवान श्रीकृष्ण और द्रौपदी

महाभारत काल में रक्षाबंधन को लेकर श्री कृष्ण और द्रौपदी का दृष्टान्त बहुत अहम है। दरअसल, एक बार श्री कृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल करते हुए शिशुपाल पर यह चक्र चलाया। इस चक्र से भगवान श्री कृष्ण के हाथ की उंगली कट गई और उससे खून बहने लगा। द्रौपदी ने तुरंत ही अपने साड़ी का पल्लू फाड़ उसे भगवान श्री कृष्ण के हाथों में बांध दिया जिस समय यह घटना घटित हुई थी उस दिन श्रावण पूर्णिमा का दिन था। इसी दिन द्रौपदी को भगवान श्री कृष्ण ने वचन दिया कि वे उनके द्वारा बांधे गए साड़ी के एक-एक धागे का मोल भविष्य में जरूर चुकाएंगे। जैसा कि आप जानते हैं चीरहरण के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने अपने इस वचन को निभाते हुए द्रोपदी की रक्षा की थी।

  • युधिष्ठिर और श्रीकृष्ण

रक्षाबंधन को लेकर युधिष्ठिर और श्री कृष्ण का एक किस्सा काफी मशहूर है। दरअसल, जब युधिष्ठिर कौरवों से युद्ध लड़ने जा रहे थे तो उस दौरान उन्होंने श्रीकृष्ण से पूछा कि आखिर वे कैसे इस युद्ध में विजयी हो सकेंगे। तब श्री कृष्ण ने उन्हें सभी सैनिकों को रक्षा सूत्र बांधने की सलाह दी जिसके बाद युधिष्ठिर ने अपने सभी सैनिकों को रक्षा सूत्र पहनाया और उन्हें युद्ध में सफलता भी मिली। ऐसा कहा जाता है कि जब युधिष्ठिर ने सैनिकों को रक्षा सूत्र पहनाया था तब उस दिन श्रावण पूर्णिमा थी।

  • रानी कर्णवती और हुमायूं

इसके अलावा रक्षा बंधन के इतिहास में कई अन्य कथाएं प्रचलित हैं। उनमें सबसे प्रचलित कथाओं में रानी कर्णवती की कथा है। दरअसल मध्यकालीन युग में राजपूत और मुस्लिमों के बीच में संघर्ष हुआ था जिसके बाद चित्तौड़ के राजा की विधवा रानी कर्णवती को जब लगा की उनकी प्रजा और सुरक्षा खतरे पर है तो उन्होंने हुमायूं को राखी भेजी। हुमायूं ने राखी को स्वीकार कर कर्णवती को बहन का दर्जा दिया और उनकी रक्षा की।

  • 1905 का बंग भंग और रबींद्रनाथ टैगोर

1905 का बंग भंग के बारे में तो आप वाकिफ़ ही होंगें। अंग्रेजों ने अपनी चाल के तहत बंगाल को विभाजित करने के लिए हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच सांप्रदायिक फूट डालने की साजिश रची थी। लेकिन रबींद्रनाथ टैगोर ने डिवाइड एंड रूल पॉलिसी को नाकाम करने के लिए तथा देश में हिंदू मुस्लिम एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए सभी को रक्षाबंधन का पर्व मनाने का संदेश दिया।

निष्कर्ष (Conclusion)

इस लेख में हमने रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan in Hindi) के बारे में पढ़ा। उम्मीद है कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। रक्षाबंधन का पर्व जल्द आने वाला है ऐसे में रक्षाबंधन पर्व को लेकर बहनों और भाइयों के चेहरे में अलग ही खुशी होगी। इसी तरह रक्षाबंधन हर साल हम सब के चेहरों पर मुस्कान लेकर आता है, यह बहनों का भाइयों के साथ मनाया जाने वाला सबसे पवित्र पर्व है।

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Author:

Bharti

भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।