बालिका शिक्षा पर निबंध

importance of girls education essay
बालिका शिक्षा पर निबंध | Importance of Girl’s Education Essay in Hindi

बालिका शिक्षा पर निबंध | Importance of Girls Women’s Education Essay in Hindi

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, चाहे वह लड़का हो या लड़की सभी के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है। लेकिन हमारे समाज में अभी भी शिक्षा को लेकर लैंगिक भेदभाव किया जाता है जहां लड़कों की शिक्षा को तवज्जो दी जाती है वहीं लड़कियों को शिक्षा से वंचित कर दिया जाता है। जिस तरह पुरुष समाज और देश के विकास के लिए जरूरी है, उतनी ही जरूरी महिलाएं भी हैं।

वे दोनों ही एक गाड़ी के दो पहिए के समान है। लेकिन यह बात कुछ लोगों को समझ नहीं आती क्योंकि उनका मानना है कि लड़कियों को शिक्षा देना मतलब पैसे की बर्बादी है। इस तरह की घृणित मानसिकता वाले लोग यह सोचते हैं कि लड़कियों की शिक्षा पर जितने पैसे खर्च होंगे उससे कम पैसों में उसकी शादी हो जाएगी और यही वजह है कि लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा हासिल करने के अधिकार से वंचित कर दिया जाता है।

इतिहास में यदि गौर फरमाएं तो ऐसी कई महिलाएं हुई है जिन्होंने अपने बल पर देश को गौरवान्वित किया है चाहे वह रानी लक्ष्मीबाई हो या सावित्रीबाई फुले इन महिलाओं ने समाज को यह आईना दिखाया है कि यदि लड़की पढ़-लिख जाए तो वह कुछ भी कर सकती है। मौजूदा समय में देखा जाए तो लड़कियां हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा से सभी को चौंका रही हैं। कई लड़कियां देश में डॉक्टर, आईएएस, इंजीनियर व शिक्षिका बनकर महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हैं। लड़कियों की शिक्षा इतनी महत्वपूर्ण होने के बावजूद भी कई आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक कारणों से लोग लड़कियों को शिक्षा हासिल करने से रोकते हैं।

जो लड़कियां शिक्षा हासिल करने के लिए आगे बढ़ती हैं उन्हें लोग हिकारत की नजरों से देखते हैं। जिस वजह से वे अपना विकास नहीं कर पाती। साल 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में महिलाओं की संख्या 58.64 करोड़ है जबकि पुरुषों की संख्या 62.36 करोड़ है। इनमें से पुरुषों की साक्षरता दर 82.14 फ़ीसदी है वहीं महिलाओं की साक्षरता दर सिर्फ 64.46 फ़ीसदी है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि महिलाओं की शिक्षा की स्थिति कितनी चिंताजनक है। महिलाओं में साक्षरता दर बढ़ाने के लिए कदम उठाने जरूरी है। जिससे महिलाओं की स्थिति में सुधार किया जा सके।

बालिका शिक्षा के लाभ

बालिकाओं की शिक्षा उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी पुरुषों के लिए शिक्षा का महत्व है। एक कहावत है कि जब एक महिला शिक्षा हासिल करती है तब सिर्फ वही शिक्षित नहीं होती बल्कि उसके साथ उसका पूरा परिवार और पूरा देश शिक्षित होता है। ऐसे में महिला शिक्षा कितनी महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे में बालिका शिक्षा के लाभ जानना जरूरी हो जाता है जो कि निम्नलिखित हैं:-

  • शिक्षित महिलाएं देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वह महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं देती है जिससे देश विकास मार्ग की ओर अग्रसर होता है।
  • एक शिक्षित महिला एक अच्छी ग्रहणी भी बनती है क्योंकि वह अपने बच्चों को शिक्षित करती है तथा अपने बच्चों को उनके अधिकार और नैतिक मूल्यों के बारे में सीख देती है।
  • शिक्षित महिलाएं जागरूक भी होती है तथा उन्हें अपने हक के लिए आवाज उठाना आता है। जिस वजह से देश में कन्या भ्रूण हत्या एवं बालिका अपराध की घटनाओं में कमी आ रही है।
  • मौजूदा समय में बालिकाओं के शिक्षित होने की वजह से ही आज महिलाओं में एचआईवी, एड्स जैसी बीमारियों में कमी देखी जा सकती है।
  • एक शिक्षित महिला को अच्छी तरह से परिवार नियोजन आता है जिस वजह से वह घर के आय-व्यय पर नियंत्रण रखती हैं।
  • एक शिक्षित महिला ना सिर्फ अपनी घर की आर्थिक व्यवस्था में अपना योगदान देती है बल्कि वे देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।
  • शिक्षित महिलाओं को एक अशिक्षित महिला की तुलना में अपने बच्चे के स्वास्थ्य से संबंधित तमाम जानकारियां होती हैं जिससे बच्चों के टीकाकरण की संभावनाएं बढ़ती हैं और उनमें होने वाली बीमारियों पर रोकथाम की जा सकती है।

शिक्षित और अशिक्षित महिलाओं में अंतर

जब-जब महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया जाता है तब बात होती है कि आखिर महिलाओं के लिए शिक्षा जरूरी क्यों है। ऐसे में एक शिक्षित महिला और अशिक्षित महिला के बीच शिक्षा की दृष्टि से देखा जाए तो काफी अंतर पाया जाता है ऐसे में इन अंतरों से रूबरू होना जरूरी है। आइए जानते हैं दोनों के मध्य कुछ महत्वपूर्ण अंतर:-

  • एक शिक्षित और एक अशिक्षित महिला के मध्य सबसे बड़ा अंतर है उनकी सोच का अंतर। एक तरफ जहां शिक्षित महिला किसी मुद्दे को हल करने के लिए प्रैक्टिकली सोच रखती हैं वहीं दूसरी ओर एक अशिक्षित महिला उस मुद्दे को लेकर ज्यादा जज्बाती नजर आती हैं।
  • एक शिक्षित महिला एक विचारधारा का निर्माण कर पाती है जिसके तहत वह किसी भी मुद्दे पर अपनी राय रखती हैं वहीं दूसरी ओर एक अशिक्षित महिला अपने परिजनों तथा अपने पति के विचारों के आधार पर ही किसी मुद्दे में अपनी राय रखती हैं या फिर वह अपने विचारों को प्रकट करने से बचती नजर आती है।
  • एक शिक्षित महिला अपने शिक्षा के दम पर नौकरी हासिल कर आत्मनिर्भर बनती है। वही एक अशिक्षित महिला आर्थिक खर्चों के लिए अपने पति और परिजनों पर निर्भर रहती हैं।
  • एक शिक्षित नारी को परिवार नियोजन अच्छी तरह से आता है। वह अपने घर में होने वाले खर्चे तथा आय-व्यय का पूरी तरह से हिसाब रखती हैं। उसकी तुलना में एक अशिक्षित नारी शायद इतने बेहतर तरीके से परिवार नियोजन ना कर पाए।
  • शिक्षित महिला अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होती हैं जो सामाजिक और घरेलू स्तर पर होने वाले शोषण के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद करती है। वहीं ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि एक अशिक्षित महिला शोषण होने पर आवाज नहीं उठाती।

बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण सरकारी योजनाएं

बालिकाओं की शिक्षा के महत्व को सरकार भी अच्छे से समझती है। इसीलिए महिलाओं में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही हैं, जो कि निम्नलिखित है:-

  • सर्व शिक्षा अभियान
  • रोजगार तथा आमदनी हेतु प्रशिक्षण केंद्र
  • इंदिरा महिला योजना
  • महिला समृद्धि योजना
  • राष्ट्रीय महिला कोष
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
  • बालिका समृद्धि योजना

महिला शिक्षा के उद्देश्य

जैसा कि आपने देखा महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी बहुत सारी योजनाएं चला रही हैं ऐसे में नारी शिक्षा के उद्देश्य क्या है यह जानना जरूरी है:-

  • महिलाओं को उनके अधिकारों को लेकर जागरूक करना
  • महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना
  • महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना
  • महिलाओं का विकास करना
  • लैंगिक भेदभाव को दूर करना

निष्कर्ष

इस लेख में आपने पढ़ा कि आखिर महिलाओं के लिए शिक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। लेकिन अब सवाल उठता है कि महिलाओं को शिक्षित करने की जिम्मेदारी आखिर किसकी है। दरअसल, यह जिम्मेदारी न सिर्फ बालिका के परिवार तथा सरकार की है, बल्कि यह पूरे समाज की जिम्मेदारी है क्योंकि यदि समाज के लोग एकजुट होकर स्त्री शिक्षा को बढ़ावा देंगे तभी स्त्री पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर पाएंगी।

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Author:

Bharti

भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।