हिन्दी
हिन्दी हिन्द की शान है
जन जन का अभिमान है,
हमें गर्व है हिन्दी पर
हिम शिखरों सा मान है।
इसका मान गिराओ मत
नीचा इसे दिखाओ मत,
हिन्दी माथे की बिंदी है
इसको कभी लजाओ मत।
मर्यादा में रहना सीखो
इसकी इज्ज़त करना सीखो,
मान बढ़ेगा निशदिन सबका
बस हिन्दी में रमना सीखो।
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About Author:
✍सुधीर श्रीवास्तव
शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल
बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002