HINDI KAVITA: प्रेम

प्रेम

प्रेम को दो शब्दों से
कितना बदलाव दिखता
आपस में हमारे मध्य
कितना भाव दिखता है।

ढाई आखर के प्रेम में
क्या रसधार बहता है?

सिर फुट्टौवल हो रहा था जहाँ
वहां पर प्यार बहता है
प्रेम दो शब्द
कितना परिवर्तन लाते हैं
ढाई आखर प्रेम के
दुनियाँ में नया अनुबंध लाते हैं।

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About Author:

सुधीर श्रीवास्तव
शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल
बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002