HINDI KAVITA: दिल के घाव

दिल के घाव

माना कि आपके दिल के
घाव बड़़े गहरे हैं।

मगर इन्हें
नासूर मत बनाइए,

औरों को मत दिखाइए,
दुनिया में अपनी
जग हँसाई न कराइए।

कोई नहीं है
जो आपके घावों पर
लगाने आयोगा,

ज्यादा उघाड़ेंगे घाव तो
नमक रगड़ने वाला
जरूर मिल जायेगा।

यह भी पढ़ें
HINDI KAVITA: शिल्प और शिल्पकार
HINDI KAVITA: भ्रष्टाचार
HINDI KAVITA: इत्तेफाक

अगर आप की कोई कृति है जो हमसे साझा करना चाहते हो तो कृपया नीचे कमेंट सेक्शन पर जा कर बताये अथवा contact@helphindime.in पर मेल करें.

यह कविता आपको कैसी लगी ? नीचे 👇 रेटिंग देकर हमें बताइये।

1 Star2 Stars3 Stars4 Stars5 Stars (No Ratings Yet)
Loading...

कृपया फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और whatsApp पर शेयर करना न भूले 🙏 शेयर बटन नीचे दिए गए हैं । इस कविता से सम्बंधित अपने सवाल और सुझाव आप नीचे कमेंट में लिख कर हमे बता सकते हैं।

Author:

सुधीर श्रीवास्तव
शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल
बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002