HINDI KAVITA: परिवेश
परिवेश परिवेश आजकल तेजी से बदल रहा है, आदर्शों, मर्यादाओं का भी क्षरण हो रहा है। अब तो औलादें भी माँ बाप बड़ो का सम्मान भूल रही हैं, आत्मीयता भी खड़े खड़े दम तोड़ रही है। सभ्यताओं, संस्कृतियोंबुजुर्गों का बुरा हाल है,एकल परिवारों कादौर चल रहा है।बड़ों को देखिएखुद सम्मान बचाना पड़ रहा है,अपने बच्चों, […]