यदि आप कोई ऐसा व्यक्ति हैं जो वास्तुशास्त्र में विश्वास करता है और यदि आप एक नया घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आपको ये article जरूर पढ़ना चाहिए । आमतौर पर एक बिल्डिंग में बने हुए फ्लैट्स में से ये तय कर पाना मुश्किल होता है की कौनसा फ्लैट वास्तु के हिसाब से उचित है ऐसे में वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेने की आवश्यकता है | स्वयं के द्वारा निर्माणशील घरों में वास्तु नियमों का पालन करना आसान हो जाता है। इन सुझावों को पढ़ें और जाने कि कैसे आप अपने घर को वास्तु के अनुकूल बना सकते हैं |
नीचे दिए गए टिप्स को फॉलो कर के अपने सपनों के घर को वास्तु के अनुकूल बना सकते हैं
Main Gate as per vastu(मुख्य द्वार)
ऊर्जाओं से ही सृजन संभव है | हम अपने नए घर में पूजा हवन इसलिए करते है ताकि नकारात्मक प्रभाव खत्म हो और सकारात्मक ऊर्जाओं का प्रवेश हो सके | एक घर का प्रवेश द्वार(Main Gate as per Vastu) सिर्फ लोगों के लिए नहीं है, बल्कि ऊर्जा के लिए भी है।ऊर्जा मुख्य द्वार से अंदर और बाहर बहती है। मुख्य द्वार रखने की अनुकूल दिशाएँ उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व हैं। इसके अतिरिक्त दिशाएँ अनुकूल नही होती इस बात का ध्यान रखें |
Rooms as per vastu(कमरों की दिशा क्या होनी चाहिए?)
घर में सुख समृद्वि के ना होने का एक कारण घर की गलत संरचना को भी माना जाता है ,जिसमें कमरों के अव्यस्थित निर्माण तो अत्यंत अशुभकारी माना जाता है |क्या आप जानते हैं कि हर कमरे को वास्तुशास्त्र के अनुसार एक निश्चित दिशा में बनाया जाना चाहिए ? अपने घर की खरीदारी करते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखें
Kitchen as per vastu(किचन)
रसोई किसी भी भारतीय घर का एक अभिन्न अंग है| रसोई परिवार में भाग्य, संतोष, प्रचुरता लाती है। किचन को घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। रसोई अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करती है ,यहीं से आग के सभी तत्वों को नियंत्रित किया जाता है। दक्षिण-पूर्व कोने के बाद दूसरा अगला सबसे अच्छा विकल्प उत्तर-पश्चिम कोना है |कभी भी ऐसा घर न खरीदें जहां रसोई उत्तर दिशा में बनी हो।
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Master bedroom as per vastu(मुख्य बेडरूम)
मुख्य बेडरूम को दक्षिण-पश्चिम दिशा में बनाया जाना चाहिए। दक्षिण-पूर्व में कभी नहीं, क्योंकि यह दिशा अग्नि तत्व द्वारा शासित है बेडरूम को दक्षिण-पश्चिम दिशा में बनाया जाना चाहिए। और वो दिशा सिर्फ रसोई के लिए श्रेष्ठ है | और मुख्य बेडरूम अन्य कमरों से बड़ा होना चाहिए |
Kids room as per vastu(बच्चों का कमरा)
आप बच्चों के कमरे को घर में दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखा जाना चाहिए।
वास्तु के हिसाब से घर में किस जगह पर होना चाहिए शौचालय
वास्तु शास्त्र के अनुसार, शौचालय/स्नानघर पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित होना चाहिए। उन घरों को खरीदने से बचें, जिनके पास अन्य दिशाओं में शौचालय हैं क्योंकि शौचालय नकारात्मकता का सूचक होते है और किसी गलत दिशा में इसका निर्माण बहुत कष्टकारी हो सकता है |
Rooms आकार और रूप as per vastu
वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ आपके कमरों के आकार पर दिशानिर्देश भी देते हैं। यद्यपि वृत्ताकार कमरे अधिक स्टाइलिश और फैशनेबल दिखते हैं, लेकिन वे वास्तु के अनुरूप नहीं हैं। कमरे आकार में चौकोर या आयत अच्छे होते है ।
वेंटिलेशन और धूप का प्रभाव
आम लोग पर भी जो वास्तु के बारे में ज्यादा समझ नहीं सकते वो भी एक तथ्य को मानते है की किसी घर की शुद्धता और सकारात्मकता के लिए धूप का प्रवेश करना बहुत जरूरी है| वास्तुशास्त्र के अनुसार उचित वेंटिलेशन और पर्याप्त धूप आवश्यक तत्व हैं। यह अपने साथ सकारात्मक ऊर्जा लाता है|
सेप्टिक टैंक का स्थान
एक सेप्टिक टैंक रसोई और बाथरूम से कचरे को तब तक रखता है जब तक कि इसे बाहर नहीं निकाला जाता है ।इसलिए इसमें नकारात्मकता निहित होती है ।यदि सेप्टिक टैंक गलत तरीके से बनाया गया है, तो एक सेप्टिक टैंक घर पर रहने वाले लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। सेप्टिक टैंक को केवल घर में उत्तर-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। सुनिश्चित करें कि यह किसी भी कीमत पर परिसर की दीवार को नहीं छूता हो|
कुछ अन्य महत्वपूर्ण Vastu Tips
घर का चयन अच्छे से देख कर किया जाना चाहिए , भूखंड जो आगे और पीछे के हिस्से में संकरे होते हैं उन्हें गौमुखी कहते हैं। और जो सामने चौड़े होते हैं और पीछे की तरफ संकीर्ण होते हैं उन्हें शेरमुखी प्लॉट कहा जाता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, उन भूखंडों से बचें जो त्रिकोणीय, गोलाकार, अंडाकार और अन्य अनियमित आकार के हैं। धार्मिक स्थलों के नज़दीक और कारखानों शमशान और उद्योगों के आस-पास की जगह से बचें जो आपको परेशान कर सकती है।
एक अच्छा घर ही एक अच्छे जीवन का आधार होता है तो आप घर खरीदते हुए या construction कराते हुए इन बातों का ध्यान जरूर रखें |