HINDI KAVITA: नयन
Last updated on: July 8th, 2021 नयन मूक रहकर भीबहुत कुछ कहते है,सुख दुःख ,हर्ष विषाद केभाव भी सहते है। हंसते मुस्कराते, रोते भी हैं अंतर्मन के भाव खोलते भी हैं। बहुत कुछ कहकर,जाने कितना कुछअनकहे रह जाते,नयनों की अपनी भाषा है, पर शायद हमें हीइन्हें पढ़ने का सलीका नहीं आता,तभी तो हम शिकायतें करते […]