HINDI KAVITA: भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार अविश्वसनीय सा लगता है पर भ्रष्टाचार का दीमक हर ओर पहुँच ही जाता है, अब क्या क्या, कहाँ कहाँ बताऊँ अब तो कहते हुए भी शर्म लगता है। अब आप ही बताइये इसे क्या कहेंगे? अब तो लाशों के साथ भी भ्रष्टाचार होता है। कौन है जो दावा कर सके कियहां भ्रष्टाचार नहीं होता […]