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Cellular Jail | Kalapani Jail History in Hindi | सेल्यूलर या कालापानी जेल का इतिहास
कालापानी या सेल्यूलर जेल के बारे में तो आप जानते ही होंगे। यह एक ऐसा जेल था जिसे ब्रिटिश शासनकाल के दौरान अंग्रेजों ने भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को कैद में रखने के लिए बनाया था। इस जेल में कैद सेनानियों को काफी ज्यादा अत्याचार और पीड़ा से गुजरना पड़ता था। यह जेल चारों ओर से पानी से घिरा हुआ था जिस वजह से इसे कालापानी के नाम से जाना जाता था। तो आइए जानते हैं काला पानी जेल के बारे में:-
कालापानी जेल का नाम कैसे पड़ा (How did Kalapani Jail get its name?)
कालापानी शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द काल से हुई है जिसका अर्थ होता है, समय या मृत्यु यानी कि कालापानी का अर्थ हुआ मृत्यु जल। काला पानी से तात्पर्य ऐसे स्थान से है जहां से कोई वापस लौट कर न आता हो। काला पानी की सजा के तहत लोगों को देश निकाला दिया जाता था। इस जेल में प्रत्येक कैदी के लिए पृथक कोठरी बनाई गई थी जिससे वे आपस में बात न कर सके।
इस जेल के कठोर अत्याचारों के साथ ही यहां का अकेलापन कैदियों के लिए सबसे भयानक होता था। कालापानी जेल भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की कठोर यातना और तकलीफों को बयां करता हैं। इस जेल की आबोहवा में आपको स्वतंत्रता सेनानियों की सांसें घुली हुई दिखाई देंगी।
कालापानी या सेल्यूलर जेल का इतिहास (History of Kalapani or Cellular Jail)
सेल्यूलर जेल भारत के केंद्र शासित प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप में स्थित है। यह यहां की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में बनी हुई है। वैसे तो अंडमान निकोबार काफी सुंदर प्रदेश है लेकिन यहां पर बना ये काला पानी जेल इसकी सुंदरता पर एक काले इतिहास की तरह है। यह जेल चारों ओरसे समुद्र से घिरी हुई थी। दरअसल, यह बंगाल की खाड़ी के क्षेत्र में बनी हुई है। यही वजह थी कि जेल की चारदीवारी को छोटा बनाया गया था जिससे कोई भी व्यक्ति इसे आसानी से पार भी कर ले। लेकिन तब भी वह जेल से बाहर नहीं निकल सकते थे क्योंकि यदि वह जेल से बाहर निकलने की कोशिश करते तो चारों तरफ फैले गहरे समुद्र में डूब के मर सकते थे।
कालापानी जेल की सजा का अर्थ था उन्हें भारत से हजार किलोमीटर दूर स्थित सागर के बीच घिरे इस जेल में कैद करना। यह जेल आजादी के दीवानों पर किए गए कठोर अत्याचार की गवाह है।
इस जेल को अंग्रेजों द्वारा निर्मित कराया गया था जिससे वे भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को कैद कर सके। इस तरह की जेल के निर्माण का विचार अंग्रेजी शासन के दिमाग में सन 1857 के विरोध के बाद ही आ गया था जिसके बाद इस जेल का निर्माण कार्य सन 1896 में प्रारंभ किया गया और इसके कुछ सालों बाद 1906 में जाकर यह बनकर तैयार हो गया। जब भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को कालापानी सेल्यूलर जेल में डाला जाता था तब आम भाषा में बोला जाता था कि उन्हें काला पानी की सजा हुई है। इसे कालापानी की सजा इसलिए भी बोला जाता था क्योकि चारो ओर सिर्फ निर्दयी समुद्र था और जमीन का कई किलोमीटर तक कोई नामों निशाँ नहीं होता था।
कालापानी जेल की संरचना (Structure of Kalapani Jail)
सेल्यूलर जेल में तीन मंजिल की 7 शाखाएं बनाकर तैयार की गई थी। इन सात शाखाओं के बीचों-बीच एक टावर बनाया गया था जिसका काम होता था कैदियों पर नजर रखना। इस टावर पर एक बहुत बड़ा घंटा भी लगाया गया था जब संकट की घड़ी या कोई परेशानी होती थी तब उस घंटे को बजाया जाता था। इस जेल में 696 कोठरियां बनाई गई थी। हर कोठरी का आकार 4.5 मीटर x 2.7 मीटर था।
इन कोठरियों में 3 मीटर की ऊंचाई पर खिड़कियां बनी हुई थी। ऐसे में आपको लग रहा होगा कि इन खिड़कियों के जरिए कोई भी कैदी आसानी से निकल सकता था लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि इस जेल के चारों तरफ पानी भरा हुआ था कि कोई चाह कर भी यहां से बाहर नहीं जा सकता था। इस जेल का नाम सेल्यूलर जेल इसलिए भी पड़ा क्योंकि यहां कि प्रत्येक कोठरी में सिर्फ एक ही कैदी को रखा जाता था जिस वजह से वह एक दूसरे से किसी भी रूप में बात नहीं कर पाते थे और यह एकांत और एकाकीपन उनके लिए सबसे ज्यादा खौफनाक होता था।
सेल्यूलर जेल की दीवारों को लाल ईंटों से निर्मित किया गया है जिन्हें म्यांमार से मंगवाया गया था उस दौरान म्यांमार को वर्मा के नाम से जाना जाता था। इसकी दीवारों पर आपको शहीदों के नाम लिखे दिखाई देंगे। वर्तमान में यहां एक संग्रहालय भी बनाया गया है, जहां पर उन सभी अस्त्रों को रखा गया है जिसके जरिए भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों पर अत्याचार किए गए थे। कालापानी जेल का निर्माण करने में कुल लागत 5 लाख 17 हज़ार रुपए लगी थी।
लेकिन अब इस कारागार में केवल तीन ही अंश बचे हैं क्योंकि आजादी के बाद इसकी बाकी शाखाओं को ध्वस्त कर दिया गया था। इन तीन शाखाओं तथा मुख्य टावर को वर्ष 1969 में राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया। इससे पहले वर्ष 1963 में यहां पर गोविंद बल्लभ पंत अस्पताल खोला गया जो कि अब 500 बिस्तर वाला अस्पताल बन चुका है। यहां पर 40 डॉक्टर मौजूद है जो यहां के निवासियों का इलाज करते हैं।
सेल्यूलर जेल में 10 मार्च 2006 को शताब्दी समारोह मनाया गया। इस समारोह में स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी गई थी।
सेलुलर जेल में किन क्रांतिकारियों को रखा गया था? (Which Freedom Fighters were kept in the Cellular Jail?)
सेल्यूलर जेल में सजा काटने वाले क्रांतिकारियों में से कुछ के नाम निम्नलिखित हैं:-
- गोपाल भाई परमानंद
- मौलाना अहमदउल्ला
- मौलवी अब्दुल रहीम सादिकपूरी
- बटुकेश्वर दत्त
- सोहन सिंह
- विनायक दामोदर सावरकर
- मौलाना फजल-ए-हक खैराबादी
- योगेंद्र शुक्ला
- वमन राव जोशी
- गोपाल भाई परमानंद
- डॉक्टर दीवान सिंह
- योगेंद्र शुक्ला
- एस चंद्र चटर्जी
इनके अलावा भी कई स्वतंत्रता सेनानियों को इस जेल में रखा गया। यहां पर रखे गए भारतीयों में से कई को फांसी की सजा सुनाई गई, तो कई अन्य कारणों से मर गए। लेकिन इसका रिकॉर्ड कहीं भी मौजूद नहीं है। यही वजह है कि इस जेल को भारतीय इतिहास का काला पन्ना भी कहा जाता है।
जब भारत में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम हुआ था उसके बाद ही वहाबी विद्रोह, मणिपुर विद्रोह में शामिल सेनानियों को भी इसी जेल में डाला गया था।
सेल्यूलर जेल एक पर्यटन स्थल के रूप में (Cellular Jail as a Tourist Destination)
काला पानी जेल एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। लेकिन यहां पर घूमने जाने से पहले आपको यहां जाने की टाइमिंग पता होनी चाहिए। यहां पर आप सुबह के 9:00 बजे से लेकर दोपहर के 12:30 बजे तक घूम सकते हैं या फिर दोपहर के 1:30 बजे से लेकर शाम के 4:45 तक, जब भी आप यहां घूमने जाएं यहां के लाइट एंड साउंड शो को देखना न भूलें।
इस शो का आयोजन शाम के 6:00 बजे से रात के 7:15 बजे तक किया जाता है। यह शो यहाँ की अथॉरिटी द्वारा करवाया जाता है जो कि मंगलवार, गुरुवार, शनिवार और रविवार को आयोजित किया जाता है। स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल कैदियों की याद में इसका आयोजन किया जाता है। इस शो के एंट्री फीस ₹50 प्रति व्यक्ति है। इसके अलावा यहां पर एक आर्ट फोटो गैलरी भी है जो कि सोमवार 9:00 बजे से 12:00 और 2:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है।
काला पानी जेल के बारे में रोचक तथ्य (Interesting & Amazing facts about Kalapani Jail in Hindi)
- साल 1942 में जापानी सैनिकों ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान इस पर कब्जा कर लिया जिसके बाद इस जेल में ब्रिटिश सैनिकों को भी कैद किया गया था।
- कालापानी जेल में कैदियों को बिना खाए-पिए कठोर काम करवाए जाते थे।
- कालापानी जेल एशिया की सबसे बड़ी जेलों में से एक है। लेकिन वर्तमान में यह प्रसिद्ध राष्ट्रीय स्मारक बन चुका है।
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना Cellular Jail | Kalapani Jail History in Hindi | सेल्यूलर या कालापानी जेल का इतिहास, उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
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Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।